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अमेरिका की मदद करने वाले अफगानी को फांसी देते तालिबान का नहीं है ये वीडियो

वीडियो में दिख रहा शख्स असल में कंधार के गवर्नर हाउस पर झंडा फहराने की कोशिश कर रहा है

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सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर कर दावा किया जा रहा है कि अमेरिकी सेना के वापस लौटते ही तालिबान (Taliban) ने अमेरिका (America) की मदद करने वाले एक अफगानी नागरिक को हेलीकॉप्टर से लटकाकर फांसी दे दी. वीडियो में एक शख्स हेलीकॉप्टर से लटका दिख रहा है.

हालांकि, वेबकूफ की पड़ताल में ये दावा झूठा निकला. वीडियो को जूम - इन करने पर देखा जा सकता है कि हेलीकॉप्टर में लटकता दिख रहा शख्स हाथ हिला रहा है. अफगानिस्तान के स्थानीय पत्रकार और मीडिया एजेंसी ने भी पुष्टि की है कि वीडियो में दिख रहा शख्स कंधार स्थित गर्वनर हाउस पर झंडा फहराने की कोशिश कर रहा है. फांसी दिए जाने का दावा भ्रामक है.

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दावा

वीडियो को कई वेरिफाइड ट्विटर हैंडल्स से इसी दावे के साथ शेयर किया गया कि अमेरिकी सेना के लौटते ही तालिबान ने अमेरिका की मदद करने वाले नागरिक को फांसी दे दी. वीडियो इस दावे से शेयर करने वालों में जी न्यूज के एडिटर इन चीफ सुधीर चौधरी, एबीपी न्यूज के पत्रकार बृजेश राजपूत, पत्रकार श्वेता भट्टाचार्य समेत कई नाम शामिल हैं.

आज तक, ऑप इंडिया, इंडिया टुडे, रिपब्लिक टीवी समेत कई मीडिया प्लेटफॉर्म्स की रिपोर्ट में यही दावा किया गया. द क्विंट ने भी मामले को रिपोर्ट किया था.

वीडियो में दिख रहा शख्स असल में कंधार के गवर्नर हाउस पर झंडा फहराने की कोशिश कर रहा है

पोस्ट का अर्काइव यहां देखें

सोर्स : स्क्रीनशॉट/ट्विटर

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पड़ताल में हमने क्या पाया?

वायरल वीडियो को ध्यान से देखने पर समझ आता है कि हैलीकॉप्टर में दिख रहा शख्स झूल रहा है और जीवित स्थिति में है. वीडियो को जूम-इन करने पर भी ऐसा कुछ नजर नहीं आता कि फांसी दिए जाने के दावे की पुष्टि हो.

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अफगानी पत्रकार बिलाल सरवरी ने एक ट्वीट कर वीडियो को लेकर सोशल मीडिया पर किए जा रहे दावों को निराधार बताया है. सरवरी ने ट्वीट किया-

'' ये अफगानी पायलट है, जिसे मैं सालों से जानता हूं. उसने यूएस और यूएई में ट्रेनिंग ली है. उसने निजी तौर पर मुझसे बात कर पुष्टि की है कि वही Blackhawk हेलीकॉप्टर उड़ा रहा था. हवा में झूलता दिख रहा तालिबानी झंडा लगाने की कोशिश कर रहा है, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया'' (ट्वीट का हिंदी अनुवाद)

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मामले से जुड़े कीवर्ड सर्च करने पर हमें रायटर्स की रिपोर्ट मिली. जिसमें बताया गया है कि शुरुआत में तालिब न्यूज नाम के एक ट्विटर हैंडल से ये वीडियो शेयर हुआ था. ट्विटर हैंडल की बायो में इसे तालिबान के बनाए समूह ''इस्लामिक एमिरेट्स ऑफ अफगानिस्तान'' का ऑफिशियल हैंडल बताया गया है.

वहीं वीडियो को इस ट्वीट में कंधार शहर पर पेट्रोलिंग करते विमान का बताया गया है. हालांकि अब ये अकाउंट सस्पेंड हो चुका है. लेकिन रायटर्स के पास ट्वीट का अर्काइव है, जिसमें यही वीडियो देखा जा सकता है.

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सोशल मीडिया पर फैक्ट चेकर्स ने इसी वीडियो का एक और वर्जन सोशल मीडिया पर शेयर किया है. जिसमें हेलीकॉप्टर के नीचे लटके शख्स को हाथ हिलाते हुए देखा जा सकता है.

फैक्ट चेकिंग वेबसाइट ऑल्ट न्यूज ने इस मामले में अफगान न्यूज एजेंसी से भी संपर्क किया. एजेंसी ने ये पुष्टि की है कि वायरल वीडियो में दिख रहा शख्स कंधार में स्थित गवर्नर ऑफिस पर झंडा फहराने की कोशिश कर रहा है. अफगान न्यूज एजेंसी ने 30 अगस्त को एक ऐसा ही वीडियो ट्वीट किया था. कैप्शन में यही बताया गया था कि ये अफगानिस्तान के गवर्नर हाउस के ऊपर उड़ते Blackhawk हेलिकॉप्टर का है.

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ट्विटर यूजर जाहिद जलाल ने भी वीडियो और कुछ तस्वीरें शेयर की हैं. इनमें से एक तस्वीर में हेलीकॉप्टर के नीचे लटक रहे शख्स को हाथ हिलाते हुए साफतौर पर देखा जा सकता है.

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खान मोहम्मद अयान, नाम के फेसबुक यूजर का 30 अगस्त को पोस्ट किया गया इसी हैलिकॉप्टर का एक अन्य वीडियो भी हमें मिला. इसमें साफतौर पर हैलीकॉप्टर के नीचे लटके शख्स को झंडे के पोल के पास आते हुए देखा जा सकता है.

वीडियो में दिख रहा शख्स असल में कंधार के गवर्नर हाउस पर झंडा फहराने की कोशिश कर रहा है

सोर्स : स्क्रीनशॉट/फेसबुक

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तालिबानियों के पास कहां से आया अमेरिकी Blackhawk हैलीकॉप्टर

बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, 15 अगस्त को काबुल पर कब्जा करने के बाद से ही तालिबानी अमेरिकी सेना के वाहन और हाईटेक हथियारों का इस्तेमाल करते हुए वीडियो शेयर करते देखे गए हैं. बीबीसी की ही एक अन्य रिपोर्ट में बताया गया है कि अमेरिकी सेना 31 अगस्त को 73 एयरक्राफ्ट और 100 वाहन अफगानिस्तान में ही छोड़ गई. हालांकि, अमेरिकी सेना के प्रमुख अधिकारी जेन कैनेथ मैकेंजी ने कहा है कि इन सभी को इस तरह से निष्क्रिय किया गया है कि कोई और इनका उपयोग नहीं कर पाएगा.

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तालिबान द्वारा अमेरिकी सरकार की मदद करने वाले अफगानी को फांसी देने का दावा करते ट्वीट्स को ट्विटर ने ''गलत संदर्भ'' के रूप में मार्क भी किया है.

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