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तालिबानी नेता अब्दुल गनी के अफगानिस्तान राष्ट्रपति भवन में घुसने की नहीं ये फोटो

ये फोटो मार्च की है, जब Taliban का सह-संस्थापक मुल्ला बरादर मास्को में शांति सम्मेलन में शामिल होने पहुंचा था.

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सोशल मीडिया पर Taliban नेता मुल्ला अब्दुल गनी बरादर की एक फोटो शेयर की जा रही है, जिसमें अब्दुल गनी चलते हुए दिख रहा है. इसे शेयर कर ये दावा किया जा रहा है कि अब्दुल गनी काबुल में राष्ट्रपति भवन में घुसता हुई दिखाई दे रहा है.

हालांकि, हमने पाया कि ये फोटो हाल की नहीं, बल्कि मार्च की है, जब तालिबान का सह-संस्थापक मुल्ला बरादर तालिबान के प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों के साथ रूस के मॉस्को में हुई एक अंतरराष्ट्रीय शांति सम्मेलन में शामिल होने पहुंचा था.

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दावा

फोटो इस दावे से शेयर की जा रही है, ''तालिबानी नेता, मुल्ला अब्दुल गनी बरादर ने कतर और अमेरिका की ग्रीन लाइट की मदद से (यानी उनकी वजह से) अफगानिस्तान के राष्ट्रपति भवन में प्रवेश किया है. वह अब अशरफ गनी के साथ बात कर रहा है. गनी इस्तीफा देंगे और बरादर अफगानिस्तान का राष्ट्रपति बनेगा.''

कई सोशल मीडिया यूजर्स ने इस फोटो को ऐसे ही दावों के साथ शेयर किया है. इनके आर्काइव आप यहां, यहां और यहां देख सकते हैं.

पड़ताल में हमने क्या पाया

फोटो को ध्यान से देखने पर हमें 'AP' यानी Associated Press का वॉटरमार्क दिखा.

हमने गूगल पर फोटो को रिवर्स इमेज सर्च किया और हमें 'Voa News' पर पब्लिश एक आर्टिकल मिला, जिसमें ये फोटो इस्तेमाल की गई थी.

फोटो के कैप्शन में लिखा गया था, ''तालिबान राजनीतिक डिप्टी मुल्ला अब्दुल गनी बरादर, बीच में, 18 मार्च 2021 को रूस के मॉस्को में आयोजित अफगान शांति सम्मेलन में तालिबान के प्रतिनिधिमंडल के अन्य सदस्यों के साथ पहुंचा''

इसके बाद, हमने AP का आर्काइव देखा. हमें ये फोटो यहां भी मिली.

क्विंट की वेबकूफ टीम इससे पहले फेक दावे के साथ शेयर हो रहे वीडियो को डिबंक कर चुकी है. वीडियो शेयर कर ये दावा किया जा रहा था कि वीडियो में तालिबान 'काबुल में राष्ट्रपति भवन पर कब्जा' करते हुए दिखाई दे रहा है.

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क्या हालात हैं अफगानिस्तान के

न्यूज एजेंसी AFP के मुताबिक, अब्दुल गनी बरादर अफगानिस्तान में नई समावेशी सरकार बनाने पर बातचीत करने के लिए, शनिवार 21 अगस्त को काबुल पहुंचा था.

वो दो दशकों से ज्यादा समय के बाद 17 अगस्त को अफगानिस्तान पहुंचा. 15 अगस्त को राष्ट्रपति अशरफ गनी के देश छोड़कर चले जाने के बाद इस क्षेत्र में तालिबान ने अपना नियंत्रण स्थापित कर लिया है.

ये बात सही है कि तालिबान का सह-संस्थापक बरादर अफगानिस्तान में है, लेकिन ये फोटो उसके और उसके प्रतिनिधियों के काबुल में बने राष्ट्रपति भवन में घुसने की नहीं है.

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