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हिंदू टीचर ने हिंदू छात्र को पीटा,चव्हाणके ने इसे 'ईसाई Vs हिंदू' का रंग दे दिया

Suresh chavhanke के कुत्सित झूठ का पर्दाफाश, कहा था- 'रूद्राक्ष पहनने के कारण छात्र पीटा गया'

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सोशल मीडिया पर तमिलनाडु (Tamilnadu) का एक वीडियो शेयर हो रहा है, जिसमें एक क्लास में एक स्टूडेंट को एक टीचर पीटते दिख रहा है. इस वीडियो को Sudarshan News के एडिटर इन चीफ सुरेश चव्हाणके ने ट्वीट कर दावा किया है कि स्टूडेंट हिंदू है और उसे एक ईसाई शिक्षक ने रुद्राक्ष पहनने की वजह से पीटा है.

हालांकि, क्विंट की वेबकूफ टीम की पड़ताल में ये दावा झूठा निकला. मीडिया रिपोर्ट्स और पुलिस एफआईआर के मुताबिक, शिक्षक ने स्टूडेंट को इसलिए पीटा था क्योंकि वो क्लास जॉइन नहीं कर रहा था. इस मामले में कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है.

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दावा

सुरेश चव्हाणके ने वीडियो शेयर कर कैप्शन में लिखा है, ''इस हिंदू छात्र को तमिलनाडु के एक सरकारी स्कूल में इसलिए पीटा जा रहा है क्योंकि उसने "रुद्राक्ष" पहन रखा था..!! ईसाई शिक्षक ने छात्र को बेरहमी से पीटा और स्कूल से भी निकाल दिया..!!

आर्टिकल लिखे जाने तक इस पोस्ट को करीब 4,000 लाइक और 6,000 से ज्यादा रिट्वीट मिल चुके हैं.

इस वीडियो को दूसरे यूजर्स ने भी इसी दावे से शेयर किया है. इनके आर्काइव आप यहां, यहां और यहां देख सकते हैं.

पड़ताल में हमने क्या पाया

हमने वीडियो से जुड़े जरूरी कीवर्ड का इस्तेमाल कर घटना से जुड़ी न्यूज रिपोर्ट सर्च कीं. हमें 15 अक्टूबर को The Hindu पर पब्लिश एक रिपोर्ट मिली, जिसकी हेडलाइन थी, ''Teacher held for kicking Dalit boy in classroom'' (अनुवाद- कक्षा में छात्र को लात से मारने वाला शिक्षक गिरफ्तार)

इस आर्टिकल में वही विजुअल इस्तेमाल किया गया था, जो वीडियो में भी देखा जा सकता है.

आर्टिकल के मुताबिक, तमिलनाडु के कडलोर जिले के चिदंबरम मेंं नंदनार गवर्नमेंट बॉयज हायर सेकेंडरी स्कूल में सुब्रमण्यन नाम के एक शिक्षक ने 12वीं के एक 17 वर्षीय छात्र को इसलिए पीटा, क्योंकि वो क्लास अटेंड नहीं कर रहा था. क्लास में मौजूद किसी स्टूडेंट ने घटना का वीडियो बना लिया. वायरल होने के बाद शिक्षक पर कार्रवाई करते हुए उसे गिरफ्तार भी कर लिया गया है.

शिक्षक के खिलाफ IPC की धारा 294 (B) (सार्वजनिक जगह पर परेशानी भरे शब्द बोलना), 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना), जुवेनाइल जस्टिस एक्ट, 2015 की धारा-75 और 324 (खतरनाक हथियारों या साधनों से चोट पहुंचाना) के तहत मामला दर्ज किया गया है.

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हमें इस मामले से जुड़ी एक रिपोर्ट Indian Express पर भी मिली, जिसमें ऊपर बताई गई जानकारी दी गई थी.

इसके अलावा, हमने इस बारे में ज्यादा जानकारी के लिए चिदंबरम टाउन पुलिस स्टेशन के इंसपेक्टर अरुमुगम से बात की. उन्होंने बताया

जिस लड़के की पिटाई हुई वह अनुसूचित जनजाति से आता है, इसलिए अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग को भी मामले की जानकारी दी गई है

हमें तमिलनाडु पुलिस की ऑफिशियल वेबसाइट पर मामले से जुड़ी एफआईआर की एक कॉपी भी मिली. FIR के मुताबिक, आरोपी का नाम सुब्रमण्यन है जो फिजिक्स टीचर है. और उस पर 294 (B), 323 और 324 के साथ-साथ जुवेनाइल जस्टिस एक्ट, 2015 की धारा-75 के तहत केस दर्ज किया गया है.

(नोट: एफआईआर की कॉपी देखने के लिए दाईं ओर स्वाइप करें)

  • ये घटना 13 तारीख को हुई थी

    (सोर्स: तमिलनाडु पुलिस की ऑफिशियल वेबसाइट)

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कडलोर के डीएसपी ऑफिस से भी हमने संपर्क किया. ऑफिस ने ये पुष्टि की है कि

इस मामले में हिंदू-ईसाई जैसा कोई एंगल नहीं है, क्योंकि आरोपी और पीड़ित दोनों ही हिंदू हैं. चूंकि पीड़ित अनुसूचित समुदाय से है इसलिए आरोपी के खिलाफ एससी और एसटी अमेंडमेंट एक्ट 2015 के आधार पर भी मामला दर्ज किया गया है.

मतलब साफ है कि तमिलनाडु के एक स्कूल में एक स्टूडेंट की पिटाई का वीडियो झूठे सांप्रदायिक दावे से शेयर किया जा रहा है.

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