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नल के पानी से नहीं फैलता कोरोना, वायरल वीडियो पूरा सच नहीं दिखा रहा

वीडियो वीडियो में कोरोना टेस्टिंग किट में नल का पानी डालकर नतीजा कोरोना पॉजिटिव आता दिखाया गया है

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सोशल मीडिया पर एक वायरल वीडियो में नल के पानी का कोरोना टेस्ट होता दिख रहा है. वीडियो को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि नल के इस पानी में कोरोनावायरस (Coronavirus) है. कई यूजर्स का ये भी दावा है कि कोरोना की होम टेस्टिंग किट में कुछ खराबी है, जिस वजह से रिजल्ट पॉजिटिव आया.

हालांकि, हमारी पड़ताल में सामने आया कि ये दोनों ही दावे भ्रामक हैं. वीडियो में कोरोना टेस्टिंग किट का इस्तेमाल सही ढंग से नहीं किया गया. स्टडीज में सामने आया कि इस तरह से टेस्ट करने पर सिर्फ पानी ही नहीं, सॉफ्ट ड्रिंक, कोक, अल्कोहल और फल जैसे पदार्थ भी कोरोना पॉजिटिव लग सकते हैं.

इसके अलावा, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कहा है कि कोरोनावायरस पीने के पानी या घर में इस्तेमाल होने वाले पानी में नहीं रह सकता. क्योंकि इस पानी में ऐसे तत्व मौजूद रहते हैं जो वायरस, बैक्टीरिया आदि से पानी को बचाएं.
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हमने इंटरनल मेडिसिन स्पेशलिस्ट और किताब The Coronavirus: What You Need to Know about the Global Pandemic के लेखक स्वप्निल पारिख से संपर्क किया. स्वप्निल ने बताया कि वायरल वीडियो में दिखाए जा रहे नतीजे गलत हैं. क्योंकि ये टेस्ट पानी की टेस्टिंग के लिए डिजाइन नहीं किया गया है.

दावा

कोविड-19 टेस्ट के फोटो और वीडियो शेयर कर कैप्शन में कई यूजर्स ने दावा किया कि नल का पानी कोरोना पॉजिटिव निकला. एक अन्य यूजर ने फेसबुक पर वीडियो शेयर करते हुए ये टेस्ट किट न इस्तेमाल करने की चेतावनी भी दी.

ये दावा करते पोस्ट और अर्काइव यहां, यहां और यहां देखे जा सकते हैं.

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पड़ताल में हमने क्या पाया ?

वीडियो में दिख रही कोविड-19 टेस्ट किट BinaxNOW ने बनाई है. प्रोडक्ट मैनुअल में बताया गया है कि किट का इस्तेमाल किस तरह से किया जाना चाहिए. मैनुअल में साफ लिखा है कि टेस्ट का नतीजा 15 मिनट बाद दिखेगा.

इसके उलट वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि टेस्ट का रिजल्ट 3 मिनट बाद ही आ गया. मैनुअल में ये भी लिखा है कि ''15 मिनट से पहले या 20 मिनट के बाद टेस्ट का रिजल्ट देखने पर इसके नतीजे गलत हो सकते हैं.''


इस दावे का फैक्ट चेक कई अंतरराष्ट्रीय फैक्ट चेकिंग संस्थाओं ने किया है.

कोविड टेस्टिंग किट बनाने वाली कंपनी के प्रवक्ता ने न्यूज एजेंसी रायटर्स को बताया कि BinaxNOW की किट नाक में स्वैब डालकर सैम्पल लेने के लिए डिजाइन की गई है.
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कंपनी के प्रवक्ता ने आगे कहा कि अगर टेस्टिंग किट को सही ढंग से इस्तेमाल किया जाए तो सही नतीजे आने की काफी संभावना है.

दूसरे तरह के लिक्विड में केमिकल होते हैं, जो टेस्ट स्ट्रिप में केमिकल रिएक्शन पैदा कर सकते हैं. इनसे गलत और भ्रामक नतीजे सामने आते हैं.
जैसा कि कंपनी के प्रवक्ता ने रायटर्स को बताया

कंपनी ने अपने यूट्यूब चैनल पर एक वीडियो के जरिए समझाया है कि कैसे टेस्ट किट को सही तरीके से इस्तेमाल किया जाना चाहिए.

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डॉ. पारिख ने कहा कि रेपिड एंटीजन टेस्ट (RAT) पर दिए गए इंस्ट्रक्शन के मुताबिक ही टेस्ट किट का उपयोग होना चाहिए.

लोगों ने नल का पानी, डाइट कोक और कई तरह के रसों से कोविड-19 का टेस्ट किया. इस तरह की चीजों से रिजल्ट पॉजिटिव दिख सकता है लेकिन ये सही नहीं है. टेस्ट किट का अगर इस्तेमाल ऐसे किया जाए, जिसके लिए वो बनी ही नहीं, तो जाहिर है आपको सही नतीजे नहीं मिलेंगे.
डॉ. पारिख
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हमें इंटरनेशनल जर्नल ऑफ इनफेक्शियस डिजीस में अक्टूबर को किए गए एक्सपेरिमेंट से जुड़ी रिपोर्ट मिली. इसमें कोविड19 RATs किट में सॉफ्ट ड्रिंक, एनर्जी ड्रिंक और अल्कोहल का इस्तेमाल किया गया था.


स्टडी में सामने आया कि ''इस तरह के तरीकों से कोरोना वायरस के टेस्ट के गलत नतीजे सामने आने की काफी संभावना है. हालांकि, स्टडी में ऐसा कहीं नहीं कहा गया है कि इस तरह के टेस्ट को सही तरीके से करने पर नतीजे विश्वसनीय आएंगे या नहीं.

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नल का पानी हो सकता है कोरोना पॉजिटिव?

WHO के वैश्विक महामारी से निपटने के लिए बनाए गए विशेष विभाग के डायरेक्टर Dr Sylvie Briand the ने सितंबर 2020 में कहा था कि कोरोना संक्रमण पानी के जरिए नहीं फैल सकता.

अमेरिका की शीर्ष रिसर्च संस्था CDC की वेबसाइट में भी लिखा है कि '' वॉटर ट्रीटमेंट के जरिए कोरोना संक्रमण पर काबू पाने की कोशिश करनी चाहिए. नगर निगमों को पीने के पानी के जरिए उन निष्क्रिय वायरस को हटाना/धोना चाहिए जिनसे कोरोना हो सकता है. ''
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मतलब साफ है - सोशल मीडिया पर वायरल दोनों दावे गलत हैं. पहला - कोरोना की होम टेस्ट किट कारगर नहीं हैं, दूसरा नल के पानी से कोरोना संक्रमण फैल सकता है.

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