ADVERTISEMENTREMOVE AD

ढाका में हुआ मुसलमानों का प्रदर्शन, फतेह ने बता दिया कोलकाता का

बांग्लादेश रोहिंग्या प्रदर्शन को तारेक फतेह ने बताया कोलकाता का, ये है असलियत

Published
छोटा
मध्यम
बड़ा
ADVERTISEMENTREMOVE AD

वीडियो एडिटर: अभिषेक शर्मा

सफेद टोपी पहने और हाथों में 'स्टॉप किलिंग रोहिंग्या मुस्लिम्स’ की तख्तियां लिए मुसलमानों के प्रोटेस्ट का एक वीडियो, कनाडा के पत्रकार और हमेशा फेक न्यूज शेयर करने वाले, तारेक फतह ने  कोलकाता में 'इस्लाम जिंदाबाद' के नारे का वीडियो बताकर शेयर किया

हमेशा फेक न्यूज शेयर करने वाले तारेक फतेह ने एक वीडियो शेयर कर दावा किया कि कोलकाता में 'इस्लाम जिंदाबाद' के नारे लगाए गए.

वीडियो शेयर करते हुए, फतेह ने दावा किया कि "इस्लाम जिंदाबाद" के नारे कोलकाता में लगाए गए

बांग्लादेश रोहिंग्या प्रदर्शन को तारेक फतेह ने बताया कोलकाता का, ये है असलियत

अब ट्वीट हटा लिया गया है. इस ट्वीट को 1,46,000 से अधिक बार देखा गया और 6,000 रीट्वीट किए गए. इसे फेसबुक और ट्विटर पर भी कई लोगों ने शेयर किया था. लेकिन तारेक फतेह के कई दूसरे ट्वीट्स की तरह ही ये दावा भी नकली निकला टीम वेबकूफ ने किया फतेह के दावे का पर्दाफाश किया.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

हमारी जांच के दौरान, हमें दो चीजें पता चलीं:

  • हम पता लगा सकते हैं कि ये वीडियो सितंबर 2017 का है
  • कोलकाता नहीं, म्यांमार दूतावास की ओर मार्च करते हुए ढाका में एक इस्लामिक संगठन का वीडियो है

रिवर्स इमेज सर्च से पता चला कि वीडियो सितंबर 2017 का है. वीडियो के प्रमुख फ़्रेमों के रिवर्स इमेज सर्च से हम एक यूट्यूब चैनल पर गए, जिसका नाम 'स्पाइसी इन्फोट्यूब' है, जिसके मुताबिक 13 सितंबर 2017 को एक कैप्शन के साथ वीडियो अपलोड किया था कि ये बांग्लादेश में एक इस्लामी संगठन द्वारा किए गए विरोध प्रदर्शन का वीडियो है

हमें IAB के छात्र संगठन Islami Shasontantra Chhatra Andolan (ISCA) के YouTube चैनल पर भी मार्च का वीडियो मिला. IAB ने भी अपने फेसबुक पेज पर रैली की घोषणा की थी, जिसमें लोगों से “13 सितंबर को ढाका में म्यांमार दूतावास के आसपास रहने” को कहा गया था

इसके अलावा, एक कीवर्ड सर्च से हमें एक समाचार रिपोर्ट भी मिला, एक ऑनलाइन समाचार आउटलेट, Banglanews24, ने भी 13 सितंबर, 2017 को लिखा था कि एक इस्लामी राजनीतिक संगठन, Islami Andolan Bangladesh (IAB), ने म्यांमार दूतावास के सामने रोहिंग्या मुसलमानों पर हो रहे टॉर्चर और हत्या का विरोध करने के लिए ये रैली आयोजित की थी...

रैली को ढाका के शांति नगर जंक्शन पर रोक दिया गया था, फतेह ने जो वीडियो शेयर किया उसमें बांग्लादेशी झंडा और ढाका पुलिस दिख रही है, इसके अलावा, जो विजुअल दिख रहे हैं उससे भी ये साबित होता है कि ये वीडियो बांग्लादेश का है न कि भारत का.

हरे रंग का बैकग्राउंड और बीच में एक लाल बिंदी के साथ बांग्लादेश का झंडा वीडियो के एक स्टिल-शॉट में देखा जा सकता है. पुलिस अधिकारियों को वर्दी पहने हुए भी देखा जा सकता है जो ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस या डीएमपी के जैसा है. ISCA के यूट्यूब चैनल पर जो क्लू मिले, समाचार रिपोर्ट और वीडियो को देखते हुए, ये साफ है कि तारेक फतेह ने अपने 6 लाख से अधिक फॉलोअर्स को गुमराह किया है.

अगर कोई ऐसा वीडियो, फोटो या जानकारी है जिसे आप वेरिफाई करना चाहते हैं, तो हमें 9646351818 पर WhatsApp करें या webqoof@thequint.com पर हमें लिखें. तब तक, क्विंट हिंदी को लाइक, शेयर और सब्सक्राइब करें और WebQoof न बनें!

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×