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UP की फैक्ट्री में हुए धमाके को दिया जा रहा गलत सांप्रदायिक रंग, ये रहा पूरा सच

उत्तरप्रदेश के बुलंदशहर में केमिकल फैक्ट्री में हुए बिस्फोट को सुदर्शन न्यूज ने हिंदू Vs मुस्लिम का झूठा रंग दिया

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Sudarshan News UP नाम के ट्विटर हैंडल से विस्फोट और जले हुए दिख रहे शवों के वीडियो को सांप्रदायिक दावे के साथ सोशल मीडिया पर शेयर किया गया.

दावा : वीडियो शेयर कर दावा किया गया कि उत्तरप्रदेश के बुलंदशहर (Bulandshahr) में मस्जिद के पास रहने वाले मोहम्मद शफीक के घर मे ब्लास्ट हुए, जिससे उनके परिवार के लोगों की मौत हुई. दावे में आगे कहा गया है कि शफीक के घर से केमिकल के ड्रम बरामद हुए.

(वीडियो की प्रकृति गंभीर है, इसलिए इससे जुड़ा कोई लिंक हम शेयर नहीं कर रहे हैं)

सोशल मीडिया पर कई यूजर्स ने ये दावा किया अर्काइव यहां, यहां और यहां देख सकते हैं. सुदर्शन न्यूज ने अपने फेसबुक पोस्ट में भी यही दावा किया.

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क्या ये सच है ?: उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में स्थित नए गांव के पास खेतों में बने एक घर में जोरदार धमाका हुआ. पुलिस ने आशंका जताई थी कि इस घर में केमिकल बनाने से जुड़ा कोई काम चल रहा था. ये सच है कि इस हादसे के बाद मौके से चार शव बरामद हुए, लेकिन मामले में आरोपी मुस्लिम शख्स नहीं है. मौका-ए वारदात से जिन लोगों के शव बरामद हुए उनमें से किसी का भी नाम शफीक नहीं है.

कौन हैं हादसे के आरोपी ? : मामले का सच जानने के लिए हमने बुलंदशहर के कोतवाली शहर इलाके के एडिशनल SP सुरेंद्रनाथ तिवारी से संपर्क किया. SP सुरेंद्रनाथ हादसे को लेकर सरकार की तरफ से गठित की गई जांच टीम के भी सदस्य हैं. उन्होंने क्विंट को बताया कि मामले में ऐसा कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है, जैसा कि दावा किया जा रहा है.

मामले को लेकर अब तक कोई सांप्रदायिक एंगल सामने नहीं आया है. जिस कंपनी में ये हादसा हुआ उसके मालिक का नाम राजकुमार है. राजकुमार ही इस केस में मुख्य आरोपी है.
सुरेंद्रनाथ तिवारी, एडिशनल SP, बुलंदशहर कोतवाली सिटी

मामले को लेकर दर्ज FIR में भी आरोपी के पूरे परिवार का नाम बताया गया है. FIR के मुताबिक राजकुमार और उसके सगे भाई विनोद इस फैक्ट्री का संचालन कर रहे थे.

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बुलंदशहर के पुलिस अधीक्षक श्लोक कुमार ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया है कि कंपनी का संचालन करने वाला शख्स राजकुमार था.

मौके पर जब हमारी टीम पहुंची तो वहां ऐसे कुछ सुबूत मिले, जिनसे पता चला कि एक कंपनी है एमएस केयर फंड ट्रेडर्स, जो राजकुमार के नाम पर पंजीकृत है. कंपनी के पास केमिकल से जुड़ी डीलिंग करने का लाइसेंस था.
श्लोक कुमार, पुलिस अधीक्षक (SP), बुलंदशहर
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हादसे में मारे गए लोगों के नाम ? : हमने बुलंदशहर के स्थानीय पत्रकार संदीप तयाल से संपर्क किया. उन्होंने क्विंट हिंदी को बताया कि मौका-ए-वारदात से 31 मार्च को चार लोग विनोद, रहीस, आहद, अभिषेक और चंद्रपाल के शव मिले. घटना के बाद से बबली और नौबतराम लापता थे. बाद में बबली की शिनाख्त बालों और नौबतराम की शिनाख्त हाथ से हुई.

पत्रकार संदीप तयाल ने भी पुष्टि की कि मामले में कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है.

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आरोपी राजकुमार गिरफ्तार : बुलंदशहर पुलिस ने आरोपी राजकुमार और उसके भाई और एक अन्य आरोपी को नोएडा से गिरफ्तार कर लिया. बुलंदशहर पुलिस ने 3 अप्रैल को अपने ट्विटर हैंडल से गिरफ्तारी से जुड़ी दैनिक जागरण की खबर ट्वीट की थी.

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निष्कर्ष : मतलब साफ है, सोशल मीडिया पर किया जा रहा ये दावा सरासर गलत है कि बुलंदशहर में मस्जिद के सामने रहने वाला शफीक और उसका समूचा परिवार ब्लास्ट में मारे गए और ये लोग केमिकल बनाने का काम करते थे. केमिकल बनाने से जुड़ी जिस फैक्ट्री में धमाका हुआ, उसका मालिक और मुख्य आरोपी राजकुमार है.

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