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UP सीएम योगी आदित्यनाथ को बुजुर्ग ने गली में जाने से रोका?गलत दावा

योगी आदित्यनाथ का दौरा कंटनमेंट जोन में था, जिस वजह से खाट और रस्सी लगाकर बैरिकेड बनाया गया था.

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सोशल मीडिया पर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ का एक वीडियो वायरल हो रहा है. इसे शेयर कर दावा किया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश के मेरठ के बिजौली गांव में रहने वाले एक बुजुर्ग ने खाट का इस्तेमाल कर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक गली में घुसने से रोक दिया.

हालांकि, मेरठ पुलिस और एक स्थानीय रिपोर्टर ने इस दावे का खंडन करते हुए कहा कि वायरल हो रहे वीडियो में मुख्यमंत्री एक कोरोना पीड़ित परिवार से मिलते हुए दिख रहे हैं. और वो क्षेत्र कंटेनमेंट जोन था, इसलिए चारपाई और रस्सी का इस्तेमाल करके अस्थाई बैरिकेडिंग लगाई गई थी.

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दावा

पश्चिमी यूपी युवा कांग्रेस के अध्यक्ष ओमवीर यादव ने वीडियो शेयर करते हुए दावा किया है कि: ''ब्रेकिंग न्यूज़- बस करो अब हमें आपकी ज़रूरत नहीं है- जनपद मेरठ के बिजौली गांव में एक बुजुर्ग ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अपनी एक गली में खाट खड़ी कर जाने से रोक दिया मुख्यमंत्री जी के लाख कहने पर भी बुजुर्ग ने रास्ता नहीं खोला और योगी जी को वापस जाना पड़ा !!"

योगी आदित्यनाथ का दौरा कंटनमेंट जोन में था, जिस वजह से खाट और रस्सी लगाकर बैरिकेड बनाया गया था.

पोस्ट का आर्काइव देखने के लिए यहां क्लिक करें

(सोर्स: स्क्रीनशॉट/ट्विटर)

आर्टिकल लिखते समय तक ओमवीर यादव के ट्विटर हैंडल से शेयर किए गए इस वीडियो को 68,000 से ज्यादा व्यू मिल चुके थे.

कई सोशल मीडिया यूजर्स ने इस दावे को फेसबुक और ट्विटर दोनों जगह इसी दावे के साथ शेयर किया है. इनके आर्काइव आप यहां, यहां और यहां देख सकते हैं.

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पड़ताल में हमने क्या पाया

वीडियो को ध्यान से सुनने पर, हमें दावे से संबंधित ऐसा कुछ भी नहीं सुनाई दिया जिसमें असहयोग झलकता हो.

वीडियो में दिख रहा है कि योगी आदित्यनाथ उस जगह पर पहुंचते ही एक शख्स को यह कहते हुए सुना जा सकता है, "ये हैं मुख्यमंत्री साहब ... नमस्ते ... मुख्यमंत्री आदित्यनाथ की जय."

इसके बाद, सीएम कहते हैं, ''सावधानी रखिए, मास्क लगाइए, और बुजुर्ग लोगों को घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए, ठीक है ना...मास्क सभी लोग लगाइए.''

मेरठ पुलिस और स्थानीय रिपोर्टर का क्या कहना है?

मेरठ पुलिस के आधिकारिक ट्विटर हैंडल ने एक ट्वीट का जवाब देते हुए, एक स्टेटमेंट शेयर कर इस वायरल दावे को "निराधार और भ्रामक" बताया. और उन इवेंट्स की क्रमवार जानकारी दी जो योगी आदित्यनाथ के मेरठ के बिजौली गांव के दौरे के दौरान हुई थीं.

इस स्टेटमेंट में ये भी बताया गया है कि ये क्षेत्र एक कंटेनमेंट जोन है, इसलिए एक खाट और रस्सी का इस्तेमाल करके जरूरी बैरिकेड्स लगाए गए थे.

योगी आदित्यनाथ का दौरा कंटनमेंट जोन में था, जिस वजह से खाट और रस्सी लगाकर बैरिकेड बनाया गया था.

मेरठ पुलिस के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से दिया गया जवाब

(सोर्स: स्क्रीनशॉट/ट्विटर)

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इस स्टेटमेंट में ये भी बताया गया है कि ''मेरठ के बिजौली गांव में योगी आदित्यनाथ ने कंटेनमेंट जोन में एक कोविड पॉजिटिव परिवार के सदस्यों से मुलाकात की और उनका हालचाल पूछा...इसके बाद उन्होंने गांव के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में ग्राम प्रधान और रैपिड रिस्पॉन्स टीम के सदस्यों से बातचीत की. और बिजौली के ऑक्सीजन प्लांट का दौरा करके जरूरी निर्देश दिए गए.''

क्विंट की वेबकूफ टीम से स्थानीय रिपोर्टर रवि गुप्ता ने भी ऊपर दी गई जानकारी की पुष्टि की और बताया, ‘’ये कंटेनमेंट जोन है और रास्ता बंद किया गया था. इसीलिए, योगी आदित्यनाथ अस्थायी बैरिकेड के एक तरफ और कोरोना पीड़ित परिवार दूसरी तरफ खड़ा दिख रहा है.’’

पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, रविवार 16 मई को योगी आदित्यनाथ महामारी की स्थिति का जायजा लेने के लिए गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद और मेरठ के एक दिवसीय के दौरे पर थे.

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इसके अलावा, हमें 17 मई, सोमवार को दैनिक जागरण पर पब्लिश एक रिपोर्ट मिली. जिसके मुताबिक, तारा चंद्र शर्मा नाम के एक बुजुर्ग एक बंद गली में बिना मास्क पहने दिखे, जिसके बाद योगी आदित्यनाथ ने उन्हें मास्क पहनने और कोरोनावायरस से सुरक्षित रहने के लिए कहा.

मतलब साफ है कि यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के मेरठ में एक कोरोना पीड़ित परिवर से मिलने का वीडियो सोशल मीडिया पर भ्रामक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है.

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