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उत्तर प्रदेश: उन्नाव में नहीं गिराई गई मस्जिद, फेक है वायरल वीडियो

उन्नाव में सिंचाई विभाग की जमीन पर हुई अतिक्रमण विरोधी कार्रवाई का है ये वीडियो

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सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि Uttar Pradesh के उन्नाव में प्रशासन ने कुछ घरों के साथ एक मस्जिद को भी गिरा दिया. हालांकि, उन्नाव के एडिशनल डिजस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट राकेश कुमार सिंह ने हमें बताया कि वायरल वीडियो में ढहती दिख रही इमारत मस्जिद नहीं बल्कि सोसायटी का गेट है.

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दावा

वीडियो के साथ शेयर किया जा रहा कैप्शन है - 'उन्नाव वाला बकरा जो बद्रीनाथ को बदरुदीन शाह की जगह बता रहा था उसके मस्जिद और आसपास के घर उड़ा दिए , fir दर्ज की और कागज दिखाने को बोला गया अवैध बनी थी मस्जिद और घर।'

वीडियो इसी दावे के साथ कई फेसबुक यूजर्स ने भी शेयर किया अर्काइव यहां, यहां और यहां देख सकते हैं.

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पड़ताल में हमने क्या पाया 

हमने वीडियो के साथ शेयर हो रहे कैप्शंस से जड़े कीवर्ड गूगल पर सर्च किए. एबीपी गंगा का 26 जुलाई का एक बुलेटिन हमें मिला. बुलेटिन में बताया गया है कि जल शक्ति विभाग ने अवैध निर्माण को हटाकर 2.5 एकड़ जमीन को भू-माफियाओं से मुक्त किया.

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26 जुलाई न्यूज 18 में प्रकाशित एक आर्टिकल में भी सिंचाई विभाग की जमीन पर हुए अवैध निर्माण का जिक्र है. मौके पर आठ जेसीबी मशीनों के साथ जिला प्रशासन और पुलिस के अधिकारी मौजूद थे.

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जिला पंचायत सदस्य अरुण सिंह ने 23 जून, 2020 को लखनऊ-कानपुर हाइवे पर सिंचाई विभाग की जमीन पर हुए कब्जे को लेकर शिकायत की थी. मामला सोहरामऊ थाना क्षेत्र का था.

कार्रवाई से जुड़ी किसी भी मीडिया रिपोर्ट में जिक्र नहीं है कि इस दौरान मस्जिद गिराई गई.
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उत्तरप्रदेश के सिचाई विभाग ने भी 26 जुलाई को अतिक्रमण हटाने से जुड़ी कार्रवाई के विजुअल्स भी ट्वीट किए थे.

उन्नाव पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों ने दावे को फेक बताया

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क्विंट की वेबकूफ टीम से बातचीत में उन्नाव के एडिशनल डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट राकेश कुमार सिंह ने सोशल मीडिया पर किए जा रहे दावों को फेक बताया.

वीडियो में गिरता दिख रहा ढांचा असल में एक अवैध कॉलोनी का गेट है, कोई मस्जिद नहीं. जहां कार्रवाई हुई, वहां कोई धार्मिक स्थल नहीं था
राकेश कुमार सिंह, एडिशनल डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट उन्नाव
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उन्नाव के एडिशनल एसपी शशि शेखऱ सिंह ने क्विंट से बातचीत में इस दावे को झूठा बताते हुए कहा

''वीडियो में दिख रहा ढांचा धार्मिक स्थल नहीं, सिंचाई विभाग की जमीन पर हुआ अवैध निर्माण है. अतिक्रमण हटाने की कार्रवाइ के दौरान कानून का सख्ती से पालन किया गया.''

उन्नाव के क्षेत्रीय पत्रकार गौरव शर्मा से हमने संपर्क किया. उन्होंने भी बताया कि जहां कार्रवाई हुई, वहां कोई धार्मिक स्थल नहीं था. वायरल वीडियो में दिख रहा ढांचा असल में एक अवैध सोसायटी का गेट है, जिसे प्रोपर्टी डीलर ने बनवाया था.

मतलब साफ है वीडियो को लेकर सोशल मीडिया पर किया जा रहा ये दावा झूठा है कि उत्तरप्रदेश के उन्नाव में प्रशासन ने मस्जिद गिराई.

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