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इजरायल ने नहीं किया फिलिस्तीन की मस्जिद पर हमला, गलत है दावा

अमेरिकी सैनिकों ने इराक की एक मस्जिद को टारगेट करके भारी मशीन गनों से फायरिंग की थी.

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इराक की एक मस्जिद पर साल 2008 में हमले का पुराना वीडियो सोशल मीडिया पर इस गलत दावे से शेयर किया जा रहा है कि इजरायली सेना ने अजान के वक्त फिलिस्तीन की एक मस्जिद पर हमला किया.

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दावा

इस वीडियो को सोशल मीडिया पर इस दावे से शेयर किया जा रहा है: “इजरायल बॉर्डर के पास फलस्तीन में बनी मस्जिद से अजान की आवाज से तंग आकर इजरायली आर्मी ने मस्जिद के गुंबद पर गोली बारी कर दी अब्दुल की बेसुरी आवाज से बचने का उत्तम उपाय”

अमेरिकी सैनिकों ने इराक की एक मस्जिद को टारगेट करके भारी मशीन गनों से फायरिंग की थी.
पोस्ट का आर्काइव देखने के लिए यहां क्लिक करें
(सोर्स: स्क्रीनशॉट/ट्विटर)

कई यूजर्स ने फेसबुक और ट्विटर पर इस वीडियो को इसी दावे के साथ शेयर किया है.

अमेरिकी सैनिकों ने इराक की एक मस्जिद को टारगेट करके भारी मशीन गनों से फायरिंग की थी.
पोस्ट का आर्काइव देखने के लिए यहां क्लिक करें
(सोर्स: स्क्रीनशॉट/फेसबुक)
अमेरिकी सैनिकों ने इराक की एक मस्जिद को टारगेट करके भारी मशीन गनों से फायरिंग की थी.
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(सोर्स: स्क्रीनशॉट/फेसबुक)
अमेरिकी सैनिकों ने इराक की एक मस्जिद को टारगेट करके भारी मशीन गनों से फायरिंग की थी.
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(सोर्स: स्क्रीनशॉट/ट्विटर)
अमेरिकी सैनिकों ने इराक की एक मस्जिद को टारगेट करके भारी मशीन गनों से फायरिंग की थी.
पोस्ट का आर्काइव देखने के लिए यहां क्लिक करें
(सोर्स: स्क्रीनशॉट/ट्विटर)
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पड़ताल में हमने क्या पाया

हमने InVid टूल का इस्तेमाल करके इस वीडियो को कई फ्रेमवर्क में बांटा. इसके बाद Yandex पर हर फ्रेम को रिवर्स सर्च करके देखा. इससे, हमें 2008 में पब्लिश हुआ एक आर्टिकल मिला. इस आर्टिकल में वायरल वीडियो का स्नैपशॉट भी था.

अमेरिकी सैनिकों ने इराक की एक मस्जिद को टारगेट करके भारी मशीन गनों से फायरिंग की थी.
ये वीडियो इराक का है, फिलिस्तीन का नहीं
(सोर्स: स्क्रीनशॉट/वेबसाइट)

टर्किश भाषा में लिखे इस आर्टिकल को हमने हिंदी में ट्रांसलेट किया, जिसके मुताबिक, ''इराक के अलग-अलग शहरों में अलग-अलग समय पर शूट किए गए फुटेज में ये देखा जा सकता है कि अमेरिकी सैनिकों ने कई मिनट तक मीनारों को टारगेट करके भारी मशीनगनों से गोलीबारी की.''

आर्टिकल में ये लिखा गया था कि वायरल वीडियो में इराक पर हमला करते अमेरिकी सैनिक दिख रहे हैं. इसलिए, हमने यूट्यूब पर संबंधित कीवर्ड से सर्च करके देखा. हमें मार्च 2008 का एक वीडियो मिला जिसे अमेरिका के डॉक्युमेंट्री फिल्ममेकर माइकल मूर ने अपलोड किया था.

वीडियो के डिस्क्रिप्शन में लिखा गया था: “कॉर्पोरल जॉन. एम टर्नर (3/8 Kilo Company, 1st Platoon, U.S. Marine Corps) के 15 मार्च 2008 के बयान के मुताबिक, इन दो वीडियो में दिख रही मस्जिदों पर टर्नर के दस्ते ने बिना किसी वजह के फायरिंग की थी. ये अंतर्राष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन है.”

हमें साल 2008 में अपलोड किया गया एक वीडियो भी मिला जिसमें जॉन माइकल टर्नर का बयान था. इसमें उन्हें ये कहते हुए सुना जा सकता है कि वे 2006 में इराक में थे.

वीडियो के 6 मिनट 41 सेकंड निकल जाने के बाद वायरल हो रहा वीडियो देखा जा सकता है. इस वीडियो में जॉन टर्नर ये कहते हुए देखे जा सकते हैं कि आप लोगों में से जो लोग नहीं जानते हैं कि उन्हें बता दूं कि किसी मस्जिद में फायरिंग करना गैरकानूनी है, जब तक कि आप पर वहां से फायर नहीं की जा रही हो. उस मस्जिद से कोई फायरिंग नहीं की गई थी. हमने इसलिए फायरिंग की क्योंकि हम गुस्से में थे.

वीडियो में 'IVAW' का लोगो दिख रहा है. जिसका मतलब है 'Iraq Veterans Against the War'. 'Iraq Veterans Against the War' नाम की इस वेबसाइट में कई वीडियो लिंक मिल जाएंगे जिनमें लिखा गया है, "विंटर सोल्जर: अमेरिकी सेना के उन रिटायर्ड जवानों के बयान जिन्होंने इराक और अफगानिस्तान दोनों जगह अपनी सेवाएं दी हैं. इन जवानों ने इस बारे में सटीक जानकारी दी है कि ग्राउंड में क्या हो रहा है.

वेबसाइट में इस बारे में भी लिखा गया है कि वेबसाइट का नाम बदलकर अब ‘About Face: Veterans Against the War’ कर दिया गया है. इसके यूट्यूब चैनल पर 2012 में टर्नर के बयान को अपलोड किया गया था. जिसमें वही जानकारी मिल रही है जो ऊपर बताई गई है.

मतलब साफ है कि इराक की एक मस्जिद पर US आर्मी के हमले के पुराने वीडियो को इस गलत दावे से शेयर किया जा रहा है कि इजरायली सेना ने फिलिस्तीन की एक मस्जिद पर हमला किया. ये दावा गलत है.

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