इन दिनों सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल हो रहा है, जिसके साथ दो वीडियो हैं. साथ में ये मैसेज लिखा है, 'पृथ्वी के नीचे तापमान और दबाव में अंतर की वजह से मंगोलिया में धरती की ऊपरी परत खिसक रही है.' लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये खबर फर्जी है.
वायरल पोस्ट में दिखाए जा रहे दोनों वीडियो पुराने हैं और इनका एक-दूसरे से कोई ताल्लुक नहीं है. पहला वीडियो 2017 में दक्षिण-पश्चिम चीन में हुए 'परमाफ्रॉस्ट' के पिघलने की घटना है, जबकि दूसरा वीडियो 2010 में इटली में हुए एक भूस्खलन की घटना है.
इस तरह दो अलग-अलग देशों में अलग-अलग समय पर हुए अलग-अलग तरह के भूगर्भीय घटनाओं को एक साथ दिखाते हुए ये झूठी खबर फैलाई जा रही है कि मंगोलिया में पृथ्वी की ऊपरी परत खिसक रही है.
पहले वीडियो में दिख रहा है कि एक पहाड़ी घाटी पर काले रंग की मिट्टी और घास एक नदी की धारा की तरह बहते हुए आगे बढ़ रहे हैं. बूम ने रिवर्स इमेज टूल की मदद से सितंबर 2017 में नेशनल ज्योग्राफिक में छापे एक लेख को ढूंढ निकाला.
ये थी 'परमाफ्रॉस्ट' पिघलने की घटना
ये वीडियो चीनी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म वीबो और वीचैट पर सितंबर 2017 में वायरल हुआ था. ये घटना दक्षिण-पश्चिम चीन के क्विंघाई-तिब्बत पठार पर दिम्ये गांव में हुई थी. वैज्ञानिकों का अंदाजा है कि इस इलाके में बढ़ते तापमान की वजह से परमाफ्रॉस्ट पिघलने की घटना हुई.
परमाफ्रॉस्ट मिट्टी या चट्टान की उस जमी हुई अंदरूनी परत को कहते हैं, जो लगातार 2 साल या उससे ज्यादा समय तक शून्य डिग्री या इससे कम तापमान में रहा हो. आर्टिकल में लिखा है कि परमाफ्रॉस्ट ठंडे इलाकों में भौगोलीय नजरिये से एक भूमिका निभाता है. यह मिट्टी की ऊपरी परत को अपनी जगह पर बनाए रखता है. साथ ही ये उस इलाके में उगने वाले पेड़-पौधों के लिए भी आधार का काम करता है.
जब अंदरूनी परमाफ्रॉस्ट गर्म होने लगता है, तो यह पिघल जाता है. इस वजह से मिटटी की ऊपरी परत भी जमीन का साथ छोड़ देती है और सरकने लगती है.
दक्षिणी इटली में भूस्खलन
पोस्ट के दूसरे वीडियो में एक बड़े भूस्खलन के भयानक दृश्य को रिकॉर्ड किया गया है. इसमें कुदरत की ताकत के आगे बचाव कार्यकर्ता बेहद लाचार नजर आ रहे हैं. बूम ने रिवर्स इमेज सर्च की मदद से दक्षिणी इटली के कैलाब्रिया में विबो वैलेंतिया प्रांत के माईरेटो नगर पालिका में साल 2010 में हुई इस प्राकृतिक आपदा के बारे में पता लगाया.
ब्रिटेन के अखबार टेलीग्राफ के एक लेख के मुताबिक, माईरेटो में इस भूस्खलन की वजह से 200 स्थानीय निवासियों को अपना घर खाली करना पड़ा था. इस भूस्खलन ने अपने रास्ते में आने वाले हर इमारत को तबाह कर दिया था.
(यह आर्टिकल सबसे पहले BOOM पर प्रकाशित हुआ था. उसकी अनुमति के साथ ही इसे यहां छापा गया है)
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