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शेयर हो रहे इस रैप सॉन्ग का मौजूदा किसान आंदोलन से संबंध नहीं

वेबकूफ की पड़ताल में सामने आया कि वीडियो साल 2019 का है, इसका किसान आंदोलन से कोई संबंध नहीं

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सोशल मीडिया पर एक रैप सॉन्ग का वीडियो शेयर कर दावा किया जा रहा है कि किसान आंदोलन का मुद्दा MTV के एक रिएलिटी शो तक भी पहुंच गया है. रैप सॉन्ग में किसानों से जुड़े मुद्दे भी सुने जा सकते हैं.

वेबकूफ की पड़ताल में सामने आया कि गाने में किसानों के मुद्दे जरूर हैं, लेकिन वीडियो का दिल्ली सीमा पर चल रहे किसान आंदोलन से कोई संबंध नहीं है. वीडियो एक रिएलिटी शो MTV Hustle का है. जिसमें रैपर ERP किसानों के मुद्दों पर आधारित रैप सॉन्ग गाने को लेकर काफी चर्चा में आए थे.

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दावा

वीडियो के साथ शेयर किया जा रहा कैप्शन है -  “मिस इंडिया कॉन्टेस्ट के बाद एक बार फिर से गूंजा किसान आंदोलन का मुद्दा MTV पर, जजों स्टैंडिग ओबिएशन दी है.. बात निकली है तो दूर तलक जाएगी..

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वीडियो फेसबुक पर भी इसी दावे के साथ वायरल है.

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पड़ताल में हमने क्या पाया

वीडियो के की-फ्रेम्स को गूगल पर रिवर्स सर्च करने से हमें ABSTRACTED TV  नाम के यूट्यूब चैनल पर भी यही वीडियो मिला. यहां वीडियो 8 नवंबर, 2019 को अपलोड किया गया है. जाहिर है वीडियो किसान आंदोलन शुरू होने से 1 साल पहले का है.

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वीडियो के डिस्क्रिप्शन से क्लूू लेकर हमने गूगल पर अलग-अलग कीवर्ड सर्च किए. The Times of India की वेबसाइट पर हमें 18 अक्टूबर, 2019 को पब्लिश हुआ रैपर संथानम श्रीनिवासन अय्यर EPR का इंटरव्यू मिला.

TOI से बातचीत में EPR ने कहा था

“मेरे लिए गाने में सिर्फ म्यूजिक ही नहीं लिरिक्स का भी उतना ही महत्व है. मैं हमेशा से ही अपने लिरिक्स में सोशल जस्टिस से जुड़े मुद्दे उठाने की कोशिश करता हूं. जब मुझे एक पॉपुलर म्यूजिक चैनल MTV Hustle में गाने का मौका मिला. तो मैंने तय किया कि इस बड़े प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल भी मैं इन मुद्दों को उठाने के लिए करूं.”
श्रीनिवासन का ये पहला गाना नहीं था जिसमें उन्होंने समाज के मुद्दों को उजागर किया हो. वे पत्रकार-एक्टिविस्ट गौरी लंकेश की हत्या, एसिड अटैक सर्वाइवर लक्ष्मी पर भी गाने बना चुके हैं.
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किसान आंदोलन शुरू होने के बाद दिसंबर 2020 में EPR ने न्यूज चैनल एनडीटीवी से बात भी की थी. इस बातचीत में EPR ने बताया कि वे किसानों का दर्द महसूस कर सकते हैं.

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मतलब साफ है कि ये बात सच है कि EPR ने अपने रैप सॉन्ग में किसानों से जुड़े मुद्दे उठाए. लेकिन वायरल हो रहे वीडियो का दिल्ली सीमा पर हाल में चल रहे किसान आंदोलन से कोई संबंध नहीं है. केंद्र सरकार के नए कृषि कानून संसद में सितंबर, 2020 में पास हुए थे. जबकि वीडियो साल 2019 का है.

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