सोशल मीडिया पर उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के वाराणसी (Varanasi) एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें एक शख्स को गंदे पानी में कुर्सी में बांधकर बिठाया गया है. दावा किया जा रहा है कि पार्षद चुनाव जीतने के बाद कभी अपने क्षेत्र में नहीं गए. लेकिन, जब दोबारा चुनाव आने पर वोट मांगने गए तो जनता ने उन्हें किडनैप कर लिया.
हमने पाया कि वीडियो में जो शख्स दिख रहा है वो वाराणसी के अंबियामंडी वॉर्ड के पार्षद तुफैल अंसारी हैं. जिन्हें उनके क्षेत्र के लोगों ने प्रशासन के खिलाफ गुस्सा जाहिर करने के लिए बांधकर गंदे पानी में बिठाया था, क्योंकि इलाके में जलभराव की समस्या थी.
लेकिन, ये वीडियो हाल का नहीं है, 2020 का है. इसके अलावा, यूपी में नगर निगम के चुनाव 2017 में हुए थे. जिस साल ये घटना हुई उस साल चुनाव नहीं होने थे, इसलिए ये दावा भी गलत है कि पार्षद वोट मांगने गए इसलिए उन्हें किडनैप कर लिया गया.
दावा
वीडियो शेयर कर कैप्शन में लिखा गया, ''ये जनाब पार्षद है, चुनाव जीतने के बाद कभी अपने क्षेत्र में नही गए। वापस चुनाव आने पर वोट की अपील के लिए दौरे पर गए जनता द्वारा किडनैप कर लिया गया।''
पड़ताल में हमने क्या पाया
वीडियो वेरिफिकेशन यूल InVID का इस्तेमाल कर हमने वीडियो को कई कीफ्रेम में बांटा और उनमें से कुछ पर रिवर्स इमेज सर्च किया. हमें Amar Ujala की 21 नवंबर 2020 की एक रिपोर्ट मिली. रिपोर्ट में वायरल वीडियो का स्क्रीनशॉट इस्तेमाल किया गया था.
रिपोर्ट के मुताबिक, वाराणसी के अंबियामंडी इलाके के लिए जलभराव की समस्या से परेशान थे. इसलिए, इलाके के पार्षद को उनकी परेशानी समझाने के लिए, गंदे पानी में बांधकर बिठा दिया गया था. पार्षद ने जब उन्हें भरोसा दिलाया कि वो इस समस्या का समाधान करेंगें तब उन्हें छोड़ा गया.
हमें इस घटना का वीडियो भी NDTV के ऑफिशियल यूट्यूब हैंडल पर भी मिला. वीडियो 21 नवंबर 2020 को पब्लिश किया गया था.
वीडियो में लोगों को सीवर की समस्या के बारे में बताते हुए सुना जा सकता है. साथ ही, प्रशासन मुर्दाबाद के नारे भी लगाए जा रहे हैं. वीडियो के ओरिजिनल ऑडियो को हटाकर बॉलीवुड ट्रैक जोड़ा गया है.
हमें घटना से जुड़ी दूसरी रिपोर्ट्स भी मिलीं. हर रिपोर्ट में यही जानकारी थी कि सीवर समस्या से जूझते लोगों ने इलाके के पार्षद को पानी में बांधकर बिठाया था. लेकिन, किसी भी रिपोर्ट में ऐसा नहीं बताया गया था कि पार्षद को वोट मांगते समय किडनैप किया गया था.
दावे में ये कहा जा रहा है कि चुनाव के दौरान वोट मांगने गए पार्षद को किडनैप किया गया था. इसलिए, हमने यूपी इलेक्शन कमीशन की वेबसाइट पर जाकर ये जानने की कोशिश की कि क्या उस दौरान यूपी में नगर निगम के चुनाव हुए थे.
हमें इलेक्शन कमीशन की वेबसाइट पर 27 अक्टूबर 2017 को जारी की गई अधिसूचना मिली. जिसके मुताबिक, यूपी में नगर निगम चुनाव नवंबर 2017 में हुए थे. यानी घटना से 3 साल पहले ही चुनाव हो चुके थे. और साल 2020 में जब ये घटना हुई तब कोई चुनाव नहीं थे.
इसके अलावा, 2022 के आखिर में नगर निगम के चुनाव होने की संभावना है. ऐसे में ये वीडियो आगामी चुनावों से पहले हाल के वीडियो की तरह शेयर किया जा रहा है.
क्विंट की वेबकूफ टीम ने वीडियो में दिख रहे पार्षद तुफैल अंसारी से भी संपर्क किया तुफैल ने हमें बताया:
ये वीडियो नवंबर 2020 का है. उस दौरान इलाके में 3 से साढ़े 3 फुट तक पानी भरा हुआ था. 20 से 40 मकान के लोग करीब 50 दिनों से इस समस्या का सामना कर रहे थे. मैं लोगों की शिकायत पर वहां पहुंचा था. मुझे करीब 40 मिनट तक बांधकर रखा गया.
तुफैल ने आगे बताया कि उनका घर भी पास में ही मौजूद है और ऐसा नहीं है कि उन्हें लोगों ने अचानक से देखा था. मेरा वहां अक्सर आना जाना होता है.
तुफैल ने ये भी पुष्टि की कि उस दौरान कोई चुनाव नहीं थे, चुनाव 2017 में हुए थे.
मतलब साफ है कि वाराणसी का 2 साल पुराना वीडियो हाल का बताकर इस भ्रामक दावे से शेयर किया जा रहा है कि पार्षद को वोट मांगते समय गुस्साए वोटर्स ने बंधक बना लिया, जबकि न तो हाल में कोई चुनाव हुआ है और न ही उस समय कोई चुनाव था, जब का ये वीडियो है.
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