सोशल मीडिया पर तस्वीरें वायरल हो रही हैं जिसमें एक मंदिर के अंदर 786 लिखी हरे रंग की चादर दिख रही है. दावा किया जा रहा है कि ये तस्वीरें छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के एक मंदिर की हैं.
क्या है दावा?: कई सोशल मीडिया यूजर्स ने दावा किया है कि छत्तीसगढ़ के गुंडरदेही में स्थित मां चंडी मंदिर पर वक्फ बोर्ड अपना दावा कर रहा है कि ये उनकी संपत्ति है.
सच क्या है?: मंदिर में हरा झंडा तो देखा जा सकता है लेकिन ये दावा गलत है कि वक्फ बोर्ड इस मंदिर पर अपना दावा ठोकता है.
द क्विंट ने गुंडरदेही के पूर्व विधायक राजेंद्र कुमार राय से बात की, जिन्होंने दावे को गलत बताया. उन्होंने कहा कि उनके पूर्वजों ने इस मंदिर का निर्माण कराया था.
पुरानी मान्यताओं के अनुसार, मुस्लिम समुदाय का पवित्र चांज स्थानीय रामसागर तालाब में पाया गया था और मेरे दादा निहाल सिंह, जो यहां के आखिरी जमींदार थे. उन्होंने उस चांद को डिब्बे में रखा था. इसके बाद इसे मंदिर में रखकर हरे कपड़े से ढक दिया गया. तब से दोनों धर्मों के लोगों ने यहां अपनी प्रार्थना की है.गुंडरदेही के पूर्व विधायक राजेंद्र कुमार राय
मंदिर की समिति ने की है पुष्टि: समिति के एक सदस्य ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि वायरल दावा झूठा है.
उन्होंने कहा, ''मंदिर के अंदर ये झंडा सालों से मौजूद है. गांव के सभी लोग खुश हैं. दोनों समुदायों के लोग शांति से रहते हैं और एक साथ त्योहार मनाते हैं.''
स्थानीय प्रशासन का क्या कहना है?: क्विंट से बातचीत में स्थानीय प्रशासन ने कहा कि वायरल पोस्ट में किए गए दावे में कोई सच नहीं है.
उन्होंने बताया कि ये मंदिर धार्मिक सद्भाव के लिए जाना जाता है और इन सोशल मीडिया पोस्ट के खिलाफ शिकायत भी दर्ज की गई है.
न्यूज रिपोर्ट्स में क्या है?: हमने जरूरी कीवर्ड इस्तेमाल कर सर्च किया तो हमें Amar Ujala पर 7 फरवरी 2023 को पब्लिश एक रिपोर्ट मिली.
इसके मुताबिक, लोग मंदिर में हिंदू देवी चंडी की पूजा करते हैं, जहां '786' नंबर के साथ हरे रंग का झंडा भी देखा जा सकता है.
मंदिर लगभग 100 साल पुराना है और दोनों समुदायों के लोग एक साथ आते हैं और मां चंडी देवी और सैयद बाबा की पूजा करते हैं.
रिपोर्ट में कई स्थानीय लोगों के हवाले से ये भी कहा गया है कि वायरल दावा झूठा है और गुंडरदेही में कोई सांप्रदायिक तनाव नहीं है.
न्यूज एजेंसी ANI के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से भी 9 फरवरी को इस मंदिर की तस्वीरें पोस्ट की गई थीं. साथ ही, ये भी बताया गया था कि ये भाईचारे का प्रतीक है.
निष्कर्ष: ये दावा गलत है कि छत्तीसगढ़ के मां चंडी के मंदिर पर वक्फ बोर्ड अपना दावा करता है.
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