सोशल मीडिया पर वक्फ बोर्ड (Waqf Board) के बताए जा रहे एक ट्वीट का स्क्रीनशॉट शेयर किया जा रहा है, जिसमें लिखा है ''दिल्ली वक्फ बोर्ड रेलवे स्टेशन पर अपने कब्जे के लिए जल्द ही सुप्रीम कोर्ट में आवेदन करेगा''.
हमारी पड़ताल में सामने आया कि ये स्क्रीनशॉट असली नहीं है. वक्फ बोर्ड के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल पर ऐसा कोई ट्वीट हमें नहीं मिला. इसके अलावा वायरल स्क्रीनशॉट में 'OkSatire' भी लिखा हुआ है, इस नाम का एक फेसबुक पेज हमें मिला जहां इस तरह के पैरोडी ट्वीट मजाक के तौर पर पोस्ट किए जाते हैं. एक मजाक को सोशल मीडिया पर असली ट्वीट की तरह शेयर किया जा रहा है.
वायरल स्क्रीनशॉट में जो ट्विटर हैंडल @DelhiWaqfBoard दिखाया गया है, वो असली है. दिल्ली वक्फ बोर्ड के आईटी विभाग में पदस्थ मोहम्मद इमरान ने क्विंट से पुष्टि की है कि ये हैंडल बोर्ड का ही है, लेकिन स्क्रीनसॉट असली नहीं है, इसके 2 बड़े सबूत हैं.
पहला दिल्ली वक्फ बोर्ड का असली ट्विटर हैंडल वेरिफाइड नहीं है, जबकि वायरल स्क्रीनशॉट में इसे वेरिफाइड दिखाया गया है. दूसरा ये कि वायरल स्क्रीनशॉट में ट्वीट के नीचे Translate ट्वीट का विकल्प नहीं है जो कि होता है.
दावा
फेसबुक और ट्विटर पर कई यूजर इस स्क्रीनशॉट को वक्फ बोर्ड के असली ट्वीट की तरह शेयर कर रहे हैं. स्क्रीनशॉट के साथ शेयर हो रहा कैप्शन है - "अब समझ में आया 1995 के बाद अचानक जगह जगह मजारें कैसे और क्यों उगने लगी. वफ्फ बोर्ड द्वारा जमीन हड़पने का नया का नया तरीका."
पड़ताल में हमने क्या पाया ?
सबसे पहले हमारे सामने ये सवाल था कि @DelhiWaqfBoard ही दिल्ली वक्फ बोर्ड का असली ट्विटर हैंडल है या नहीं ? इसकी पुष्टि के लिए हमने दिल्ली वक्फ बोर्ड के आईटी विभाग में पदस्थ मोहम्मद इमरान से संपर्क किया, उन्होंने पुष्टि की कि ये हैंडल बोर्ड का ही है. इमरान ने आगे ये भी कहा कि वायरल हो रहा ट्वीट का स्क्रीनशॉट असली नहीं है.
ट्विटर हैंडल चेक करने पर भी हमें ऐसा कोई ट्वीट नहीं मिला. अब हमने वायरल स्क्रीनशॉट और वक्फ बोर्ड के हैंडल से किए गए एक असली ट्वीट को मिलाकर देखा.
वायरल स्क्रीनशॉट को ध्यान से देखने पर हमें इसमें ऊपर की तरफ OkSatire लिखा दिखा, यहां से हमें अंदाजा हुआ कि ये स्क्रीनशॉट कोई सटायर पोस्ट करने वाली वेबसाइट या फेसबुक पेज का हो सकता है. सर्च करने पर हमें OK Satire नाम का फेसबुक पेज भी मिल गया.
OK Satire के फेसबुक पेज से वक्फ बोर्ड के नाम पर किए गए ट्वीट का स्क्रीनशॉट 19 सितंबर को पोस्ट किया गया, जिसे लोग असली मानकर शेयर कर रहे हैं.
इस पेज पर कभी विदेश मंत्री, कभी प्रधानमंत्री तो कभी ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी के नाम पर ऐसे ही पेरोडी ट्वीट किए जाते हैं, जो असली नहीं होते, हास्य के लिए बनाए जाते हैं.
Ok Satire फेसबुक पेज के अबाउट सेक्शन में लिखा है कि यहां ऐसे पैरोडी ट्वीट पोस्ट होते हैं जो असली जैसे दिखते हैं.
वक्फ बोर्ड के नाम पर किए गए पैरोडी ट्वीट में जो फोटो है, उसे पहले भी सोशल मीडिया पर गलत दावे, गलत नैरेटिव के साथ शेयर किया जा चुका है. क्विंट की वेबकूफ टीम इसकी पड़ताल भी कर चुकी है.
मतलब साफ है, मजाक में किए पैरोडी पोस्ट को सोशल मीडिया पर दिल्ली वक्फ बोर्ड का असली ट्वीट बताकर गलत नैरेटिव के साथ शेयर किया जा रहा है.
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