सोशल मीडिया पर आए दिन वायरल होने वाले एक मैसेज में ये दावा किया जाता है कि वक्फ बोर्ड कभी भी, किसी भी संपत्ति को वक्फ की संपत्ति घोषित कर सकता है. वायरल हो रहे मैसेज में दावा है कि वक्फ एक्ट के सेक्शन 36, सेक्शन 40 और सेक्शन 40 (1) में वक्फ बोर्ड को किसी की भी संपत्ति हड़पने की छूट दी गई है.
हमारी पड़ताल में ये दावा भ्रामक निकला. वक्फ एक्ट के नियमों के मुताबिक, वक्फ बोर्ड सिर्फ उस संपत्ति पर दावा कर सकता है जो इस्लाम धर्म को मानने वाले किसी शख्स ने धार्मिक काम के लिए दान में दी हो. वक्फ कानूनों के जानकार एसएमएच जैदी ने भी क्विंट से बातचीत में बताया कि वक्फ के पास गैर-मुस्लिमों की संपत्ति या किसी मुस्लिम की निजी संपत्ति पर दावा करने का अधिकार नहीं है.
दावा
मुस्लिम वक्फ एक्ट हिन्दुओं और भारत माता के साथ हुआ एक बहुत ही भयानक षड्यंत्र है ,यह कांग्रेस के द्वारा बनाया गया कानून , भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने में कानूनी सुगमता देता है , यह कानून शरिया से भी ज्यादा ख़तरनाक है , यह कानून Parliament jihad का एक नायाब उदाहरण है
ये दावा फेसबुक पर भी वायरल है
वक्फ एक्ट का सेक्शन 40 किसी भी संपत्ति पर बोर्ड को कब्जा करने का हक देता है?
हमने वक्फ बोर्ड की ऑफिशियल वेबसाइट पर उपलब्ध दस्तावेजों में वक्फ बोर्ड एक्ट 1995 का सेक्शन 40 देखा. सेक्शन 40 में ये बताया गया है कि वक्फ किन-किन संपत्तियों पर अपना दावा कर सकता है. इस सेक्शन के मुताबिक, वक्फ रजिस्टर्ड ट्रस्ट या रजिस्टर्ड सोसयटियों की संपत्ति, अगर वक्फ को कोई ऐसा कारण मालूम होता है कि वो प्रॉपर्टी वक्फ की है, तो उन्हें नोटिस भेज सकता है. इस सेक्शन में ऐसा कहीं नहीं लिखा है कि वक्फ किसी निजी प्रॉपर्टी पर अपना दावा ठोक सकता है. देश की किसी भी संपत्ति पर दावा करने का तो सवाल ही नहीं.
फिर भी ये सवाल उठ सकता है कि क्या बोर्ड किसी भी प्रॉपर्टी को वक्फ घोषित कर सकता है? इसका जवाब भी वक्फ एक्ट 1995 में ही है. सेक्शन 40 में ये कहा गया है कि अगर बोर्ड को लगता है कि प्रॉपर्टी के वक्फ के होने का कोई कारण है, तो वो अपना दावा कर सकता है. और प्रॉपर्टी वक्फ है या नहीं इसकी परिभाषा 1995 एक्ट के ही सेक्शन 3 में दी गई है.
यहां वक्फ की परिभाषा है - कोई भी ऐसी चल या अचल संपत्ति, जो मुस्लिम लॉ द्वारा मान्यता प्राप्त किसी धार्मिक या चैरिटेबल काम के लिए पूरी तरह से दान में दी गई.
जस्टिस एसएल जाफरी की किताब Wakf Laws in India में भी वक्फ की यही परिभाषा दी गई है.
2013 में वक्फ एक्ट में हुए कुछ संशोधनों को लेकर केंद्र सरकार ने गजट जारी किया था, लेकिन इस गजट में सेक्शन 40 को लेकर कोई बदलाव नहीं किया गया है.
वक्फ नियमों के जानकार एसएमएच जैदी ने भी क्विंट से बातचीत में ये पुष्टि की कि वक्फ बोर्ड सिर्फ उन संपत्तियों पर दावा कर सकता है, जो इस्लाम धर्म को मानने वाले किसी शख्स ने धार्मिक या सामाजिक कार्य के लिए दान में दी हो, और बोर्ड को लगता हो कि कोई ट्रस्ट या संस्था उसका उपयोग सामाजिक/धार्मिक काम में नहीं कर रहा है. देश की किसी भी संपत्ति पर दावा करने का अधिकार वक्फ को है, ये दावा सच नहीं है.
वक्फ एक्ट के मुताबिक वक्फ बोर्ड उन्हीं संपत्तियों पर दावा कर सकता है जो इस्लाम को मानने वाले व्यक्ति ने धार्मिक/सामाजिक कार्य के लिए दान में दी हो, वो भी तब जब संपत्ति किसी ट्रस्ट या संस्था के नाम पर रजिस्टर्ड हो. निजी संपत्ति पर वक्फ दावा नहीं कर सकता. गैर-मुस्लिम व्यक्ति की संपत्ति पर वक्फ न तो दावा कर सकता है न ही नोटिस भेज सकता है. पहली शर्त है कि व्यक्ति इस्लाम धर्म को मानने वाला हो और उसने संपत्ति धार्मिक काम के लिए दान में दी हो.एसएमएच जैदी, वक्फ कानूनों के जानकार
मतलब साफ है - सोशल मीडिया पर एक खास नैरेटिव फैलाने के लिए ये झूठा दावा किया जा रहा है कि वक्फ बोर्ड संविधान का उल्लंघन कर देश की किसी भी संपत्ति पर कब्जा कर सकता है. वक्फ के पास सिर्फ इस्लाम धर्म को मानने वाले ऐसे शख्स की संपत्ति पर दावा करने का अधिकार है, जिसने अपनी संपत्ति धार्मिक काम के लिए दान में दी हो.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)