(वीडियो देखने से पहले आपसे एक अपील है. उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार और असम में ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं के बीच कोरोना वैक्सीन को लेकर फैल रही अफवाहों को रोकने के लिए हम एक विशेष प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं. इस प्रोजेक्ट में बड़े पैमाने पर संसाधनों का इस्तेमाल होता है. हम ये काम जारी रख सकें इसके लिए जरूरी है कि आप इस प्रोजेक्ट को सपोर्ट करें. आपके सपोर्ट से ही हम वो जानकारी आप तक पहुंचा पाएंगे जो बेहद जरूरी हैं.
धन्यवाद - टीम वेबकूफ)
एंकर और कैमरा : कृतिका गोयल
स्क्रिप्ट : अजिमेश साहा
कॉपी एडिटर : अश्लेषा ठाकुर
कोरोना (Corona) महामारी के दौरान एक शब्द है जो बार-बार सुनने को मिल रहा है, कोविड-रीइंफेक्शन. यानी जब किसी व्यक्ति को कोविड से ठीक होने के बाद फिर संक्रमण हो जाए.
अमेरिका के सेंटर फॉर डिजीस कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDS) के अनुसार कोविड-19 रीइंफेक्शन उस स्थिति को कहते हैं, जिसमें कोई शख्स संक्रमित था, ठीक हो गया और बाद में फिर से संक्रमित हो गया. कोविड से ठीक होने के बाद, ज्यादातर लोगों को दोबारा संक्रमित होने से कुछ सुरक्षा मिलती है.
कब होता है कोविड री-इंफेक्शन?
रीइंफेक्शन कब होता है, इस पर अभी रिसर्च चल रही है. अलग-अलग लोगों में अलग-अलग समय पर कोविड रीइंफेक्शन देखा गया है. आमतौर पर ये पाया गया है कि एक बार कोविड होने के बाद, तीन महीने तक दोबारा कोविड होने की संभावना कम होती है. लेकिन, अभी ये बात दावे से नहीं कही जा सकती.
CDC ने ये भी कहा है कि कोविड 19 पर चल रही स्टडी से इन बिंदुओं को भी समझने में मदद मिल रही है.
कितनी बार रीइंफेक्शन होता है?
रीइंफेक्शन का ज्यादा खतरा किसे होता है?
पिछले संक्रमण के कितने वक्त बाद रीइंफेक्शन हो सकता है?
पिछले संक्रमण की तुलना में रीइंफेक्शन कितना खतरनाक है?
रीइंफेक्शन में हम से दूसरे भी संक्रमित हो सकते हैं?
SARS-CoV2 नाम के वायरस से कोविड होता है. ये बहुत तेजी से फैलता है और समय के साथ नए वैरिएंट में उभरता हुआ देखा जा रहा है. ये वैरिएंट्स हमारे शरीर में अंदरूनी तौर पर मौजूद बचाव संबंधी क्रियाओं से बचते हुए अपना असर छोड़ जाते हैं. यानी नया वैरिएंट फिर से संक्रमित कर देता है.
एक बात और है जिस पर गौर करना चाहिए कि जिसे एक बार कोविड हो चुका है और उसने वैक्सीन की दोनों डोज लगवा ली हैं, तो दूसरी बार संक्रमित होने पर गंभीर रूप से बीमार होने का खतरा कम हो जाता है. हालांकि, अभी इसका पूरी तरह से दावा नहीं किया जा सकता. एक्सपर्ट्स की इस पर लगातार रिसर्च जारी है.
क्या वैक्सीन लगवाकर कोविड रीइंफेक्शन से बचा जा सकता है?
वैक्सीन से हमारा शरीर कोविड से लड़ने के लिए पूरी तरह से तैयार हो जाता है. कोविड होने का खतरा भी काफी कम हो जाता है.
ज्यादातर मामलों में ये देखा गया है कि जिन्हें वैक्सीन लगी हुई है, उन्हें कोविड हुआ भी है तो भी वो गंभीर रूप से बीमार नहीं हुए हैं. इसलिए वैक्सीन लगवाना बहुत जरूरी है.
हालांकि, फिलहाल FDA की ओर से मंजूरी प्राप्त ऐसा कोई परीक्षण उपलब्ध नहीं है, जिसके आधार पर ये कहा जा सके कि कोई शख्स संक्रमण से सुरक्षित है या नहीं. इसलिए, ये जरूरी है कि कोविड नियमों का पालन किया जाए.
COVID नियमों का पालन करना जरूरी क्यों?
कोविड इंफेक्शन या रीइंफेक्शन से बचने के लिए जरूरी है कि कोविड नियमों का पालन किया जाए, क्योंकि ऐसा करके हम खुद के साथ-साथ दूसरों को भी कोविड जैसी महामारी से बचा सकते हैं. इन नियमों में हैं:
सही तरीके से मास्क का इस्तेमाल
दो गज की दूरी
बार-बार साबुन से हाथ धुलना
सैनिटाइजर का इस्तेमाल कर हाथ साफ करना
भीड़ वाली जगहों में जाने से बचना
कोविड रीइंफेक्शन का क्या कोई अलग इलाज है?
कोविड रीइंफेक्शन का कोई अलग इलाज नहीं है. इसका इलाज वही है जो कोविड का है. इसलिए अगर लक्षण दिख रहे हैं तो टेस्ट कराएं और टेस्ट पॉजिटिव आने पर कोविड से जुड़ी गाइलाइन्स का पालन करें.
वैक्सीन और पहले हुए संक्रमण की वजह से मिली इम्यूनिटी दोनों ही कोविड से बचने में मददगार जरूर हैं, लेकिन ऐसा नहीं कहा जा सकता कि इससे 100 फीसदी सुरक्षा मिलती है.
(ये वीडियो क्विंट के COVID-19 और वैक्सीन पर आधारित फैक्ट चेक प्रोजेक्ट का हिस्सा है, जो खासतौर पर ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं के लिए शुरू किया गया है.)
(अगर आपके पास भी ऐसी कोई जानकारी आती है, जिसके सच होने पर आपको शक है, तो पड़ताल के लिए हमारे वॉट्सऐप नंबर 9643651818 या फिर मेल आइडी WEBQOOF@THEQUINT.COM पर भेजें. सच हम आपको बताएंगे. हमारी बाकी फैक्ट चेक स्टोरीज आप यहां पढ़ सकते हैं )
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)