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Afghanistan: महिला पायलट की हत्या के झूठे दावे से 6 साल पुरानी फोटो वायरल

फरखुंडा नाम की इस महिला की 2015 में कुरान के पन्ने जलाने के झूठे आरोप में पत्थरों से मार-मारकर हत्या कर दी गई थी.

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Afghanistan: महिला पायलट की हत्या के झूठे दावे से 6 साल पुरानी फोटो वायरल
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काले कपड़ों में खून से लथपथ एक महिला की फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है. दावा किया जा रहा है कि ये Afghanistan एयरफोर्स की पायलट है और Taliban ने देश को अपने नियंत्रण में लिया है, इसलिए इस महिला को आज सुबह पत्थर मारकर मार डाला गया. पोस्ट में महिला की पहचान साफिया फिरोजी के रूप में की गई है.

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पड़ताल में हमने पाया कि ये फोटो 2015 की एक घटना की है जब फरखुंडा नाम की एक 27 साल की महिला को भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला था. महिला पर कुरान के पन्नों को जलाने का झूठा आरोप लगाया गया था.

दावा

फोटो शेयर कर कैप्शन में लिखा जा रहा है, ''अफगान वायु सेना की 4 महिला पायलटों में से एक साफिया फिरोजी की आज सुबह पब्लिक में ही पत्थर मार-मार कर हत्या कर दी गई.''

पोस्ट का आर्काइव देखने के लिए यहां क्लिक करें

(सोर्स: स्क्रीनशॉट/ट्विटर)

Eugene Sangeet Sagar नाम के एक ट्विटर यूजर ने ये ट्वीट किया था, जिसका स्क्रीनशॉट फेसबुक पर काफी शेयर हो रहा है. हालांकि, इस ट्वीट को बाद में हटा लिया गया है.

ट्विटर पर किए गए और दावों के आर्कइव आप यहां, यहां और यहां देख सकते हैं. क्विंट की WhatsApp टिपलाइन पर भी इस दावे से जुड़ी क्वेरी आई हैं.

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पड़ताल में हमने क्या पाया

रिवर्स इमेज सर्च का इस्तेमाल करने पर हमें Belfast Child नाम के एक ब्लॉग पर ये फोटो मिली. इसमें महिला की पहचान फरखुंडा मलिकजादा के रूप में हुई है.

महिला का नाम गूगल पर सर्च करने पर, हमें अफगानिस्तान के एक राजनीतिक दल Solidarity Party of Afghanistan की वेबसाइट पर 2018 में पब्लिश एक आर्टिकल मिला. जिसमें फरखुंडा की लिंचिंग के तीन साल होने पर उन्हें याद किया गया था. इसका मतलब है कि ये हिंसक घटना 2015 में हुई थी.

प्रोटेस्ट करने वाले के हाथों में जो पोस्टर है उसमें वही वायरल फोटो है

(सोर्स: स्क्रीनशॉट/Hambastagi.org)

हमें New York Times की 26 दिसंबर 2015 को पब्लिश एक रिपोर्ट भी मिली, जिसका टाइटल था “The Killing Of Farkhunda” यानी फरखुंडा की हत्या

पूरी रिपोर्ट में हिंसा और क्रूरता के सीन हैं. वीडियो में चौथे मिनट के आसपास के एक फ्रेम में वही फोटो दिखती है जो दावे में इस्तेमाल की गई है.

वो फ्रेम जिसमें दिख रहा विजुअल दावे की फोटो से मेल खाता है

(सोर्स: स्क्रीनशॉट/New York Times)

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रिपोर्ट में बताया गया है कि फरखुंदा पर कुरान के पन्नों को जलाने का झूठा आरोप लगाया गया था और 100 से ज्यादा लोगों की उन्मादी भीड़ ने उसकी हत्या कर दी. महिला पर ये आरोप भी लगाया गया था कि वो 'अमेरिकी हमदर्द' या फ्रांसीसी एजेंट है.

इसके बाद हमने 'साफिया फिरोजी' कीवर्ड सर्च करके देखा. हमें 2016 को Hindustan Times पर पब्लिश एक न्यूज रिपोर्ट मिला. इसमें बताया गया था कि वो अफगान एयरफोर्स में दूसरी महिला पायलट हैं.

इसमें आगे बताया गया है कि फिरोजी और उनका परिवार 1990 के दशक में काबुल छोड़कर चला गया था और 2001 में तालिबान के पतन के बाद वापस लौटा. हमें कैप्टन फिरोजी से जुड़ी कोई हालिया रिपोर्ट नहीं मिली. इसलिए, हम स्वतंत्र रूप से उनकी वर्तमान स्थिति या ठिकाने की पुष्टि नहीं कर सके.

मतलब साफ है कि वायरल फोटो में जो महिला दिख रही है उसका नाम फरखुंडा मलिकजादा है. जिसे 2015 में अफगानिस्तान में पीट-पीटकर मार डाला गया था. ये दावा गलत है कि फोटो में दिख रही महिला पायलट फिरोजी है.

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