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कौन है मोइन कुरैशी जिसका केस CBI की भीतरी लड़ाई को सड़क पर ले आया

सीबीआई के टॉप अफसरों से बड़े नेताओं तक फैला है कुरैशी का जाल 

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15 फरवरी, 2014. देश में लोकसभा चुनाव का माहौल चरम पर था. इसी दिन कानपुर के मीट कारोबारी मोइन कुरैशी के पंद्रह ठिकानों पर इनकम टैक्स की रेड पड़ी. ये किसी को अंदाजा नहीं था कि एक अनजान से कारोबारी पर इनकम टैक्स के छापे की गूंज चुनाव प्रचार में सुनाई देगी.

लेकिन 18 अप्रैल को बीजेपी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने अकबरपुर की रैली में एक बड़े स्कैंडल की तरफ इशारा करते हुए सवाल किया- ‘क्या सच्चाई सामने नहीं आनी चाहिए?’

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8 दिन बाद मोदी ने हमला तेज करते हुए कहा कि मोइन कुरैशी मामले में इनकम टैक्स विभाग के हाथ लगी टेलिफोन रिकॉर्डिंग में एक शख्स भी है जो 10 जनपथ (सोनिया गांधी का सरकारी घर) के बेहद करीबी है.

सत्ता के गलियारों में गूंजने वाले उसी मामले ने देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी सीबीआई का भूचाल सामने ला दिया है. भूचाल यूं कि सीबीआई डायरेक्टर आलोक वर्मा और एजेंसी के नंबर 2 अफसर राकेश अस्थाना की अनबन इसी केस के चलते सरेआम हो गई है.

सीबीआई में भूचाल

सीबीआई ने 15 अक्टूबर को अपने स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना के खिलाफ मोइन कुरैशी से 3 करोड़ रुपये की रिश्वत लेने के आरोप में एफआईआर दर्ज की.

इससे पहले 24 अगस्त को अस्थाना ने कैबिनेट सचिव को शिकायत भेजी थी कि आलोक वर्मा ने कुरैशी केस में आरोपी सतीश साना से रिश्वत ली है. खास बात ये कि साना वो शख्स है जिसने अस्थाना के खिलाफ शिकायत की थी.

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फर्श से अर्श तक

मोइन अख्तर कुरैशी कानपुर का अरबपति मीट कारोबारी है. देहरादून के दून स्कूल और दिल्ली के सेंट स्टीफन कॉलेज से पढ़ाई खत्म करने के बाद कुरैशी ने रामपुर, उत्तर प्रदेश में एक छोटे से बूचड़खाने से कारोबार की शुरुआत की और देखते ही देखते देश का सबसे बड़ा मीट कारोबारी बन गया.

देश-विदेश में दो दर्जन से ज्यादा कंपनियों के मालिक कुरैशी की प्रमुख कंपनी है एएमक्यू एग्रो जो मांस एक्सपोर्ट करती है. कुरैशी का दिल्ली के छतरपुर में एक शानदार फार्महाउस है जिसे जर्मनी के जाने माने आर्किटेक्ट जीन लुई ने डिजाइन किया था.

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बड़े नेताओं और अफसरों से करीबी रिश्ते

नरेंद्र मोदी ने 2014 में अपनी रैलियों में आरोप लगाया था कि कुरैशी पर कांग्रेस आलाकमान का हाथ है इसीलिए जांच एजेंसियों के रडार पर होने बाद भी उससे कभी पूछताछ नही की गई.

सियासी गलियारों के अलावा जांच एजेंसियों में भी कुरैशी की गहरी पैठ है. राकेश अस्थाना से पहले सीबीआई के पूर्व डायरेक्टर रंजीत सिन्हा और ए पी सिंह भी कुरैशी से रिश्तों के चलते विवाद में फंस चुके हैं.

फरवरी 2014 में इनकम टैक्स ने कुरैशी के जिन 15 ठिकानों पर छापा मारा उनमें से एक ए पी सिंह का था. जहां से कुरैशी बाकायदा अपना ऑफिस चलाता था. इसी के चलते जनवरी 2015 में ए पी सिंह को यूपीएससी मेंबर के पद से इस्तीफा देना पड़ा था.

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बेटी की आलीशान शादी से आया रडार पर

अपनी बेटी पर्निया की आलीशान शादी के दौरान कुरैशी कई जांच एजेंसियों के निशाने पर आ गया था. पर्निया मॉडलिंग के साथ एक फैशन डिजायनर है और खुद का फैशन स्टोर भी चलाती है. पर्निया की शादी लंदन बेस्ड चार्टर्ड अकाउंटेंट अजीत प्रसाद के बेटे अर्जुन प्रसाद से हुई है जो पूर्व केंद्रीय मंत्री जतिन प्रसाद से रिश्तेदार हैं.

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दर्ज हैं कई मामले

प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने साल 2015 में कुरैशी के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग की एफआईआर दर्ज की थीं. टैक्स चोरी, मनी-लॉन्ड्रिंगऔर भ्रष्टाचार के अन्य मामलों में भी इनकम टैक्स विभाग और सीबीआई कुरैशी के खिलाफ जांच कर रही हैं.

अक्टूबर 2016 में कुरैशी दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर इमिग्रेशन के अफसरों को झांसा देकर दुबई फरार हो गया था.

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