भारत ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह श्रीलंका की नई सरकार के साथ करीब से मिलकर काम करने को तत्पर है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने मीडिया ब्रीफिंग में कहा, ‘‘ हमें उम्मीद है कि श्रीलंका की नई सरकार द्वीप देश के तमिल समुदाय की आकांक्षाओं को पूरा करेगी।’’
श्रीलंका में नई सरकार की नीतियों को लेकर अल्पसंख्यक तमिलों और मुसलमानों के बीच आशंकाएं है।
कुमार ने कहा, ‘‘भारत क्षेत्र की शांति, समृद्धि और सुरक्षा के वास्ते और हमारे संबंधों को मजबूत बनाने के लिए नई सरकार के साथ मिलकर काम करने को तत्पर हैं।’’
महिंदा राजपक्षे ने बृहस्पतिवार को श्रीलंका के नए प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली। हाल में ही महिंदा राजपक्षे के छोटे भाई गोटबाया राजपक्षे देश के राष्ट्रपति निर्वाचित हुए हैं।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने नये राष्ट्रपति से मुलाकात करने के लिए मंगलवार को कोलंबो की यात्रा की थी।
गोटबाया राजपक्षे के साथ अपनी बैठक के बाद जयशंकर ने कहा था कि नवनिर्वाचित राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निमंत्रण पर इस महीने के अंत में भारत की यात्रा पर आयेंगे।
कुमार ने कहा, ‘‘विदेश मंत्री ने कुछ दिन पहले प्रधानमंत्री के विशेष दूत के रूप में कोलंबो की यात्रा की थी। विदेश मंत्री ने राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे को प्रधानमंत्री का बधाई संदेश और भारत की यात्रा संबंधी निमंत्रण पत्र सौंपा था। उन्होंने निमंत्रण स्वीकार कर लिया था और 29 से 30 नवम्बर तक वह भारत की यात्रा पर आयेंगे।’’
प्रवक्ता ने कहा कि राष्ट्रपति राजपक्षे के साथ अपनी बैठक के दौरान जयशंकर ने भारत की उम्मीदों से उन्हें अवगत कराया कि श्रीलंकाई सरकार तमिल समुदाय की आकांक्षाओं को पूरा करे।
कुमार ने कहा, ‘‘राष्ट्रपति ने कहा है कि वह उत्तरी और पूर्वी प्रांतों के विकास को सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है और भारत को इस प्रयास के लिए एक महत्वपूर्ण भागीदार मानता है।’’
प्रवक्ता ने कहा कि श्रीलंका के साथ भारत के बहुआयामी संबंध है और यह इसकी भौगोलिक निकटता तथा ऐतिहासिक संबंधों में निहित हैं।
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)