फ्रांस (France) ने बाहर से आने वाले यात्रियों के लिए ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका (Oxford-Astrazeneca) वैक्सीन के भारतीय संस्करण कोविशील्ड (Covishield) को मंजूरी दे दी है. मतलब अब फ्रांस में कोविशील्ड लगवा चुके लोग अबाधित यात्रा कर सकेंगे.
एक न्यूज रिपोर्ट को ट्वीट करते हुए सीरम इंस्टीट्यूट के प्रमुख अदार पूनावाला ने कहा, "16 यूरोपीय देशों ने अब अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के प्रवेश के लिए कोविशील्ड को मान्यता दी है. हालांकि, टीके के बावजूद, कई देशों में प्रवेश दिशा-निर्देश अलग-अलग हो सकतें हैं, इसलिए यात्रा करने से पहले गाइडलाइन्स पढ़ लें."
भारत सरकार यूरोपीय संघ के सदस्य देशों को कोविशील्ड और कोवैक्सिन दोनों को ही मान्यता देने के लिए जोर दाल रही थी. ऐसा न होने पर, उन देशों के यात्रियों को, जिन्हें यूरोपीय संघ द्वारा मान्यता प्राप्त टीके लगाए गए हैं, भारत में क्वारंटाइन से छूट नहीं दी जाएगी. लेकिन अब सरकार ने अपनी बात यूरोपीय संघ के देशों तक पंहुचा दी है.
16 देश जो कोविशील्ड स्वीकार करते हैं
ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, बुल्गारिया, फिनलैंड, जर्मनी, ग्रीस, हंगरी, आइसलैंड, आयरलैंड, लातविया, नीदरलैंड, स्लोवेनिया, स्पेन, स्वीडन, स्विट्जरलैंड और फ्रांस ऐसे 16 देश हैं जो अब कोविशील्ड को मान्यता देते हैं. इनमें से 13 यूरोपीय संघ के सदस्य हैं.
इस मान्यता का क्या मतलब है?
इस मान्यता का मतलब है कि कोविशील्ड वैक्सीन की दोनों खुराक ले चुके भारतीयों को इन यूरोपीय देशों की यात्रा करने की अनुमति दी जाएगी, जब ये देश धीरे-धीरे अपने यात्रा प्रतिबंध हटा लेंगे. कुछ देशों को नेगेटिव आरटी-पीसीआर टेस्ट रिपोर्ट की भी आवश्यकता हो सकती है क्योंकि प्रवेश की आवश्यकता अलग-अलग देशों में अलग-अलग होगी.
कोविशील्ड की मान्यता को लेकर इतना विवाद क्यों उठा
1 जुलाई से, यूरोपीय संघ ने यूरोपीय संघ के देशों में यात्रा करने के लिए एक ग्रीन पास की शुरुआत की. इस ग्रीन पास के लिए, केवल चार टीकों को मान्यता दी गयी जिनमें, फाइजर/बायोएनटेक, मॉडर्ना, एस्ट्राजेनेका-ऑक्सफोर्ड द्वारा वैक्सजेरविरिया और जॉनसन एंड जॉनसन की जेनसेन शामिल थी. लेकिन यह स्पष्ट किया गया कि यह नियम एक यूरोपीय संघ के देश से दूसरे देश की यात्रा के लिए हैं, बाहरी यात्रियों के लिए नहीं.
यूरोपीय संघ ने जिन चार टीकों को मान्यता दी है, वे यूरोपीय मेडिसिन एजेंसी (ईएमए) द्वारा अप्रूव्ड हैं. क्योंकि सीरम इंस्टीट्यूट ने ईएमए अप्रूवल के लिए एप्लाई ही नहीं किया था, इसलिए इसे लिस्ट में शामिल नहीं किया गया था.
अन्य यूरोपीय संघ के देशों के बारे में क्या?
यूरोपियन मेडिसिन एजेंसी ने हाल ही में पुष्टि की है कि उसे सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया से कोई आवेदन नहीं मिला है. ईएमए ने कहा, "यूरोपियन संघ में उपयोग के लिए कोविड-19 वैक्सीन कोविशील्ड की पहले जांच होती है, जिसके लिए डेवलपर को ईएमए को एक आवेदन पत्र देना होता है, जो आज तक प्राप्त नहीं हुआ है."
इस पर अदार पूनावाला ने कथित तौर पर कहा कि, "हम एक मार्केटिंग ऑथराइजेशन के लिए आवेदन नहीं कर सकते, क्योंकि हम यूरोप में कोविशील्ड को बेचने का इरादा नहीं रखते हैं."
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