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तुर्की के ड्रोन हमलों में 26 सीरियाई सैनिकों की मौत  

शनिवार को तुर्की के ड्रोन हमलों में 26 सीरियाई सैनिकों की मौत हो गई.

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उत्तर-पश्चिम सीरिया में शनिवार को तुर्की के ड्रोन हमलों में 26 सीरियाई सैनिकों की मौत हो गई. युद्ध की निगरानी करने वाली संस्था ब्रिटेन की ‘सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स’ ने यह जानकारी दी. इससे पहले तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन ने सीरिया में गुरुवार को दर्जनों तुर्की सैनिकों की हत्या के लिए जवाबी कार्रवाई की धमकी दी थी.

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सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स’ संस्था ने कहा, ‘‘तुर्की के ड्रोनों ने इदलिब और अलेप्पो में सुरक्षा बलों के ठिकानों को निशाना बनाया, जिसमें सीरियाई सेना के 26 सदस्य मारे गए.’’

गुरुवार को सीरियाई हमले में तुर्की के 33 सैनिकों मारे गए थे

इससे पहले गुरुवार को सीरिया के इदलिब प्रांत में हवाई हमले में तुर्की के कम से कम 33 सैनिक मारे गए थे. इस हमले का आरोप सीरिया की बशर अल-असद सरकार पर लगाया जा रहा है. नाटो प्रमुख जेन स्टोल्टेनबर्ग ने असद सरकार और रूस द्वारा ‘‘अंधाधुंध’’ किए हमलों की निंदा की है. सीरिया के सीमावर्ती तुर्किश प्रांत हाते के गवर्नर रहमी दोगन ने कहा था कि मृतकों के अलावा दर्जनों और सैनिक भी इस हमले में घायल हुए हैं और उनका तुर्की के एक अस्पताल में इलाज चल रहा है. उत्तरपश्चिमी इदलिब में यह हमला ऐसे समय में हुआ, जब बागी समर्थक अंकारा और दमिश्क के सहयोगी मॉस्को के बीच तनाव बढ़ गया है.

रूस और तुर्की ने सीरिया में ‘तनाव कम होने’ की उम्मीद जतायी

इस बीच रूस और तुर्की ने सीरिया में ‘‘तनाव में कमी’’ आने की उम्मीद जतायी है. रूसी विदेश मंत्रालय ने शनिवार को बताया कि हाल के दिनों में उच्च स्तरीय रूसी-तुर्की वार्ता के दौरान दोनों देशों ने सीरिया में तनाव घटने की उम्मीद जतायी है. सीरिया में एक हवाई हमले में गुरुवार को तुर्की के 33 सैनिकों की मौत के बाद से तनाव बढ़ गया है. जहां रूस ने राष्ट्रपति बशर अल असद के शासन का और तुर्की ने इदलिब प्रांत में इस्लामी समूहों का समर्थन किया है. मास्को विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘दोनों पक्षों ने, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा घोषित आतंकवादियों से लड़ने के लिए जमीन पर तनाव कम करने पर ध्यान केंद्रित किया है.’’

मंत्रालय ने बताया कि तुर्की और रूस दोनों के अधिकारियों के अनुसार "वे इदलिब के अंदर और बाहर नागरिकों की रक्षा करना और जरूरत के समय सभी को आपातकालीन मानवीय सहायता उपलब्ध कराना चाहते हैं.’’

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