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वेनेजुएला में जिका वायरस की दस्तक, भारत को भी मिली चेतावनी

वेनेजुएला उन 20 देशों में शामिल है, जिनमें जिका के मामले सामने आए हैं

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करीब 20 देशों में अपने पैर पसार चुका जिका वायरस, अब वेनेजुएला में कदम रख चुका है. एक रिपोर्ट में वेनेजुएला में जिका वायरस के 4,700 संदिग्ध मामले सामने आए हैं. वहीं फ्रांस की सरकार ने भी विदेश यात्रा से लौटे पांच लोगों में जिका के संक्रमण की बात कही है.

आपको बता दें कि जिका एक ऐसा वायरस है जिसके संक्रमण के चलते शिशुओं का मस्तिष्क क्षतिग्रस्त हो जाता है.

लैटिन अमेरिका में हजारों ऐसे अन्य संदिग्ध मामले पाए गए हैं, जिसके कारण मच्छर जनित वायरस से निपटने में स्वास्थ्य क्षेत्र की खामी उजागर हो गई है. वेनेजुएला के स्वास्थ्य मंत्री लुइसाना मेलो ने कल कहा,

हमारे पास 4,700 मरीजों के जिका वायरस से संक्रमित होने की आशंका से जुडी खबरें हैं. ऐसा उनमें दिखने वाले लक्षणों के आधार पर कहा जा रहा है.

यह पहली बार है जब 3 करोड़ जनसंख्या वाले इस दक्षिण अमेरिकी देश की सरकार ने संदिग्ध संक्रमित लोगों की संख्या जारी की है. यह देश आर्थिक और राजनीतिक संकट से जूझ रहा है. वहीं, फ्रांस की सरकार ने अपने यहां पांच मामलों की जानकारी देते हुए कहा है कि जिन पांच लोगों में विदेश यात्रा के दौरान जिका विषाणु पाया गया था, वे साल की शुरुआत में ही फ्रांस लौट आए हैं.

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कल कहा कि अमेरिकी महाद्वीपों में जिका बहुत तेजी से फैल रहा है और क्षेत्र में मामलों की संख्या 40 लाख तक जा सकती है. वेनेजुएला उन 20 देशों में शामिल है, जिनमें जिका के मामले सामने आए हैं.

एकजुट होने का आग्रह

  • ब्राजील ने अपने पड़ोसी देशों से जिका वायरस से लड़ने के लिए एकजुट होने का आग्रह किया है.
  • ब्राजील की एयरलाइनों ने वायरस प्रभावित क्षेत्र की यात्रा करने से डर रहीं गर्भवती महिलाओं का किराया वापस करने की पेशकश की है.
  • बढ रहे खतरे के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने तेजी से फैल रहे विषाणु पर त्वरित गति से अनुसंधान करने को कहा है.
  • इस विषाणु ने अमेरिका और यूरोप से आने वाले यात्रियों को संक्रमित किया है.
  • हालांकि इस वायरस से ब्राजील सर्वाधिक प्रभावित है.
  • हालत इस कदर खराब है कि स्वास्थ्य विभाग ने ब्राजील के दंपत्तियों को परिवार वृद्धि का फैसला टालने की सलाह दी है.
  • अमेरिका के वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि देश के शोधकर्ता जीका वायरस के दो संभावित टीकों पर काम कर रहे हैं. इस टीके को तैयार होने और इसका इस्तेमाल करने में कई साल लग सकते हैं.


भारत के लिए चेतावनी

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने आगाह किया कि जिका विषाणु ‘भयानक तरीके से’ फैल रहा है और 40 लाख तक लोगों को संक्रमित कर सकता है. संगठन ने साथ ही भारत सहित उन सभी देशों को एक चेतावनी जारी की जहां ऐडीज मच्छरों के वाहक पाए जाते हैं जो डेंगू और चिकुनगुनिया को भी जन्म देते हैं. ऐडीज ऐगिपटाए मच्छर जिका विषाणु को जन्म देते हैं, जो डेंगू और चिकुनगुनिया भी फैलाता है. दोनों ही बीमारियां भारत जैसे उष्णकटिबंधीय देशों के लिए बड़ी सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्याएं हैं.

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