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अफगानिस्तान की भारत से UNSC का इमरजेंसी सत्र बुलाने की अपील, काबुल में ब्लास्ट

Kabul में अफगान रक्षा मंत्री के घर के करीब एक जबरदस्त बम ब्लास्ट हुआ

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अफगानिस्तान (Afghanistan) में हालात बद से बदतर हो रहे हैं. तालिबान (Taliban) की हिंसा और क्रूरता बढ़ गई है. संगठन हेलमंद (Helmand) प्रांत की राजधानी लश्करगाह (Lashkar Gah) पर कब्जा करने के करीब है. 3 अगस्त की रात काबुल में रक्षा मंत्री के निवास के करीब बम ब्लास्ट (Kabul Bomb Blast) हुआ. मृतकों और घायलों की संख्या बढ़ती जा रही है. ऐसे में अफगानिस्तान के विदेश मंत्री हनीफ अतमार ने अपने भारतीय समकक्ष एस जयशंकर से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का इमरजेंसी सत्र बुलाने की अपील की.

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अतमार ने 3 अगस्त को जयशंकर से फोन पर बात की और तालिबान की हिंसा को रोकने के लिए UNSC का सत्र बुलाने को कहा. गैर-स्थायी सदस्य भारत के पास अगस्त के लिए UNSC की अध्यक्षता है.

हनीफ अतमार ने ट्वीट कर बताया कि जयशंकर के साथ 'अफगानिस्तान पर इमरजेंसी UNSC सत्र बुलाने पर चर्चा हुई.' अतमार ने कहा, "अंतरराष्ट्रीय समुदाय को अफगानिस्तान में तालिबान की हिंसा और क्रूरता की वजह से घट रही त्रासदी को रोकने में बड़ी भूमिका निभानी चाहिए."

अतमार ने UNSC के मौजूदा अध्यक्ष भारत की 'मुख्य भूमिका' की भी सराहना की. अफगान विदेश मंत्रालय ने एक बयान में बताया कि अतमार ने जयशंकर को हिंसा बढ़ने, मानवाधिकारों के उल्लंघन और UNSC की स्पेशल बैठक पर जानकारी दी.
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काबुल में बम ब्लास्ट

3 अगस्त की रात काबुल में अफगान रक्षा मंत्री बिस्मिल्लाह मोहम्मदी के घर के करीब एक जबरदस्त बम ब्लास्ट हुआ. माना जा रहा है कि ब्लास्ट कार में हुआ था और रॉयटर्स ने एक सुरक्षा अधिकारी के हवाले से बताया कि ब्लास्ट का टारगेट रक्षा मंत्री थे.

हालांकि, मंत्री उस समय घर पर नहीं थे. लेकिन काबुल के जिस 'ग्रीन जोन' में ब्लास्ट हुआ है, वो हाई-सिक्योरिटी इलाका है. ब्लास्ट के साथ-साथ गोलीबारी भी हुई.

अफगान स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि इस घटना में सात लोग घायल हो गए. गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि सभी तीन हमलावर मारे गए.

ग्रीन जोन राजधानी काबुल का सबसे सुरक्षित इलाका कहा जाता है. यहां कई अफगान अधिकारी और संसद सदस्यों के घर हैं.

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लश्कर गाह मुश्किल में

अफगान सरकार के लिए सबसे मुश्किल स्थिति हेलमंद प्रांत की राजधानी लश्कर गाह में बनी हुई है. तालिबान और अफगान सुरक्षा बलों के बीच शहर में कई दिनों से लड़ाई चल रही है. तालिबान लश्कर गाह पर कब्जा करने के बहुत करीब बताया जा रहा है.

हालात इतने खराब हैं कि संयुक्त राष्ट्र ने 3 अगस्त को बताया कि लश्कर गाह में पिछले 24 घंटों में कम से कम 40 नागरिकों की मौत हो गई है.

अफगान सुरक्षा बलों ने लश्कर गाह के निवासियों से अपने घरों को छोड़ कर चले जाने की अपील की है. तालिबान शहर के दर्जन भर से ज्यादा स्थानीय रेडियो और टीवी स्टेशनों पर कब्जा कर चुका है.

अगर लश्कर गाह पर कब्जा होता है तो ये राष्ट्रपति अशरफ गनी के लिए बड़ी रणनीतिक हार साबित होगी. क्योंकि ग्रामीण क्षेत्रों में तालिबान का कब्जा काफी समय से चला आ रहा है और ये पहली बार होगा कि एक शहर सरकार के नियंत्रण से चला जाए, और वो भी एक प्रांतीय राजधानी.

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