अफगानिस्तान (Afghanistan) अराजकता में जा चुका है. देश पर तालिबान (Taliban) का कब्जा हो चुका है. राष्ट्रपति अशरफ गनी (Ashraf Ghani) देश छोड़ चुके हैं. अमेरिका समेत कई देशों ने काबुल (Kabul) में अपने दूतावास खाली कर दिए हैं. अमेरिकी सेना की पूरी तरह वापसी के लिए 31 अगस्त तय है लेकिन अमेरिका के लिए अफगानिस्तान संकट को छोड़कर जाना इतना आसान नहीं लगता है. काबुल एयरपोर्ट पर जमा हजारों लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए अमेरिका को अतिरिक्त सेना भेजनी पड़ रही है.
अमेरिका काबुल एयरपोर्ट पर एयर ट्रैफिक कंट्रोल अपने हाथों में ले रहा है. एयरपोर्ट पर हजारों लोगों की भीड़ जमा है, जो अफगानिस्तान छोड़ना चाहते हैं.
पेंटागन ने 1000 अतिरिक्त सैनिक काबुल भेजने का फैसला किया है. ये सैनिक काबुल से अमेरिकी नागरिकों और अमेरिकी सरकार के लिए काम करने वाले अफगानों को सुरक्षित निकालने में मदद करेंगे.
अफगानिस्तान में होंगे 6000 अमेरिकी सैनिक
अमेरिकी विदेश विभाग और पेंटागन ने काबुल पर तालिबान के कब्जे के बाद कहा कि अगले 48 घंटों में अफगानिस्तान में 'सैनिकों की तादाद करीब 6000 हो जाएगी.' अमेरिका ने कहा कि मिशन का फोकस नागरिकों को काबुल से निकालना और एयर ट्रैफिक कंट्रोल को अपने हाथों में लेना होगा.
बयान में कहा गया कि काबुल एयरपोर्ट की सुरक्षा पर काम चल रहा है, जिससे 'अमेरिकी और सहयोगी लोगों को नागरिक और मिलिट्री उड़ानों से सुरक्षित निकाल लिया जाए.'
जब राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की वापसी का ऐलान किया था तो काबुल में सिर्फ 2500 सैनिक थे. अब संकट गहराने के बाद अमेरिकी सैनिकों की संख्या 6000 हो जाएगी. काबुल में फैली अराजकता और अशांति के लिए अमेरिका को भी जिम्मेदार ठहराया जा रहा है.
जिन NATO देशों ने अमेरिका के साथ-साथ अपनी सेना अफगानिस्तान से वापस बुला ली थी, अब वो सैनिकों को वापस काबुल भेज रहे हैं. काबुल एयरपोर्ट से देशवासियों को सुरक्षित निकालने एक लिए इन देशों को अपना फैसला बदलना पड़ रहा है.
60 से ज्यादा देशों की तालिबान से अपील
60 से ज्यादा देशों ने तालिबान से विदेशी नागरिकों और देश छोड़ कर जाना चाह रहे अफगानों को जाने देने की अपील की है. इन देशों ने एक संयुक्त बयान जारी कर कहा कि अफगानिस्तान में 'सुरक्षा स्थिति बिगड़ती जा रही है.'
बयान में कहा गया, "पावर और अथॉरिटी में लोगों की जिम्मेदारी और जवाबदेही बनती है कि मानव जिंदगी और संपत्ति की रक्षा करें और तुरंत सुरक्षा और नागरिक व्यवस्था बहाल करें.'
संयुक्त बयान में सड़कों, एयरपोर्ट्स, बॉर्डर क्रॉसिंग खुले रखने की मांग की गई. 60 से ज्यादा देशों ने कहा, "अफगान लोग सुरक्षा और गरिमा के साथ रहना चाहते हैं. हम अंतरराष्ट्रीय समुदाय में उनकी मदद के लिए खड़े हैं."
काबुल में कैसी है स्थिति?
काबुल में अफरातफरी मची हुई है. तालिबान के आने के बाद सड़कों पर जाम देखा जा रहा है, एटीएम और बैंकों में लाइनें लग रही हैं. कुछ मीडिया रिपोर्ट्स का कहना है कि लोग किताबें जला रहे हैं और महिलाऐं बुरका खरीद रही हैं,
शहर से बाहर निकलने का रास्ता खोजने की कोशिश में कारों की लंबी कतारें लग गई हैं. बीबीसी ने बताया कि बैंक भी व्यस्त हैं क्योंकि निवासी अपनी बचत निकालने की कोशिश कर रहे हैं.
काबुल एयरपोर्ट की तस्वीरें परेशान करने वाली हैं. टर्मेक पर हजारों लोगों की भीड़ जमा है. लोग किसी तरह अफगानिस्तान छोड़कर जाना चाहते हैं. सोशल मीडिया शेयर किए जा रहे वीडियो में देखा गया कि लोगों की भीड़ विमानों में घुसने की कोशिश कर रही है.
हालात इतने खराब हैं कि अमेरिकी सुरक्षा बलों को हवा में फायर करना पड़ रहा है. न्यूज एजेंसी AFP ने एक प्रत्यक्षदर्शी के हवाले से बताया है कि टर्मेक पर भीड़ बढ़ने के बाद अमेरिकी बलों ने हवाई फायर किए हैं.
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