फ्रांस (France) 27 अगस्त की रात के बाद तालिबान के कब्जे वाले अफगानिस्तान (Afghanistan) से लोगों को नहीं निकाल पाएगा.यह जानकारी फ्रांस के प्रधानमंत्री जीन कास्टेक्स ने फ्रांसीसी रेडियो चैनल से बात करते हुए दी. इस फैसले के पीछे फ्रांसीसी प्रधानमंत्री ने अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की पूरी तरह वापसी की डेडलाइन (31 अगस्त) और उसके बाद काबुल एयरपोर्ट पर सुरक्षा के खतरों का हवाला दिया.
काबुल एयरपोर्ट पर हमले की चेतावनी
प्रधानमंत्री कास्टेक्स की यह टिप्पणी तब आई है जब ब्रिटेन ने हवाई अड्डे पर जल्द ही तालिबानी हमले के जोखिम की चेतावनी दी है, जबकि नीदरलैंड ने भी कहा कि वो अपनी फ्लाइट्स को रोक रहा है.
प्रधानमंत्री कास्टेक्स ने कहा कि 15 अगस्त को तालिबान द्वारा काबुल पर कब्जा करने के बाद से फ्रांस ने लगभग 2,500 लोगों को बाहर निकाल लिया है. इस रेस्क्यू मिशन में सैन्य विमानों द्वारा लोगों को पहले संयुक्त अरब अमीरात में एक फ्रांसीसी बेस पर ले जाया जा रहा है और फिर उन्हें वहां से फ्रांस ले जाया गया.
उनके अनुसार फ्रांसीसी नागरिकों के साथ-साथ “उन अफगानी तथा उनके परिवारों, कलाकारों और पत्रकारों को अफगानिस्तान से निकाला जा रहा है जिन्होंने किसी न किसी तरह से फ्रांसीसी सेना की मदद की है "
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