अफगानिस्तान के शहर हेरात में गुजरगाह मस्जिद के बाहर घातक विस्फोट (Afghanistan Herat Blast) हुआ है. इस विस्फोट में आम नागरिकों के साथ मुजीब रहमान अंसारी नाम के तालिबान समर्थक इमाम और उनके कई बॉडीगार्ड की मौत हो चुकी है. न्यूज एजेंसी AP की रिपोर्ट के अनुसार मेडिकल अधिकारियों का कहना है कि विस्फोट में कम से कम 18 मारे गए हैं और 21 लोग घायल हो गए हैं.
अलजजीरा की रिपोर्ट के अनुसार हेरात के पुलिस प्रवक्ता महमूद रसोली ने कहा है कि "मुजीब रहमान अंसारी अपने कुछ गार्ड और नागरिकों के साथ मस्जिद की ओर जाते समय मारे गए हैं." हालांकि पुलिस प्रवक्ता रसोली ने यह नहीं बताया कि शुक्रवार को हुए विस्फोट में कितने कुल लोग मारे गए हैं. शुक्रवार को हुए इस विस्फोट की अभी तक किसी आतंकी समूह ने जिम्मेदारी नहीं ली है.
सोशल मीडिया पर सामने आ रहे वीडियो और तस्वीरों में दिख रहा है कि मस्जिद के बाहर के हिस्से में विस्फोट के कारण खून से सनी लाशें बिखरी हुईं हैं.
तालिबान के समर्थन में सभा आयोजित करता था मुजीब रहमान अंसारी
अलजजीरा की रिपोर्ट के अनुसार मुजीब रहमान अंसारी ने तालिबान द्वारा आयोजित हजारों विद्वानों और बुजुर्गों की बड़ी-बड़ी सभा में तालिबान के समर्थन में भाषण दिया करता था. जून 2022 के अंत में ही आयोजित ऐसी ही सभा में उसने तालिबानी सरकार के खिलाफ खड़े होने वाले लोगों की निंदा की थी.
लगभग एक साल अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद से तालिबान ने दावा किया है कि उसने देश के अंदर सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया है लेकिन हाल के महीनों में कई धमाकों ने अफगानिस्तान को दहलाया है. इसमें से कई ब्लास्ट उन मस्जिदों में भी हुए हैं जहां बड़ी भीड़ नमाज पढ़ने के लिए इकठ्ठा हुई थी.
इससे पहले के मस्जिद पर हमलों की जिम्मेदारी सशस्त्र समूह ISIL (इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड द लेवेंटी) ने लिया था. ISIL ने अफगानिस्तान में धार्मिक और जातीय अल्पसंख्यकों के साथ-साथ तालिबान के ठिकानों पर हमलों को अंजाम दिया है.
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