अफगानिस्तान (Afghanistan) पर तालिबान (Taliban) के कब्जे के बाद से पाकिस्तान (Pakistan) के नेताओं की खुशी जगजाहिर है. कुछ ही दिनों पहले पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के प्रमुख फैज हामिद (Faiz Hameed) भी तालिबान लीडरशिप से मिलने काबुल पहुंचे थे. हालांकि, अफगानिस्तान के लोगों को पाकिस्तान की दखलंदाजी रास नहीं आ रही है और 7 सितंबर में इस्लामाबाद के खिलाफ काबुल में प्रदर्शन (anti pakistan protests) हुए. तालिबान ने प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए हवाई फायर भी किए.
प्रदर्शन में ज्यादातर अफगान महिलाओं ने हिस्सा लिया. काबुल स्थित पाकिस्तानी दूतावास के बाहर जमा भीड़ ने नारेबाजी की. लोगों का कहना है कि इस्लामाबाद अफगानिस्तान के मामलों में हस्तक्षेप कर रहा है.
कुछ दिनों पहले हुए ISI प्रमुख के दौरे को तालिबान के सरकार गठन से जोड़कर देखा जा रहा है. तालिबान अब तक सरकार का ऐलान नहीं कर पाया है और जानकारों का कहना है कि पाकिस्तान सरकार में हक्कानी नेटवर्क का ज्यादा प्रभाव चाहता है.
अशरफ गनी शासन और पश्चिमी देश आरोप लगाते रहे हैं कि पाकिस्तान तालिबान के जरिए अफगानिस्तान को अस्थिर करना चाहता है. हक्कानी नेटवर्क के सिराजुद्दीन हक्कानी अभी तालिबान के डिप्टी लीडर हैं और नई अफगान सरकार में अहम पद भी पा सकते हैं.
तालिबान ने किए हवाई फायर
न्यूज एजेंसी AFP के मुताबिक, कम से कम 70 लोगों ने पाकिस्तानी दूतावास के सामने विरोध प्रदर्शन किया है. एजेंसी के सदस्यों ने तालिबान को हवाई फायर करते हुए देखा.
6 सितंबर को भी उत्तरी अफगानिस्तान के महत्वपूर्ण शहर मजार-ए-शरीफ में महिलाओं के एक समूह ने अपने अधिकारों के लिए प्रदर्शन किया था. पिछले हफ्ते हेरात में भी महिलाएं नई सरकार में हिस्सेदारी की मांग करते हुए सड़कों पर आई थीं.
तालिबान के कब्जे के बाद से कई शहरों में प्रदर्शन हुए हैं और ज्यादातर में महिलाएं प्रमुखता से सामने रही हैं. तालिबान अभी तक सरकार का गठन नहीं कर पाया है और इस प्रक्रिया में पाकिस्तान के दखल से अफगान लोगों में गुस्सा बढ़ रहा है.
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