अमेरिकी सेना ने अफगानिस्तान (Afganistan) छोड़ दिया है. तालिबान ने 31 अगस्त की तारीख तक का वक्त दिया था.अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अफगानिस्तान से फौज की वापसी के बाद राष्ट्र को संबोधित किया. बाइडेन ने अपने संबोधन में कहा-
इस निकासी की सफलता हमारी सेना के निस्वार्थ साहस के कारण थी. उन्होंने दूसरों की सेवा करने के लिए अपनी जान जोखिम में डाल दी 'युद्ध के मिशन में नहीं बल्कि दया के मिशन में'... इतिहास में किसी भी देश ने ऐसा कभी नहीं किया, यह केवल संयुक्त राज्य अमेरिका है.राष्ट्रपति जो बाइडेन
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बाइडेन ने कहा मैं निर्णय की जिम्मेदारी लेता हूं. कुछ लोग कहते हैं कि हमें इसे जल्दी शुरू कर देना चाहिए था. मैं सम्मानपूर्वक असहमत हूं. अगर यह पहले होता, तो यह हड़बड़ी या गृहयुद्ध की ओर ले जाता चुनौतियों, खतरों के बिना युद्ध के अंत से कोई निकासी नहीं होती है.
मेरा मानना है कि यह 'सही निर्णय और सबसे अच्छा निर्णय' है. अफगानिस्तान में युद्ध अब समाप्त हो गया है. मैं चौथा राष्ट्रपति हूं जिसने इस युद्ध को समाप्त करने के लिए इस मुद्दे का सामना किया है... मैंने अमेरिकियों से इस युद्ध को समाप्त करने की प्रतिबद्धता की, मैंने इसका सम्मान किया.
बाइडेन ने आतंकवाद को चुनौती देते हुए कहा-
मैं उन लोगों से स्पष्ट रूप से कहना चाहता हूं जो अमेरिका को नुकसान पहुंचाना चाहते हैं या जो हमारे या सहयोगियों के खिलाफ आतंकवाद में लिप्त हैं, संयुक्त राज्य अमेरिका कभी आराम से नहीं बैठेगा करेगा. हम माफ नहीं करेंगे, भूलेंगे नहीं.
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