अमेरिका में पढ़ाई करने वाले भारतीय छात्रों को वापस लौटना पड़ सकता है. अमेरिका ने कहा था कि वो उन छात्रों को एफ-1 वीजा नहीं देगा, जो फॉल ईयर 2020 में नया सेमेस्टर शुरू करने जा रहे थे. इससे हजारों छात्रों के सामने परेशानी खड़ी होती दिख रही है. लेकिन अब अमेरिका ने कहा है कि उन्होंने इसे लेकर विचार किया है. साथ ही कहा है कि वो छात्रों के हितों का खयाल रखेंगे और इसके प्रभाव को कम करने की कोशिश करेंगे.
अमेरिका के एफ-1 वीजा को लेकर किए गए ऐलान के बाद छात्रों में खलबली मच गई थी. इसे लेकर लगातार छात्र और उनके पेरेंट्स चिंता जाहिर कर रहे थे. जिसके बाद अमेरिका ने छात्रों के हितों को ध्यान में रखकर आगे इस पर विचार करने की बात कही है.
अमेरिका के इस नए नियम को लेकर विस्तार में गाइडलाइन आना अभी तक बाकी है. इसीलिए हो सकता है कि यूएस इन गाइडलाइंस में छात्रों को कुछ राहत दे. इस एफ-1 वीजा मामले को भारत-अमेरिका फॉरेन ऑफिस कंसल्टेशंस के दौरान उठाया गया.
क्या है पूरा मामला?
दरअसल अमेरिका वहां पढ़ाई करने आने वाले विदेशी छात्रों के लिए एक स्पेशल स्टूडेंट वीजा जारी करता है. जिसे एफ-1 वीजा कहा जाता है. ये आपको अमेरिका में फुल-टाइम छात्र के तौर पर एंट्री करने देता है और आप किसी कॉलेज, यूनिवर्सिटी, सेमिनरी, अकादमिक हाई स्कूल, एलीमेंट्री स्कूल, या लैंग्वेज ट्रेनिंग प्रोग्राम में जाने देता है. लेकिन अमेरिका की फेडरल इमिग्रेशन अथॉरिटी ने ऐलान किया है कि वहां पढ़ रहे दूसरे देशों के छात्रों को अपने देश लौटना होगा.
जिन भी छात्रों की पढ़ाई ऑनलाइन होगी, उन्हें अमेरिका छोड़कर जाना होगा. यानी वो अगर फिजिकली क्लास अटेंड नहीं करते हैं तो उन्हें अपने देश से ही ऑनलाइन क्लासेस में हिस्सा लेना होगा.
लेकिन अब अमेरिका की तरफ से छात्रों के हितों को लेकर सोचने वाली बात सामने आने को एक बड़ी राहत के तौर पर देखा जा सकता है. हालांकि अब तक आधिकारिक तौर पर अमेरिका ने छात्रों को ऐसी राहत देने की बात नहीं कही है. लेकिन अगर ऐसा होता है तो अमेरिका में पढ़ रहे भारतीय छात्रों को वापस नहीं लौटना होगा.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)