डेमोक्रेटिक पार्टी की उपराष्ट्रपति पद की उम्मीदवार कमला हैरिस ने अपने चुनावी कैंपेन के लिए भारतीय-अमेरिकी सबरीना सिंह को प्रेस सचिव नियुक्त किया है. कैलिफोर्निया सीनेटर हैरिस के नाम का ऐलान डेमोक्रेटिक पार्टी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जो बाइडेन ने 11 अगस्त को किया था. कमला हैरिस की मां श्यामला गोपालन हेरिस भी भारत से थीं.
सबरीना सिंह डेमोक्रेटिक पार्टी के दो राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों न्यू जर्सी सीनेटर कोरी बुकर और न्यू यॉर्क के पूर्व मेयर माइक ब्लूमबर्ग की प्रवक्ता रह चुकी हैं.
सिंह अमेरिकी की किसी बड़ी राजनीतिक पार्टी के उपराष्ट्रपति पद की उम्मीदवार की प्रेस सचिव बनने वालीं पहली भारतीय-अमेरिकी हैं. उन्होंने ट्विटर पर लिखा, "मैं @KamalaHarris की प्रेस सचिव बनकर #BidenHarris टिकट को जॉइन करने के लिए उत्साहित हूं. मैं काम करने और नवंबर में जीतने के लिए उत्सुक हूं."
कौन हैं सबरीना सिंह?
सिंह लॉस एंजेलेस की निवासी हैं और वो डेमोक्रेटिक नेशनल कमेटी की प्रवक्ता रह चुकी हैं. सबरीना सरदार जेजे सिंह की पौत्री हैं, जो इंडिया लीग ऑफ अमेरिका से जुड़े थे. ये संगठन अमेरिका में भारतीय-अमेरिकी समुदाय के हितों के लिए काम करता है.
सबरीना के पिता मनजीत सिंह का जन्म 1956 में अमेरिका में ही हुआ था, लेकिन 5 साल बाद पूरा परिवार भारत चला गया था. सबरीना ने इंडिया एब्रॉड पब्लिकेशन को बताया था कि 1980 के दशक में उनके माता-पिता ने अमेरिका इमिग्रेट करने का फैसला लिया था. सबरीना के पिता मनजीत सिंह सोनी इंडिया के सीईओ रह चुके हैं. सबरीना सिंह ने यूनिवर्सिटी ऑफ सदर्न कैलिफोर्निया से इंटरनेशनल रिलेशन्स पढ़ा है.
सबरीना के दादा जेजे सिंह ने 1940 के दशक में कुछ भारतीयों के साथ मिलकर अमेरिकी की नस्लभेदी नीतियों के खिलाफ एक देशव्यापी अभियान छेड़ा था. इसकी वजह से तत्कालीन राष्ट्रपति हैरी ट्रूमन ने 2 जुलाई 1946 को Luce-Celler कानून पास किया था. इस कानून ने अमेरिका में सालाना 100 भारतीयों के आने का कोटा तय किया था.
क्यों है भारतीय-अमेरिकी महत्वपूर्ण?
3 नवंबर को होने वाले अमेरिकी चुनाव में 13 लाख भारतीय-अमेरिकी लोगों के वोट डालने की उम्मीद है. डेमोक्रेटिक पार्टी अलग-अलग बैकग्राउंड के भारतीय-अमेरिकी लोगों को जो बाइडेन के पक्ष में करने पर काम कर रही है. वहीं, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया कि उनके पक्ष में ज्यादा ‘भारतीय’ हैं.
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