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बिल गेट्स और मेलिंडा क्यों हुए अलग, क्या है इनकी प्रेम कहानी?

संस्थापक बिल गेट्स और उनकी पत्नी मेलिंडा गेट्स ने अलग होने का फैसला लिया है

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दुनिया के सबसे अमीर लोगों में शुमार और माइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक बिल गेट्स और उनकी पत्नी मेलिंडा गेट्स ने अलग होने का फैसला लिया है. बिल ने अपने ट्विटर हैंडिल से साझा बयान ट्वीट किया था. जिसमें लिखा था कि बहुत सोच विचार करने के और अपने रिश्ते पर बहुत काम करने के बाद हम दोनों ने शादी खत्म करने का फैसला किया है.

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बीते 27 साल में हमने तीन शानदार बच्चों (एक बेटा और दो बेटी) पालकर बड़ा किया और हमने एक फाउंडेशन (बिल एवं मेलिंडा गेट्स) बनाया जो कि दुनिया भर के लोगों की सेहत और बेहतर जिंदगी के लिए काम कर रहा है. हम इस मिशन के लिए अब भी एक जैसी सोच रखेंगे और आगे भी फाउंडेशन के लिए मिलकर काम करते रहेंगे.

कैसे हुई बिल गेट्स और मेलिंडा की मुलाकात?

साल 1987 में मेलिंडा ने माइक्रोसॉफ्ट में प्रोडक्ट मैनेजर के पद पर नौकरी शुरू की थी. उसी साल न्यूयॉर्क में दोनों एक बिजनेस डिनर टेबल पर मिले थे. नेटफ्लिक्स की एक डॉक्यूमेंट्री में बिल बताते हैं कि एक दूसरे को डेट करने के करीब एक साल के बाद हम एक दूसरे की बहुत केयर करने लगे. यहां से सिर्फ दो संभावनाएं बनती थी या तो ब्रेकअप होता या फिर शादी.

मेलिंडा कहती है कि बिल ने शादी करने से पहले एक लिस्ट बनाई थी, जिसमें उन्होंने लिखा कि इस शादी होने के क्या नुकसान और क्या फायदे हैं.

साल 1994 में हवाई के एक द्वीप लनाई में दोनों ने डेस्टिनेशन वेंडिग कर ली. इस दौरान बिल गेट्स ने सभी स्थानीय हेलिकॉप्टर बुक कर लिए थे. शादी से पहले जब दोनों के रिश्ते की शुरुआत हुई तो दोनों इसके लेकर सीरियस नहीं थे.

बिल कहते हैं कि इस दौरान मेलिंडा के कई ब्वॉयफ्रेंड थे, मेरे पास सिर्फ माइकोसॉफ्ट था. हम दोनों ने फैसला किया था कि हम एक दूसरे से समय नहीं मांगेंगे, लेकिन एक साल बाद बिल ने मेलिंडा से कहा मैं तुमसे प्यार करता हूं इसके बाद मेलिंडा ने भी यही कहा. जिसके बाद कई साल डेट करने के बाद दोनों ने 1994 में बिल ने मेलिंडा से शादी कर ली.

बिल गेट्स और मेलिंडा ने अलग होने का फैसला क्यों लिया है?

बिल और मेलिंडा ने 27 साल बाद अलग होने का अभी तक कोई कारण नहीं बताया है. डीएनए अपनी रिपोर्ट में मेलिंडा के हवाले से लिखता है कि बिल गेट्स काम और परिवार के बीच संतुलन नहीं बना पा रहे थे. न्यूयॉर्क पोस्ट अपनी रिपोर्ट में लिखता है कि बिल गेट्स ने मेलिंडा से शादी करने से पहले एक डील की थी यानी कि समझौता जिसके मुताबिक हर साल में कुछ दिन बिल अपनी एक्स गर्लफ्रेंड एना विनब्लैड के साथ समय बिता सकते थे. साल 1997 में यह बात खुद बिल गेट्स ने मानी थी. बिल गेट्स और मेलिंडा ने अभी तक इसको लेकर खुलकर बात नहीं की है.

वॉल स्ट्रीट जनरल और पीपुल्स की रिपोर्ट के मुताबिक दोनों के अलग होने का कारण यौन उत्पीड़न के जुर्म में दोषी करार दिए गए जेफरी एपस्टीन से बिल की दोस्ती है. जेफरी की मौत 2019 में ही हो गई थी, लेकिन इसके बाद भी बिल औj मेलिंडा का अलग होने से नहीं रोका जा सका.

बिल और जेफरी साल 2011 में मिले थे. इसके कई साल बाद जेफरी को यौन उत्पीड़न के जुर्म में दोषी करार दिया गया. साल 2019 की न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक बिल और जेफरी के बीच दोस्ती बनी रही. इनके बीच कई बार मुलाकात भी हुई.

बिल और मेलिंडा की 2013 में एपस्टीन के साथ मीटिंग थी. डेली बिस्ट की इस महीने एक रिपोर्ट में दावा किया कि इस मुलाकात से मेलिंडा असहज थी. मेलिंडा गेट्स को बिल की जेफरी एपस्टीन से दोस्ती पंसद नहीं थी. वॉल स्ट्रीट जर्नल की माने तो बिल इसके बाद भी नहीं माने. वर्ष 2019 में बिल गेट्स वॉल स्ट्रीट जनरल को दिए इंटरव्यू में कहते हैं कि वो जेफरी एपस्टीन से मिले हैं, लेकिन उनके साथ न तो कोई व्यापारिक साझेदारी है और न ही दोस्ती है.

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बिल ओर मेलिंडा की ओर से अभी तक इसको लेकर अभी कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है. दोनों ने अलग होने के कारण नहीं बताया है. जर्नल ने तो अपनी रिपोर्ट में यह भी दावा किया कि 2019 में ही मेलिंडा तलाक के लिए वकील से मिल चुकी थीं.

बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के काम पर असर नहीं


बिल गेट्स और मेलिंडा ने अलग होने के बाद सबके मन में यह सवाल था कि फाउंडेशन पहले की तरह काम करेगा. बिल ने अपने ट्विटर अंकाउट से जो साझा बयान जारी किया है असके अनुसार गेट्स फाउंडेशन पर तलाक का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. इस फाउंडेशन की शुरुआत अमेरिका के सिएटल शहर में 2000 में हुई थी. यह फाउंडेशन शिक्षा, जलवायु परिवर्तन, शिक्षा, सार्वजनिक स्वास्थ्य और मेडिकल रिसर्च सहित अन्य मुद्दों पर काम करता है. साल 2019 में फाउंडेशन की कुल संपत्ति 43.3 अरब डॉलर थी. इसमें अन्य अमीर लोग भी पैसे देते हैं.

बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन की वेबसाइट (www.gatesfoundation.org) के मुताबिक फाउंडेशन ने अभी तक कई काम किए हैं. फाउंडेशन ने कोरोना से लड़ने के लिए बीते साल वैक्सीन और शोध के लिए 1.75 बिलियन डॉलर (12.85 हजार करोड़ रुपये) दिए थे.

वेबसाइट के मुताबिक 2002 से गेट्स फाउंडेशन ने मलरिया, टीवी और एड्स और अन्य ऐसे रोगों से से लड़ने के लिए ग्लोबल फंड के माध्यम से सहायता की. इस फंड की मदद से 2002-2019 के बीच 3 करोड़ 80 लाख लोगों की जान बचाई जा सकी. ग्लोबल फंड के जरिए जिस भी देश की मदद की गई वहां पर मलेरिया, एड्स और टीवी से होने वाली मौतों में हर वर्ष 50 फीसदी की कमी दर्ज की गई.

गेट्स फाउंडेशन ने 2005 से लैटिन अमेरिकन, दक्षिण एशियाई देश, अफ्रीका, पूर्वी यूरोप की देशों की लाइब्रेरी में कंप्यूटर भेजे गए औऱ इंटरनेट की पहुंच को बढ़ाया गया

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साल 1988 में शुरू हुए ग्लोबल पोलियो उन्मूलन पहल में भी गेट्स फाउंडेशन शामिल है. बता दें कि 2011 जनवरी में भारत के पश्चिमी बंगाल के हावड़ा जिले में पोलियों का टाइप-1 का आखिरी मामला आया था.  साल 2014 में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत को पोलियो मुक्त घोषित कर दिया था. वर्ष 2015 में संयुक्त राष्ट्र महासभा 2030 सतत विकास हेतु एजेंडा’ के तहत 17 विकास लक्ष्य तय किए थे. जो कि गरीबी, असमानता, स्वास्थ्य, जलवायु परिवर्तन, शांति और न्याय से संबंधित है. गेट्स फाउंडेशन ने इस लक्ष्य का पाने के लिए मिलकर काम करने का संकल्प लिया है.

बिल गेट्स की आलोचना क्यों हो‌ रही है?

ऐसा नहीं है कि गेट्स फाउंडेशन के काम करने से बिल गेट्स की आलोचना नहीं होती. कई‌ लोग समय-समय पर इसपे सवाल उठाते रहे हैं. हाल ही में स्काई न्यूज को‌ दिए इंटरव्यू में माइक्रोसॉफ्ट के फाउंडर बिल‌ गेट्स से सवाल किया गया कि, क्या वैक्सीन से इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट की सुरक्षा हटा ली जाए और इसे विश्व के अन्य देशों के साथ साझा किया जाए तो क्या इससे सब तक टीका पहुंचाने में मदद मिलेगी? इस पर बिल गेट्स ने नहीं कहा था. जिसके बाद से उनकी आलोचना शुरू हो गई है.

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