दुनिया के अमीर बिजनसमैन में से एक बिल गेट्स (Bill Gates) ने क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) की आलोचना की है. मंगलवार, 14 जून को हुए क्लाइमेट कॉन्फ्रेंस (Climate Confrence) में उन्होंने NFTs यानि नॉन फंजिबल टोकन्स को महज दिखावा करार दिया और कहा कि ये सब ग्रेटर फूल थ्योरी (Greater Fool Theory) पर आधारित है.
बिल गेट्स ने कैलिफोर्निया के बर्कले में टेकक्रंच द्वारा आयोजित एक इवेंट में पहले भी कहा था कि, "जाहिर है कि बंदरों की महंगी फोटो (NFT) आने वाले समय में दुनिया को बेहतर बनाने वाली है." ये बात उन्होंने व्यंग में की थी, NFT को लेकर मजाक उड़ाते हुए बोली थी.
गेट्स ने इससे पहले भी क्रिप्टो की आलोचना की थी. पिछले साल उनका विवाद एलन मस्क के साथ इस बात पर हुआ था कि क्या बिटकॉइन खुदरा निवेशकों (Retail Investors) के लिए बहुत जोखिम भरा है और क्रिप्टोकरेंसी की माइनिंग से पर्यावरण को नुकसान पहुंचता हैं.
ब्रेकथ्रू एनर्जी वेंचर्स के संस्थापक (2015 में शुरू किया गया जलवायु-केंद्रित फंड) के रूप में क्लाइमेट कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए उन्होंने कहा, मैंने नोटिस किया कि कम ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन की आवश्यकता वाले रसायनों और इस्पात उत्पादन जैसे उद्योगों में काम करने के लिए सिलिकॉन वैली इंजीनियरों की भर्ती में कठिनाई आ रही है.
बता दें कि बिटकॉइन सोमवार को 15% से अधिक गिर गया था और मंगलवार को इसमें 5.4% की गिरावट दर्ज हुई थी.
क्या है ग्रेटर फूल थ्योरी (Greater Fool Theory)
यहां निवेशक केवल एक असेट (NFTs) के लिए बहुत ज्यादा भुगतान करने पर खुश होते हैं दरअसल ज्यादा से ज्यादा मूर्ख लोग भविष्य में ज्यादा भुगतान करने के लिए तैयार होंगे. यह बिना किसी कारण के महंगे दाम में डिजिटल संपत्ति खरीदते हैं. NFTs में भी यही हो रहा है जैसे ट्विंटर के जैक डॉर्सी ने अपने पहले ट्वीट को NFT बना कर बेच दिया जिसकी बोली है और गेट्स का मानना है कि यह सब बकवास है.
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