यूनाइटेड किंगडम (UK) प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन (Boris Johnson) ने कहा कि G7 तालिबान (Taliban) से निपटने की योजना पर सहमत हो गया है. जॉनसन ने कहा कि योजना की पहली शर्त ये है कि आतंकी, 31 अगस्त की समय सीमा के बाद भी देश छोड़ने के इच्छुक अफगानों को सुरक्षित जाने देना चाहिए.
जॉनसन ने 7 देशों की इमरजेंसी वर्चुअल बैठक के बाद कहा, "हम आज न केवल निकासी से निपटने के लिए एक दृष्टिकोण पर सहमत हुए हैं, बल्कि जिस तरह से हम तालिबान के साथ डील करने जा रहे हैं, उसके लिए एक रोड मैप भी है."
यूके, यूएस, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली और जापान वाले G7 समूह इस बात पर सहमत हुआ है कि 31 अगस्त के बाद अफगान के लोगों का सेफ पैसेज होगा. जॉनसन ने कहा, "नंबर 1 शर्त, जिसे हम G7 के रूप में सेट कर रहे हैं, वो ये है कि उन्हें 31 अगस्त और उसके बाद, उन लोगों के लिए सुरक्षित मार्ग की गारंटी देनी है, जो देश से बाहर निकलना चाहते हैं."
'नहीं तो रोके जाएंगे फंड्स'
जॉनसन ने कहा कि तालिबान पर G7 का "विशाल लाभ" हो सकता है, जिसमें पर्याप्त धन रोकना शामिल है.
"हम ये कह रहे हैं कि अफगानिस्तान आतंक का अड्डा नहीं बन सकता, अफगानिस्तान नार्को-स्टेट नहीं बन सकता, लड़कियों को 18 साल की उम्र तक शिक्षित किया जाना है."बोरिस जॉनसन, ब्रिटिश प्रधानमंत्री
'और लोगों को बाहर निकाल सकते हैं, लेकिन'
अफगानिस्तान से लोगों को निकालने की प्रक्रिया पर बोरिस जॉनसन ने कहा, "हमें विश्वास है कि हम हजारों और निकाल सकते हैं, लेकिन एयरपोर्ट पर स्थिति बेहतर नहीं हो रही है. जो लोग बाहर निकलने की कोशिश कर रहे हैं, उनके लिए स्थिति मुश्किल है."
बाइडेन ने किया फैसले का बचाव
BBC की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने G7 बैठक को बताया कि अमेरिका 31 अगस्त तक अपने मिशन को पूरा करने के लिए "सही पेस" पर है. अफगानिस्तान से सेना की वापसी के फैसले का बचाव करते हुए, बाइडेन ने क्षेत्र में अमेरिकी सैनिकों पर आतंकवादी हमले के जोखिम की चेतावनी देते हुए कहा, "जितना जल्द हम खत्म करेंगे, उतना बेहतर है."
ट्रूडो ने कहा था- 'आतंकवादी है तालिबान'
G7 बैठक से पहले, कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि कनाडा पहले से ही लंबे समय से यह मानता रहा है कि तालिबान आतंकवादी हैं और आतंकवादियों को पनाह देते हैं.
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