दुनिया की पांच सबसे तेज अर्थव्यवस्थाओं के समूह ब्रिक्स (BRICS) ने अपने विस्तार की घोषणा की है. यानी इन पांच देशों के समूह में अब और नए देश भी शामिल होंगे. दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा (Cyril Ramaphosa) ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करने के दौरान छह नए देशों को इस समूह में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया है.
6 नए देश हैं: अर्जेंटीना (Argentina), मिस्र (Egypt), इथियोपिया (Ethiopia), ईरान (Iran), सऊदी अरब (Saudi Arab) और संयुक्त अरब अमीरात (UAE).
रामफोसा ने पीएम नरेंद्र मोदी, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग, ब्राजील के लूला दा सिल्वा और रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के साथ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि, "हम अर्जेंटीना, मिस्र, इथियोपिया, ईरान, सऊदी अरब और यूएई को ब्रिक्स का पूर्ण सदस्य बनने के लिए एक समझौते पर पहुंचे हैं. सदस्यता जनवरी 2024 से लागू होगी."
"इस शिखर सम्मेलन ने ब्रिक्स, लोगों के बीच आदान-प्रदान और दोस्ती और सहयोग को बढ़ाने के महत्व की पुष्टि की... हमने जोहान्सबर्ग में की दो घोषणाओं को अपनाया है, जो वैश्विक आर्थिक, वित्तीय और राजनीतिक महत्व के मामलों पर प्रमुख ब्रिक्स संदेशों को दर्शाते हैं."दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा
वहीं पीएम मोदी ने ब्रिक्स के विस्तार के लिए भारत के समर्थन की पुष्टि की और कहा कि "भारत ने हमेशा माना है कि नए सदस्यों को जोड़ने से ब्रिक्स एक संगठन के रूप में मजबूत होगा..."
ध्यान देने वाली बात है कि इस घोषणा में पाकिस्तान को ब्रिक्स में शामिल करने के लिए आमंत्रित नहीं किया गया है, भले ही शी जिनपिंग ने इस बात के लिए जोर लगाया कि ब्रिक्स समूह को अधिक विकासशील देशों को शामिल करने के लिए अपनी सदस्यता का विस्तार करना चाहिए.
हालांकि, भारत ने विकासशील देशों (पाकिस्तान) को जोड़ने का कड़ा विरोध किया था, इस आशंका के बीच कि यह समूह के मूल उद्देश्यों और इसके मौजूदा सदस्यों के बीच बनी आम सहमति को कमजोर कर देगा.
वहीं पीएम मोदी ने भारत के सफल चंद्रयान-3 मिशन का भी जिक्र किया और कहा, "यह हमारे लिए गर्व की बात है कि इस उपलब्धि को पूरी मानवता के लिए एक उपलब्धि के रूप में स्वीकार किया जा रहा है."
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