इंडियन टूरिस्ट्स, छात्रों और काम करने वालों के लिए इमिग्रेशन नियमों में ब्रिटेन (Britain) ढील देने की योजना बना रहा है, जो ट्रेड डील का एक हिस्सा है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत और ब्रिटेन दोनों देशों के बीच एक मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर औपचारिक रूप से बातचीत शुरू होने वाली है, जिसका उद्देश्य 2024 की शुरुआत तक एक सेवा-संचालित एफटीए पर पहुंचना है.
ऐनी-मैरी ट्रेवेलयन, इंटरनेशनल ट्रेड सेक्रेटरी हैं, जो इस महीने दिल्ली के दौरे पर आने वाली है. उम्मीद की जा रही है कि वो भारतीय नागरिकों के लिए इमिग्रेशन नियमों में छूट देने पर विचार करेंगी, जो भारत की प्रमुख मांग रही है.
रिपोर्ट्स के मुताबिक उन्हें लिज ट्रस का समर्थन प्राप्त है, जो ट्रेवेलियन के पूर्ववर्ती और मौजूदा वक्त में विदेश सचिव हैं. यूके सरकार चीन का मुकाबला करने के लिए भारत के साथ अच्छा संबंध बनाना चाहती है.
मौजूदा वक्त में ब्रिटेन में वर्क वीजा के लिए भारतीय नागरिक को 1,400 GBP तक खर्च करना पड़ता है, जबकि विद्यार्थी और टूरिस्ट क्रमशः 348 GBP और 95 GBP का भुगतान करते हैं.
देशों के बीच साइन किए गए माइग्रेशन एंड मोबिलिटी पार्टनरशिप (MMP) के तहत 3 हजार विद्यार्थियों और प्रोफेशनल्स को एक साल में किसी भी देश में काम का एक्सपीरिएंस लेने की छूट दी जाएगी.
लेकिन नए रिलैक्सेशन प्लान के तहत देश ऑस्ट्रेलिया के साथ यूके के एफटीए डील के जैसे ही एक स्कीम को फॉलो कर सकते हैं, जो यंग इंडियन्स को तीन साल तक यूके में आने और काम करने का मौका दे सकता है.
रिपोर्ट्स के मुताबिक विद्यार्थियों के लिए वीजा शुल्क भी कम किया जा सकता है ताकि वे ग्रेजुएशन होने के बाद ब्रिटेन में और ज्यादा दिनों तक रह सकें.
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