ब्रिटिश सांसदों ने प्रधानमंत्री थेरेसा मे की ब्रेग्जिट डील को तीसरी बार खारिज कर दिया. सांसदों ने हाउस ऑफ कॉमन्स में ब्रिटेन के यूरोपीय संघ से तथाकथित अलग होने की शर्तों को 286 के बदले 344 मतों से खारिज कर दिया.
मे बुधवार को अपनी कंजरवेटिव पार्टी के दबाव में झुक गईं और उनके ब्रेक्जिट प्रस्ताव को सांसदों का समर्थन मिलने की स्थिति में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफे की पेशकश कर दी थी.
थेरेसा मे इससे पहले इसी साल 15 जनवरी और 12 मार्च को भी ब्रेग्जिट डील का मसौदा संसद में पेश कर चुकी हैं. लेकिन, सांसदों ने इसे दोनों बार नकार दिया था.
इससे पहले ब्रिटेन की संसद में प्रधानमंत्री टेरीजा मे का ब्रेग्जिट का प्रस्ताव मतों के भारी अंतर से गिर गया था. उस दौरान हाउस ऑफ कॉमन्स में इस प्रस्ताव के पक्ष में 202 वोट पड़े थे, जबकि इसके खिलाफ 432 वोट पड़े थे. इस प्रस्ताव के गिरने के बाद टेरीजा मे के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव भी लाया गया था. इस अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 306 वोट, जबकि इसके खिलाफ 325 वोट पड़े थे.
पहला प्रस्ताव गिरने के बाद ये बोलीं थी पीएम टेरीजा
हाउस ऑफ कॉमन्स में अपना प्रस्ताव गिरने के बाद टरीजा ने कहा था, ''सदन ने कहा है और सरकार सुनेगी. यह साफ है कि सदन इस डील का समर्थन नहीं करता है लेकिन आज के मतदान ने हमें उस बारे में कुछ नहीं बताया कि यह किसका समर्थन करता है. मैं सदन में सभी पक्षों के सदस्यों से अपील करती हूं कि वे ब्रिटिश लोगों की सुनें, जो इस मुद्दे का समाधान चाहते हैं.’’इसके साथ ही उन्होंने सांसदों से इस मुद्दे को सुलझाने के लिए सरकार के साथ काम करने का अनुरोध किया था.
ब्रेग्जिट के लिए 29 मार्च की तारीख है निर्धारित
साल 1973 में यूरोपीय यूनियन में शामिल हुए ब्रिटेन के इस यूनियन से निकलने के लिए 29 मार्च की तारीख तय है. ब्रिटेन अभी भी ब्रेग्जिट के मुद्दे पर बंटा हुआ दिखाई दे रहा है. ब्रेग्जिट का विरोध करने वालों का बड़ा डर यह है कि इसके बाद यूरोपीय यूनियन के देशों के ब्रिटेन के व्यापारिक रिश्ते खराब ना हो जाएं.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)