अफगानिस्तान में तालिबान (Taliban) के राज में आतंकवाद को बढ़ावा मिलने की आशंका जताई जा रही है. अमेरिका की तरफ से भी ISIS के पनपने की बात की जा रही है. दूसरी तरफ, भारत पर भी इसके असर का मूल्यांकन किया जा रहा है. इस बीच सीडीएस (CDS) जनरल बिपिन रावत ने एक अहम बयान दिया है.
सीडीएस ने कही सख्ती से निपटने की बात
CDS बिपिन रावत ने बयान जारी कर कहा कि, भारत पहले से ही अफगानिस्तान पर तालिबान के अधिग्रहण का अनुमान लगाया था. दूसरी बात ये कि अगर अफगानिस्तान से कोई भी गतिविधि होती है और उसका रास्ता भारत की तरफ आता है तो उससे वैसे ही निपटा जाएगा जैसा कि हम अपने देश में आतंकवाद से निपटते हैं.
नई दिल्ली में "द इंडिया-यूएस पार्टनरशिप- सिक्योरिंग द 21 सेंचुरी" ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन (ORF) के एक कार्यक्रम में बोलते हुए विपिन रावत ने कहा कि,
''जो कुछ भी हुआ है, इसकी उम्मीद की जा रही थी, सिर्फ टाइमलाइन में बदलाव हुआ है. भारत के नजरिए से, हमें अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे का पूर्वानुमान था.''
जनरल रावत ने ये कहा कि ये कब्जा जितनी जल्दी हुआ है, वो चौंकाने वाला है.
''टाइमलाइन ने हमें चौंकाया है, क्योंकि हम लोग ये अनुमान लगा रहे थे कि ये कुछ महीने बाद होगा.''
आगे उन्होंने कहा कि वहां से आ रहे समाचार रिपोर्ट से यह साबित होता है कि तालिबान किस प्रकार की गतिविधियों में शामिल है.
भारत को ये चिंता थी कि अफगानिस्तान से आतंकी गतिविधियां कैसे भारत की तरफ आ सकती हैं, इसीलिए लगातार प्लानिंग हो रही है और देश इसके लिए तैयार है.
''जहां तक अफगानिस्तान का सवाल है, हम ये सुनिश्चित करेंगे कि कोई भी गतिविधि अफगानिस्तान से होती है और भारत की तरफ आती है तो उससे वैसे ही अंदाज में निपटा जाएगा जैसे आतंकवाद से निपटा जाता है.''
कार्यक्रम में मौजूद यूएस एडमिरल जॉन सी एक्विनो ने कहा कि अमेरिका अपने लोगों को निकालने के लिए प्रतिबद्ध है. नागरिकों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए भारत के साथ घनिष्ठ समन्वय रहा.
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