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डोकलाम विवाद के बीच चीनी सेना ने किया शक्ति प्रदर्शन

चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग ने कहा कि चीन को पहले से कहीं ज्यादा मजबूत सेना की आवश्यकता है

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चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) की स्थापना के 90 वर्ष पूरे होने पर रविवार को भीतरी मंगोलिया के एक सैन्य अड्डे पर पहली बार सेना दिवस परेड का आयोजन किया गया. समाचार एजेंसी सिन्हुआ न्यूज के मुताबिक, परेड झुरिहे सैन्य अड्डे पर आयोजित की गई. देश की सैन्य क्षमता प्रदर्शित करने के लिए पारंपरिक मिसाइलों, परमाणु मिसाइलों समेत सबसे घातक और विध्वंसक हथियारों का प्रदर्शन किया गया.

जमीन पर मौजूद सभी वाहन चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी), देश और सेना का झंडा लिए चल रहे थे. साल 1949 में साम्यवादी क्रांति के बाद से चीन पहली बार सैन्य परेड के साथ सेना दिवस मना रहा है, जो औपचारिक रूप से एक अगस्त को होता है. राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने एक खुली जीप में सवार होकर सैन्य बलों का निरीक्षण किया.

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राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा कि इतिहास ने यह साबित कर दिखाया है कि पीएलए जांबाज वीरों की सेना है, जिसने पार्टी के आदेश का पालन किया है, वफादारी के साथ देश की सेवा की है और चीनी राष्ट्र के महान कायाकल्प के लिए लड़े हैं.

जिनपिंग ने कहा कि चीन को पहले से कहीं ज्यादा मजबूत सेना की आवश्यकता है. शांति का आनंद उठाना लोगों के लिए सुख की बात है जबकि उस शांति की रक्षा करना सेना की जिम्मेदारी है. दुनिया में पूरी तरह शांति नहीं है और शांति की रक्षा की जानी चाहिए

इस परेड में करीब 12,000 जवानों ने हिस्सा लिया और 129 विमान और 571 उपकरणों का इस दौरान प्रदर्शन किया गया. डोंगफेंग मिसाइलें (जिसमें छोटे, बड़े और मध्यम रेंज के रॉकेट शामिल हैं ), लाइट टैंक और ड्रोन सहित विभिन्न तरह के हथियारों का इस दौरान प्रदर्शन किया गया.

यह परेड ऐसे समय में आयोजित की गई जब सिक्किम क्षेत्र के डोकालाम में भारत और चीनी सैनिकों के बीच एक महीने से तनाव चल रहा है.

--इनपुट आईएएनएस से

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