अमेरिका की हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी (Nancy Pelosi)के ताइवान यात्रा से चीन भड़क उठा है. नैंसी पेलोसी की यात्रा के ठीक एक दिन बाद चीन ने ताइवान से सटे इलाके में अपना सबसे बड़ा सैन्य अभ्यास शुरू किया है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक चीन ताइवान के आसपास के समुद्र में आवश्यक और न्यायसंगत सैन्य अभ्यास के पांच दिनों को अंजाम देगा. रिपोर्ट में चीन के हवाले से कहा गया है कि अभ्यास दुनिया के कुछ सबसे व्यस्त जलमार्गो में होगा और इसमें लंबी दूरी की गोला बारूद की शूटिंग शामिल होगी.
मीडिया के अनुसार, अभ्यास दोपहर 12 बजे के आसपास शुरू हुआ, इसमें "लाइव-फायरिंग" भी शामिल है. इस सैन्याभ्यास के 7 अगस्त तक चलने की बात सामने आई है.
चीन की स्टेट ब्रॉडकास्टर सीसीटीवी के मुताबिक,
"द्वीप के आसपास के छह प्रमुख क्षेत्रों को इस वास्तविक युद्ध अभ्यास के लिए चुना गया है और इस दौरान, प्रासंगिक जहाजों और विमानों को संबंधित जल और हवाई क्षेत्र में प्रवेश नहीं करना चाहिए."
ताइवान का जवाब
ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि वह चीनी सैन्य अभ्यास पर ताइवान करीब से नजर रख रहा है. बयान में कहा गया है कि अभ्यास के दौरान चीन ने 'मल्टीपल' बैलिस्टिक मिसाइल दागी है.
बता दें कि पेलोसी 25 वर्षों में ताइवान की यात्रा करने वाली सर्वोच्च अमेरिकी अधिकारी हैं, और उनका कहना है कि उनकी यात्रा ने यह "स्पष्ट" कर दिया कि अमेरिका अपने लोकतांत्रिक सहयोगी को नहीं छोड़ेगा.
ताइवान ने जहाजों को अभ्यास से बचने के लिए वैकल्पिक मार्ग खोजने के लिए भी कहा है और वैकल्पिक विमानन मार्ग खोजने के लिए पड़ोसी जापान और फिलीपींस के साथ बातचीत कर रहा है.
राष्ट्रपति त्साई इंग-वेन ने कहा कि देश जानबूझकर बढ़े हुए सैन्य खतरों का सामना कर रहा है.
पेलोसी ने यात्रा के बाद क्या कहा
अपनी यात्रा के बाद एक बयान में, हाउस स्पीकर ने कहा कि चीन दुनिया के नेताओं या किसी को भी अपने समृद्ध लोकतंत्र का सम्मान करने के लिए ताइवान की यात्रा करने से नहीं रोक सकता है, इसकी कई सफलताओं को उजागर करने और निरंतर सहयोग के लिए हमारी प्रतिबद्धता की पुष्टि करने के लिए.
बता दें कि पेलोसी के ताइवान पहुंचने से पहले ही चीन ने चेतावनी दी थी कि उनकी सेना चुपचाप नहीं बैठेगी. चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने कहा था कि उनकी ताइवान यात्रा "गंभीर राजनीतिक असर लाएगी". झाओ लिजियन ने पिछले हफ्ते इसी तरह की चेतावनी दी थी और कहा था अगर पेलोसी की यात्रा हुई तो उनका देश ‘कठोर’ कदम उठाएगा और अमेरिका सभी गंभीर नतीजों के लिए जिम्मेदार होगा."
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