कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी वेव से जूझ रहे भारत को पश्चिमी देशों के साथ-साथ चीन भी मदद दे रहा है. ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर से लेकर मेडिकल सप्लाई चीन के कई शहरों से भारत पहुंच रहे हैं. इस दौरान चीन के रवैये में बड़ा बदलाव देखने को मिला है. राष्ट्रपति शी जिनपिंग और विदेश मंत्री वांग यी खुद से प्रधानमंत्री मोदी और एस जयशंकर से संपर्क कर चुके हैं. अब ब्लूमबर्ग ने रिपोर्ट किया है कि चीन की एक सरकारी संस्था का सोशल मीडिया पोस्ट इसलिए हटाया गया क्योंकि इसमें भारत का मजाक बनाया गया.
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, चीन की एक टॉप संस्था ने अंतरिक्ष में सफल मॉड्यूल लॉन्च और भारत में अंतिम संस्कार की तस्वीरें साझा कर इनकी तुलना की थी. हालांकि, चीन में इस पोस्ट की इंटरनेट पर आलोचना शुरू होने के बाद इसे डिलीट कर दिया गया.
पोस्ट में क्या था?
Tianhe मॉड्यूल लॉन्च और रॉकेट के टेकऑफ की तस्वीरों की तुलना भारत में कोविड मौतों के बाद हो रहे बड़ी संख्या में अंतिम संस्कारों से की गई. कम्युनिस्ट पार्टी के सेंट्रल पॉलिसी एंड लीगल अफेयर्स कमीशन ने अपने आधिकारिक साइना वीबो अकाउंट पर इसे शेयर किया था.
1 मई को शेयर किए गए इस पोस्ट के साथ लिखा गया, “चीन के आग लगाने की तुलना में भारत में लगी आग.” चीन के कई सोशल मीडिया यूजर ने इस पोस्ट पर आपत्ति और गुस्सा जताया और इसे ‘अंसवेदनशील’ बताया.
क्यों हटाया गया पोस्ट?
पोस्ट असल में किन वजहों से हटाया गया, ये साफ नहीं है लेकिन चीन के इस कदम से उसके बदले रवैये का अंदाजा लगता है. भारत को मदद देने के लिए खुद चीन ने आगे आकर पेशकश की थी. राष्ट्रपति जिनपिंग ने पीएम मोदी को खत लिखा था और फिर विदेश मंत्री वांग यी ने अपने भारतीय समकक्ष एस जयशंकर से फोन पर बात की.
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा, “हम उम्मीद करते हैं कि सब लोग महामारी के खिलाफ भारत की लड़ाई को चीन की सरकार और मुख्यधारा के जन नजरिये के समर्थन पर ध्यान देंगे.”
वहीं, चीन की सरकार के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स के एडिटर-इन-चीफ हू शिजिन का कहना है कि आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट्स को इस समय 'मानवतावाद का पालन करना चाहिए और भारत के लिए सहानुभूति' रखनी चाहिए.
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