चीन (China) ने 25 जून से तिब्बत में अपनी पहली पूरी तरह इलेक्ट्रिक बुलेट ट्रेन (Tibet Bullet Train) शुरू कर दी. ट्रेन तिब्बत की प्रांतीय राजधानी ल्हासा और न्यिंग्ची को जोड़ेगी. भारत के लिए ये डेवलपमेंट अहम है क्योंकि न्यिंग्ची अरुणाचल प्रदेश के करीब तिब्बत सीमा पर स्थित शहर है.
सिचुआन-तिब्बत रेलवे का ल्हासा-न्यिंग्ची सेक्शन लगभग 435.5 किमी लंबा है. इसका उद्घाटन 1 जुलाई को चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के सौ साल के जश्न से पहले ही कर दिया गया.
सरकारी न्यूज एजेंसी शिन्हुआ के मुताबिक, तिब्बत ऑटोनोमस रीजन में पहली इलेक्ट्रिफाइड ट्रेन का उद्घाटन 25 जून को किया गया.
सिचुआन-तिब्बत यात्रा समय कई घंटे कम हुआ
सिचुआन-तिब्बत रेलवे तिब्बत क्षेत्र में किंघाई के बाद दूसरी ट्रेन सेवा होगी. पिछले साल नवंबर में राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अधिकारियों से इस रेलवे प्रोजेक्ट के निर्माण में तेजी लाने के निर्देश दिए थे.
जिनपिंग ने कहा था, "नई रेलवे लाइन सीमा स्थिरता की सुरक्षा में अहम भूमिका निभाएगी."
सिचुआन-तिब्बत रेलवे सिचुआन प्रांत की राजधानी चेंगदू से शुरू होता है और यान से गुजरते हुए कामदो से तिब्बत में एंट्री करता है. इससे चेंगदू से ल्हासा की यात्रा 48 घंटे से घटकर सिर्फ 13 घंटे की हो जाएगी.
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