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धार्मिक आस्था वाले सरकार और पार्टी से निकल जाएं- जिनपिंग का फरमान

नास्तिक लोगों को ही सरकार और पार्टी में तरजीह

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चीन की सरकार और कम्युनिस्ट पार्टी में धर्म और कर्मकांड में यकीन करने वालों को बाहर का रास्ता नापने को कह दिया गया है. चीन के सबसे ताकतवर राष्ट्रपति शी जिनपिंग के कहने पर सरकार और पार्टी नेताओं के लिए कठोर नियम बना दिए गए हैं.

ताकतवर राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुहर से जारी फरमान के मुताबिक, चीन में अफवाह और अशांति की कोई जगह नहीं है, इसलिए धार्मिक आस्था में यकीन रखने वालों को सरकार और कम्युनिस्ट पार्टी में रहने का हक नहीं है.
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राष्ट्रपति ने साफ कर दिया है कि भ्रष्टाचार, अशांति और अफवाहों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और सरकार या पार्टी के स्तर पर तो किसी भी कीमत पर नहीं.

नए नियम-कायदे 18 अगस्त से लागू भी हो गए हैं. इनमें सबसे ज्यादा जोर इसी बात पर है कि चीन में किसी धर्म के साथ भेदभाव नहीं किया जाएगा, लेकिन सरकार या पार्टी का कोई नेता किसी भी धर्म को मानने वाला नहीं होना चाहिए.

शी जिनपिंग की नई गाइडलाइंस

  • सरकार में शामिल नेता या कम्युनिस्ट पार्टी के जो सदस्य धर्म और कर्मकांड पर बहुत यकीन करते हैं और अपना स्वभाव और आदत नहीं बदल सकते, वो पार्टी छोड़कर जा सकते हैं
  • धर्म का इस्तेमाल करके लोगों की भावनाएं भड़काने वालों को तुरंत बर्खास्त कर दिया जाएगा
  • चीन के संविधान में किसी भी धर्म का पालन करने की आजादी है, लेकिन पार्टी का मूल संविधान नास्तिकता पर आधारित है, इसलिए पार्टी के सदस्यों को भी नास्तिक रहना चाहिए
  • कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्य पार्टी की मुख्य नीतियों के खिलाफ नहीं बोल सकते और न ही किसी किस्म की अफवाह फैलाएं
  • सत्ता का इस्तेमाल लोगों की भलाई के लिए होना चाहिए. सत्ता का इस्तेमाल व्यक्तिगत फायदे के लिए करने या भ्रष्टाचार सामने आया, तो कड़ाई से निपटा जाएगा.

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