विपक्ष के विरोध के बीच लोकसभा से नागरिकता संशोधन बिल (CAB) पारित हो गया है. नॉर्थ ईस्ट राज्यों में भी नागरिकता बिल पर विरोध देखने को मिल रहा है. देशभर के मीडिया ने भी CAB पर खूब कवरेज की लेकिन इन विरोध प्रदर्शनों ने इंटरनेशनल मीडिया का भी ध्यान खींचा. भारत में विपक्षी दलों ने आरोप लगाया था कि ये बिल मुस्लिम समुदाय के प्रति भेदभावपूर्ण है. इंटरनेशनल मीडिया ने भी इसी बात को उभारा है.
‘CAB का सिर्फ एक मकसद: गैर मुस्लिम को बचाओ, मुसलमानों को सताओ’
पाकिस्तान के जाने माने अखबार डॉन ने नागरिकता संशोधन बिल पर भारत की आलोचना करते हुए हेडलाइन लगाई है. अखबार लिखता है कि भारतीय नागरिकता बिल का सिर्फ का सिर्फ एक ही मकसद है. गैर मुस्लिम को बचाओ, मुसलमानों को सताओ. डॉन ने लिखा है कि नागरिकता संशोधन बिल का मकसद सिर्फ गैर-मुसलमानों को नागरिकता नहीं देना है, ये राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर की तरफ एक कदम है.
“भारत के नए ‘मुस्लिम विरोधी’ कानून पर बवाल”
बीबीसी ने “भारत के नए ‘मुस्लिम विरोधी’ कानून पर बवाल” इस हेडलाइन के साथ खबर लिखी है. बीबीसी ने लिखा है कि हिंदू राष्ट्रवादी पार्टी भारतीय जनता पार्टी ने कहा है कि ये बिल धार्मिक आधार पर सताए गए लोगों का सहारा बनेगा.
अल जजीरा ने लिखा ‘विवादित नागरिकता बिल’
अल जजीरा ने ‘भारत के निचले सदन में विवादित नागरिकता बिल पास’ हेडलाइन के साथ खबर लिखी है. अलजजीरा ने लिखा है कि बिल गैर मुस्लिम अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने की बात करता है लेकिन आलोचक कहते हैं कि ये भारत के धर्मनिरपेक्ष संविधान का उल्लंघन करता है.
‘भारत के नॉर्थ-ईस्ट राज्यों में विरोध’
अमेरिका के मशहूर अखबार गार्जियन ने नॉर्थ ईस्ट राज्यों में नागरिकता बिल पर हुए विरोध को लेकर खबर बनाई है. गार्जियन ने लिखा है कि ‘भारत का उत्तर पूर्वी इलाका मुस्लिमों को शामिल न करने वाले नागरिकता बिल का विरोध कर रहा है.’
‘धर्म आधारित बिल पर भारत में विरोध’
रॉयटर्स ने ‘भारत में धर्म आधारित नागरिकता बिल पर विरोध शुरू’ इस हेडलाइन के साथ खबर लिखी है. रॉयटर्स ने लिखा है कि भारत की विपक्षी पार्टियों ने बिल का विरोध किया. खबर में असम में हुए विरोध को भी रिपोर्ट किया गया है.
बता दें कि लोकसभा में नागरिकता संशोधन बिल (CAB) 2019 पास हो चुका है. जहां बिल के पक्ष में 311 वोट पड़े, जबकि इसके खिलाफ 80 वोट पड़े. अब यह बिल राज्यसभा में पेश किया जाएगा. मगर केंद्र में सत्तारूढ़ NDA के पास लोकसभा की तरह राज्यसभा में बहुमत नही हैं.
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