ADVERTISEMENTREMOVE AD

हॉन्ग कॉन्ग में हिंसक हुए प्रदर्शनकारी,जानिए क्यों हो रहा है विरोध

रविवार को लगातार दूसरे दिन पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़प हुई.

story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

हॉन्ग कॉन्ग में लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनकारियों के मार्च के बाद रविवार को लगातार दूसरे दिन पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़प हुई. बड़ी तादाद में प्रदर्शनकारी जहां एक नजदीकी पार्क में जुटे थे, वहीं प्रदर्शनकारियों का एक अन्य समूह मुख्य सड़क पर था, जो यातायात को बाधित कर रहा था और बैरीकेड बनाकर फुटपाथ पर बांस बिखेर रहा था. इस दौरान पुलिस ने 29 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

आंसू गैस और वॉटर कैनन का इस्तेमाल

चेतावनी के संकेत दिखाने के बाद पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिये आंसू गैस के गोलों को इस्तेमाल किया. इसके जवाब में प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव किया, जिसके बाद यह जगह पत्थरों से पट गई. हॉन्ग कॉन्ग पुलिस को प्रदर्शनकारियों से निपटने के लिए वॉटर कैनन ट्रकों का भी इस्तेमाल करना पड़ा.

पुलिस ने एक बयान में कहा, "कुछ हिंसक प्रदर्शनकारी प्रदर्शन के रास्ते से भटक गए और सड़कों को बाधित किया, स्मार्ट लैंपपोस्ट को नुकसान पहुंचाया और पुलिस अधिकारियों पर हमला किया." प्रदर्शनकारियों का मानना है कि स्मार्ट लैंपपोस्ट सरकारी निगरानी की कोशिश का एक हिस्सा हैं और इसमें चेहरे की पहचान करने वाली तकनीक शामिल है, हालांकि सरकार इससे इनकार करती है.

इस झड़प से पहले हॉन्ग कॉन्ग में लोकतंत्र के समर्थन में नए प्रदर्शन की कड़ी में हजारों प्रदर्शनकारी बारिश के बीच हाथों में छाते लिये मार्च में शामिल होने पहुंचे.

बयान में कहा गया है, “प्रदर्शनकारियों ने पुलिस अधिकारियों पर पथराव किया और पेट्रोल बम फेंका, जिससे पुलिस वाहनों और एक पत्रकार को पैर में चोटें आईं.”

क्यों और कब से हो रहे हैं प्रदर्शन?

हॉन्ग कॉन्ग में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन जून के शुरुआत में एक स्थायी प्रत्यर्पण बिल के खिलाफ शुरू हुआ था. अब लोगों का प्रदर्शन एक व्यापक आंदोलन में बदल गया है, जो चीनी विशेष स्वायत्त क्षेत्र में लोकतांत्रिक सुधारों की मांग करते हुए बीजिंग के सत्तावादी शासन का विरोध कर रहा है. प्रदर्शनकारी इस बिल को वापस लेने की मांग कर रहे हैं, जिसके तहत हॉन्ग कॉन्ग के निवासियों को मुकदमे के लिए चीन भेजा जा सकता है. फिलहाल इस बिल पर रोक लगा दी गई है.

हॉन्ग कॉन्ग के बाहरी इलाके में क्वाई फोंग रेलवे स्टेशन के बाहर प्रदर्शनकारियों पर इस महीने के शुरू में आंसूगैस के गोले दागे जाने के बाद से यह क्षेत्र प्रदर्शन का मुख्य केंद्र बन गया. पुलिस को पूरे साजो-सामान के साथ मार्च के रास्ते में देखा जा सकता है. प्रदर्शनकारी अर्धस्वायत्त चीनी क्षेत्र की सड़कों पर दो महीने से ज्यादा समय से हैं. उनकी मांग है कि लोकतांत्रिक तरीके से चुनाव हों और प्रदर्शनकारियों पर नियंत्रण करने के लिये पुलिस द्वारा बल के इस्तेमाल की जांच की जाए.

बीजिंग ने अमेरिकी बलों पर आंदोलन को स्पॉन्सर करने का आरोप लगाया है.

चीन कहता है हॉन्ग कॉन्ग उसका आतंरिक मामला

चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता केंग श्वांग ने 23 अगस्त को कहा था कि हॉन्ग कॉन्ग चीन का अभिन्न अंग है, और ये मामला चीन का आंतरिक मामला है. अमेरिका इसमें हस्तक्षेप नहीं कर सकता है. चाइना रेडियो इंटरनेशनल, पेइचिंग की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी सीनेट के नेता एडिसन मिशेल मिच मैककोनेल ने हाल ही में अमेरिकी मीडिया में छपे 'हम हांगकांग के साथ हैं' शीर्षक वाले एक लेख में कहा कि हांगकांग में हुई उथलपुथल पेइचिंग द्वारा लोगों को उत्पीड़ित करने और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय में प्रभुत्व की खोज करने का नतीजा है.
इस पर कंग श्वांग ने 23 अगस्त को नियमित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि "अमेरिका के संबंधित राजनीतिज्ञों ने हाल ही में  में हुए हिंसक मामलों की निंदा नहीं की, लेकिन कानून के अनुसार हिंसा बंद करने, व्यवस्था बहाल करने की हॉन्ग कॉन्ग विशेष प्रशासनिक क्षेत्र सरकार के काम की आलोचना की, चीन की सामाजिक व्यवस्था, आंतरिक और बाहरी नीतियों पर कालिख पोता. यह हरकत स्वीकार करने लायक नहीं है."

(इनपुट : एजेंसियां)

ये भी पढ़ें - कश्मीर से WTO तक, मोदी-ट्रंप के बीच इन मुद्दों पर हो सकती है बात

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×