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Chinese Communist Party National Congress : अतीत पर नजर,भविष्य पर ध्यान

CPC National Congress: क्या है चीन की कम्यूनिस्ट पार्टी की नेशनल कांग्रेस का एजेंडा?

Chinese Communist Party National Congress : अतीत पर नजर,भविष्य पर ध्यान
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Communist Party Of China (CPC) की 20वीं राष्ट्रीय कांग्रेस जारी है. अपने लोगों के कल्याण के लिए नई रणनीतियां बनाने के क्रम में चीन में हर पांचवे साल में यह बैठक होती है.

आज जब दुनिया में ऐसी स्थितियां बनी हैं, जो वैश्विक समुदाय का ध्रुवीकरण कर रही हैं और कई देशों में गंभीर घरेलू चुनौतियां बन रही हैं, तब पूरी दुनिया की नजरें 20वीं सीपीसी राष्ट्रीय कांग्रेस पर हैं. इस अहम बैठक के ऊपर मौजूदा अनिश्चित स्थितियों में चीन को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी है.

फोटो-1: चीन की राजधानी बीजिंग में नेशनल कांग्रेस के प्रेस सेंटर द्वारा आयोजित एक सामूहिक इंटरव्यू में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हिस्सा लेते पत्रकार

(फोटो: वान कुआन/चाइना पिक्टोरियल)

बैठक की शुरुआत 16 अक्टूबर को सीपीसी सेंट्रल कमेटी की तरफ से शी जिनपिंग की तरफ से जारी की गई रिपोर्ट के साथ हुई. इस रिपोर्ट के जरिए कांग्रेस की दिशा तय की गई, रिपोर्ट में अतीत की झलक थी और इसमें नए युग में चीन के दृष्टिकोण की समझाइश थी.

इस रिपोर्ट में घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चीन से जुड़े सभी बड़े आयामों की चर्चा थी, जो चीन की महत्वकांक्षाओं और लक्ष्यों .को प्रदर्शित करते हैं. इस रिपोर्ट में चीन के दृष्टिकोण, विकास के रास्ते और प्रशासन के तरीके पर पश्चिम की मुख्यधारा की मीडिया द्वारा अक्सर उठाई जाने वाली आशंकाओं का भी जवाब दिया गया.

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चीनी विशेषताओं के साथ समाजवाद

जन केंद्रित लक्ष्यों को हासिल करने के लिए चीन की काफी तारीफ हो रही है, यह दृष्टिकोण, शताब्दी लक्ष्य- "सभी पहलुओं पर एक खुशहाल समाज के निर्माण" में भी झलकता है.

इसके जरिए अति गरीबी को खत्म किया गया और करोड़ों लोगों को गरीबी से बाहर निकाला गया. चीनी विशेषताओं वाला समाजवाद दूसरे शताब्दी लक्ष्यों को हासिल करने में अहम है. यह दो स्तरीय रणनीति (2021-2035 और 2035-2049) है, जिसका उद्देश्य एक आधुनिक समाजवादी देश का निर्माण है, जो खुशहाल, मजबूत लोकतांत्रिक, सांस्कृतिक तौर पर उन्नत और सुंदर हो.

बाईं तरफ हैं गरीबी उन्मूलन टीम के एक लीडर मा हुईहुआंग और शी लिंजियाओ (बीच में), जो रिटर्नर्ड यूनिवर्सिटी ग्रेजुएट हैं, उन्होंने चीन के हुनान राज्य में शिंगाक्सी तुजिया के शिबाडॉन्ग गांव और मियाओ स्वशासित प्रीफैक्चर में लाइव स्ट्रीमिंग करते हुए स्थानीय विशेषताओं का प्रचार किया, 15 मई 2020

(फोटो: चेन शिहान/सिन्हुआ)

नव उदारवादी बाजार व्यवस्था स्वतंत्रता और विकास का दावा करती है, लेकिन इससे संपदा कुछ लोगों के हाथ में सिमट कर रह गई है, स्वतंत्रता और अधिकार में भी बेहद असमानता है, जबकि गरीबीों को अधिकारों से वंचित रखने का चलन है.

जबकि चीन का विकास मॉडल एक दूसरी दिशा में है.

20वीं सीपीसी को शी की रिपोर्ट में जिस "साझा खुशहाली" की बात है, वो एक निष्पक्ष समान आय वितरण और मौकों की समानता की बात करती है. जिसका मतलब होगा कि कम आय वालों की आय ज्यादा की जाएगी और मध्यम आय समूह का विस्तार किया जाएगा, जिससे बदले में घरेलू बाजार का विस्तार होगा और उत्पादन को बल मिलेगा.

चीनी विशेषताओं वाला समाजवाद, सभी लोगों को मौके देने की वकालत करता है, जिससे वे अपनी संभावना का पूरा उपयोग कर सकें.

साझा खुशहाली के अलावा, रिपोर्ट में उच्च गुणवत्ता वाले विकास, हरित अर्थव्यवस्था, सेना के आधुनिकीकरण और तकनीकी उन्नति का जिक्र है, जो देश को मजबूत करने के लिए चीन के विकास मॉडल का हिस्सा हैं.

जहां तक तकनीकी उन्नति की बात है, तो यह राष्ट्रीय रणनीतिक जरूरतों पर ध्यान देने व स्वदेशी और अग्रणी वैज्ञानिक एवम् तकनीकी शोध को करने की शक्ति इकट्ठा करने की बात करती है, जिससे बुनियादी तकनीकों में बड़े लक्ष्यों को हासिल किया जा सके.

चीन के एनहुई राज्य की राजधानी हेफेई सिटी की फीडोंग काउंटी में डाली रिजर्वॉयर पर स्थित एक फोटो वोल्टिक पावर स्टेशन का एरियल व्यू

सीपीसी नेतृत्व यह समझता है कि अतीत में सुधार और बाजार खोलने से चीन की अर्थव्यवस्था को बेहद लाभ हुआ है, ऐसे में आगे भी इस रास्ते पर तेजी से काम किया जाएगा. उच्च गुणवत्ता वाला विकास साझा खुशहाली को हासिल करने में कई तरह की दिलचस्पियों और क्षेत्रों को अपनी ओर आकर्षित करता है.

बैठक से आशाएं और शंकाओं का खात्मा

विकासशील देशों को चीन के विकास से काफी उम्मीदें हैं. अब तक चीन ने इंफ्रा निर्माण, निवेश और व्यापार में कई विकासशील देशों में बड़ा योगदान दिया है, जिससे गरीबी उन्मूलन, रोजगार उत्पादन और कई दूसरे आयामों में इन देशों में काम हुआ है.

नाटक ड्रामा ओनली ब्लू एंड ग्रीन से एक नृत्य का दृश्य. यह नाटक एक फेमस पेंटिंग "अ थाउजेंड माइल्स ऑफ रिवर्स एंड माउंटेंस" से प्रेरित है. यह पेंटिंग उत्तरी सॉन्ग राजशाही (960-1127) के दौर से है.

फोटो: वांग जुफेंग

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चीन का तेज-तर्रार और शांतिपूर्ण विकास एशियाई शताब्दी (एशियन सेंचुरी) के लक्ष्य के साथ साझा है. इसलिेए यह प्रभुत्वशाली ताकतों की जलन की वजह है. पश्चिमी मुख्यधारा की मीडिया और बढ़ा-चढ़ाकर चीजें पेश करने वाले थिंक-टैंक अक्सर चीन के प्रशासन के तरीकों पर लांछन लगाते हैं, जबकि चीन कई मुद्दों पर श्वेत पत्र के जरिए अपनी स्थिति साफ कर चुका है. इनमें मानवाधिकार, लोकतंत्र, गरीबी उन्मूलन और ऐसे दूसरे मुद्दे शामिल हैं.

चीन का ध्यान समाज के सभी वर्गों और सभी लोगों को मानवाधिकार उपलब्ध कराने पर है. यह समग्र ढंग से लोकतंत्र का पालन करता है, जिसमें कठोर चुनावी प्रक्रिया होती है और लगातार सलाह लेने वाले तंत्र की मौजूदगी है.

साथ ही चीन के विकास मॉडल में निजी योजनाओं, उन्नत नवोन्मेष और अर्थव्यवस्था को आगे और भी ज्यादा खुला बनाने के तत्वों को प्रोत्साहित किया गया है. चीन बहुपक्षीय व्यवस्था और यूएन तंत्र के लिए प्रतिबद्ध है.

स्वाभाविक तौर पर चीन के विकास का रास्ता और प्रशासनिक तरीका, नवउदारवादी व्यवस्था से अलग है, इसलिए नवउदारवादी व्यवस्था को थोपने से टकराव पैदा होंगे ही.

इस व्यवस्था की वकालत करने वालों को चीन के प्रशासनिक तंत्र, सांस्कृतिक विशेषता और सामाजिक-आर्थिक विकास पर अपने पुरातन और चलन से बाहर हो चुके तरीकों वाली दिमागी अवस्था को दुरुस्त करना चाहिए.

28 जून 2021 को बीजिंग के राष्ट्रीय स्टेडियम में कम्यूनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना के शताब्दी वर्ष का जश्न मनाने के लिए "द ग्रेट जर्नी" का प्रदर्शन किया गया

20वीं सीपीसी राष्ट्रीय कांग्रेस अहम मुद्दों का संज्ञान लेगी और अगले पांच साल व उसके आगे के सालों के लिए जरूरी योजनाओं व बेहतरीन रणनीतियों पर निर्देशित करेगी.

इसलिए इस सीपीसी के नेतृत्व के तहत चीन उम्मीदों पर खरा उतरेगा और अपने प्रति सभी आशंकाओं को खारिज करेगा. अभी हाल में कांग्रेस के प्रवक्ता सुन येली ने घोषणा करते हुए कहा, "चीन और इसके लोगों के पास नए लक्ष्यों को हासिल करने का विश्वास, उसकी मंशा और क्षमता मौजूद है, ताकि आगे के रास्ते मे और बड़ी चीजें की जा सकें."

(यह कंटेंट चाइना पिक्टोरियल की तरफ से है)

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