COP26 जलवायु सम्मेलन में भारत की ओर से 2070 तक ‘नेट जीरो’ का वादा करने के बाद पीएम मोदी ने दुनिया के जीवाश्म ईंधन संकट का समाधान One Sun One World One Grid (OSOWOG) के रूप में पेश किया है. पीएम मोदी ने 2 नवंबर को कहा कि जीवाश्म ईंधन के उपयोग ने कुछ देशों को समृद्ध बनाया है लेकिन पृथ्वी और पर्यावरण को खराब कर दिया.
स्कॉटलैंड के ग्लासगो में COP26 जलवायु सम्मेलन के हिस्से के रूप में ‘असिलरेटिंग क्लीन टेक्नोलॉजी इनोवेशन एंड डिप्लॉयमेंट’ नामक सत्र में शामिल होते हुए पीएम मोदी ने कहा कि “सौर ऊर्जा पूरी तरह से स्वच्छ और टिकाऊ है. चुनौती ये है कि ये ऊर्जा केवल दिन के समय उपलब्ध होती है और मौसम पर निर्भर करती है.”
“ 'वन सन, वन वर्ल्ड एंड वन ग्रिड' इस समस्या का समाधान है. विश्वव्यापी ग्रिड के माध्यम से, स्वच्छ ऊर्जा को कहीं भी और कभी भी भेजा जा सकता है”पीएम मोदी
पूरी दुनिया को सोलर ग्रिड से जोड़ने की परिकल्पना को विभिन्न देशों और क्षेत्रों के बीच सहयोग का अवसर बताते हुए उन्होंने आगे कहा कि “वन सन, वन वर्ल्ड एंड वन ग्रिड’ समाधान न केवल एनर्जी स्टोरेज की जरूरतों को कम करेगा, बल्कि सौर परियोजनाओं की व्यवहार्यता को भी बढ़ाएगा. इस रचनात्मक पहल से न केवल कार्बन फुटप्रिंट और ऊर्जा लागत में कमी आएगी बल्कि विभिन्न देशों और क्षेत्रों के बीच सहयोग के नए रास्ते भी खुलेंगे.”
"मुझे उम्मीद है कि 'वन सन, वन वर्ल्ड एंड वन ग्रिड' और 'ग्रीन ग्रिड' पहल के बीच सहयोग के माध्यम से एक सामान्य और मजबूत वैश्विक ग्रिड विकसित किया जा सकता है"
इसरो दुनिया को सोलर कैलकुलेटर एप्लीकेशन मुहैया कराएगा- पीएम मोदी
पीएम मोदी ने सत्र को संबोधित करते जानकारी दी कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान एजेंसी इसरो दुनिया को सोलर कैलकुलेटर एप्लीकेशन मुहैया कराएगी.
उनके अनुसार इस कैलकुलेटर के माध्यम से सेटेलाईट डेटा के आधार पर दुनिया के किसी भी स्थान की सौर ऊर्जा क्षमता की गणना की जा सकती है.
“यह एप्लीकेशन सौर परियोजनाओं का स्थान तय करने में उपयोगी होगा और 'वन सन, वन वर्ल्ड एंड वन ग्रिड' पहल को मजबूत करेगा”
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