जब मैं कैमरा, माइक्रोफोन और अन्य उपकरण लेकर ग्लासगो सिटी के केल्विन ग्रोव पार्क में जब प्रवेश कर रही थी, उस वक्त बारिश हो रही थी.
नीयन येलो जैकेट में पुलिसकर्मी हर जगह दिख रहे थे, अंतर ये था कि वो मार्च रोकने नहीं उसे पूरा कराने के लिए तैनात थे. उनकी जिम्मेदारी थी कि प्रदर्शनकारियों का मार्च शांतिपूर्ण सिटी सेंटर तक पहुंच जाए. वे लोगों की निगरानी करते हुए आगे बढ़ रहे थे, ऊपर हेलिकॉप्टर भी मंडरा रहा था.
मां-पिता अपने छोटे बच्चों के साथ, कुत्तों के मालिक, वृद्ध, युवा हर कोई वहां था. क्लाइमेट चेंज हर किसी से जुड़ा है- फेमिनिस्ट ग्रुप, नस्लवाद विरोधी ग्रुप, पूंजीवाद विरोधी ग्रुप और हां, ग्रीन पार्टी के सदस्यों से भी.
एक समय पर लोग डांस करने लगे और डायनासोर, पेड़ और विलुप्त होते पक्षियों के वेश में लोग झूमने लगे. यह एक कार्निवल की तरह लग रहा था. मुझे महसूस हुआ कि जुनून और एक अभियान आपको खुश और हल्का कनेक्टेड महसूस कराते हैं. जरूरी नहीं है कि केवल चिल्लाया और प्रदर्शन किया जाए, जैसे कि दुनिया खत्म हो रही हो.
मार्च के दौरान में एक 8 साल के बच्चे ओरलैंडों से मिली, जो डायनासोर बनकर आया था. एक 16 साल का किशोर पेड़ बनकर आया था, जिसने कहा कि उसका ग्रुप चारागाहों का प्रतिनिधित्व कर रहा है. एक 80 साल के बुजुर्ग व्हीलचेयर पर आए थे, वो ढोल बजा रहे थे.
बारिश में 5 घंटे तक वीडियो बनाने के बाद मैं अपने हाथों को मुश्किल से महसूस कर पा रही थी. अपनी स्टोरी फाइल करने के लिए मैं एक स्थानीय कैफे में गई. अंत में मार्च केवल लोगों के लिए पार्टी नहीं थी, रिपोर्ट्स के अनुसार लोग इसमें गिरफ्तार भी हुए.
हालांकि मुझे लगता है कि COP26 समिट में हिस्सा ले रहे वैश्विक नेताओं को बाहर आकर रास्ते में ही प्रदर्शनकारियों से मिलना चाहिए था. यह एक अच्छी स्टोरी होती.
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