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संयुक्त राष्ट्र,डायनासोर और जलवायु परिवर्तन पर चिंता...UNDP का वीडियो देखा आपने?

इस वीडियो में जलवायु परिवर्तन के खतरों को लेकर आगाह किया गया है.

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31 अक्टूबर को ग्लासगो में क्लाइमेट चेंज समिट (COP26) शुरू हो रहा है. इसमें दुनियाभर के देश जलवायु परिवर्तन से जुड़ी चुनौतियों पर चर्चा करेंगे और इसे लेकर आगे की रूपरेखा तय करेंगे. इस समिट के शुरू होने से पहले यूनाइटेड नेशंस डेवलपमेंट प्रोग्राम (UNDP) के एक वीडियो ने लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा है. इस वीडियो में जलवायु परिवर्तन को खतरे को लेकर सचेत किया गया है.

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डायनासोर के जरिए जलवायु परिवर्तन को लेकर संदेश

इस वीडियो में दिखाया गया है कि संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक चल रही है और उसमें सभी देशों के प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं. उसी वक्त असेंबली हॉल में एक डायनासोर की एंट्री होती है. विलुप्त हो चुकी एक विशालकाय प्रजाति को देखकर हॉल में मौजूद सभी लोग डर जाते हैं.

हालांकि थोड़ी देर में ही अपनी डायनासोर उनका डर दूर कर देता है और मंच से लोगों को जलवायु परिवर्तन के खतरे के प्रति सचेत करता है.

इस वीडियो में डायनासोर कहता है, ''देखिए मुझे विलुप्त होने के बारे में एक-दो चीजें पता हैं. अपलोग सोच भी रहे होंगे कि मुझे तो पता ही होगा. मैं आपको बताना चाहता हूं कि विलुप्त होना एक बुरी चीज है.''

इसके बाद डायनासोर जलवायु परिवर्तन को लेकर मानव प्रजाति को सचेत करते हुए कहता है, ''7 करोड़ साल में खुद को विलुप्त होने की धकेलना सबसे बेकार है. कम से कम हम तो उल्का पिंड गिरने की वजह से विलुप्त हुए. लेकिन आपके पास विलुप्त होने पर क्या बहाना होगा?''

डायनासोर कहता है कि आप जलवायु से जुड़ी आपदा की ओर बढ़ रहे हैं, लेकिन फिर भी सरकारें हर साल जीवाश्म ईंधनों की सब्सिडी पर सैकड़ों अरब रुपये खर्च कर रही हैं. ऐसा करना उस तरह है, जैसे हमने (अपनी बर्बादी के जिम्मेदार) बड़े उल्का पिंडों के लिए सैकड़ों अरब की सब्सिडी दे दी हो.''

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डायनासोर आगे कहता है, ''सोचिए इतने पैसे का आप क्या-क्या कर सकते हैं. दुनियाभर में लोग गरीबी में जीवन जी रहे हैं. क्या इनकी मदद करना अपनी प्रजाति के खत्म होने के लिए पैसे देने से ज्यादा तार्किक नहीं है?''

अपनी बात जारी रखते हुए डायनासोर संदेश देता है कि अब आप कोरोना महामारी से उबर रहे हैं, आपकी अर्थव्यवस्था भी आगे बढ़ रही है, इसलिए आपके पास मौका है. बहाने मत बनाइए, बदलाव लाइए और अपनी प्रजाति को बचाइए.
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क्यों अहम है यह वीडियो

दरअसल, हाल ही में आई उत्सर्जन से जुड़ी ''इमिशन गैप रिपोर्ट'' में यह दावा किया गया है कि अलग-अलग देशों के तमाम दावों के बाद भी इस सदी के अंत तक धरती का तापमान 2.5 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा बढ़ने का अनुमान है. पहले इसे 1.5 डिग्री के अंदर सीमित करने का लक्ष्य रखा गया था.

इसी को लेकर COP26 में चर्चा होनी है, ताकि उत्सर्जन कम करने और अन्य कदम उठाने को लेकर देशों के बीच सहमति बन सके. इस वीडियो में देशों से जलवायु परिवर्तन को लेकर पर्याप्त कदम उठाने की अपील की गई है.

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