चीन में कोरोनावायरस की वजह से मरने वालों की संख्या बढ़कर 425 तक पहुंच चुकी है, जबकि पॉजिटिव मामलों की संख्या 20,438 हो गई है. इस संक्रमण से सबसे ज्यादा लोगों की मौतें हुबेई प्रांत में हुई हैं. हुबेई की राजधानी वुहान में दिसंबर में कोरोनावायरस का संक्रमण फैलना शुरू हुआ था और अब यह संक्रमण दुनिया के कई हिस्सों में फैल गया है.
इस बीच वुहान यूनिवर्सिटी से केरल के एक और छात्र के कोरोनावायरस से संक्रमित होने की पुष्टि होने के साथ भारत में 3 फरवरी को इस रोग का तीसरा मामला दर्ज किया गया. केरल की एलडीएफ सरकार ने इस महामारी को ‘राज्य आपदा’ घोषित कर दिया है.
तीसरे मामले की पुष्टि के कुछ घंटे बाद राज्य की स्वास्थ्य मंत्री केके शैलजा ने कहा कि मुख्यमंत्री पिनराई विजयन की सलाह पर इस संक्रामक रोग को ‘राज्य आपदा’ घोषित करने का फैसला लिया गया है. पिछले कुछ दिनों में त्रिशूर और अलप्पुझा में राज्य के दो स्टूडेंट में इस विषाणु की पुष्टि हुई है. इनमें से एक मेडिकल छात्रा है.
शैलजा ने कहा कि इन तीनों मरीजों का स्वास्थ्य संतोषजनक है. उन्होंने कहा, ‘‘अबतक कोरोनावायरस प्रभावित देशों की यात्रा करने वाले 2,239 लोगों की पहचान की गई है और उन्हें राज्य में निगरानी में रखा गया है. उनमें से 2155 के लिए घरों में अलग रहने का इंतजाम कराया गया है और 84 पृथक वार्ड में हैं.’’
भारत के दूसरे राज्यों में भी कोरोनावायरस प्रभावित देशों से लौटे लोगों की पहचान की गई है और सैंपल्स टेस्ट के लिए भेजे गए हैं.
कोरोनावायरस विषाणुओं का एक बड़ा समूह है लेकिन इनमें से केवल छह विषाणु ही लोगों को संक्रमित करते हैं. राष्ट्रीय वेक्टरजनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के सलाहकार डॉ. एसी धारीवाल ने न्यूज एजेंसी भाषा को हाल ही में बताया था, ''कोरोनावायरस का असर फ्लू की तरह के लक्षणों के रूप में दिखता है. इससे जुकाम, नाक बहना, गले में दर्द और सांस लेने में तकलीफ होती है. ऐसे में मधुमेह या निमोनिया सहित बाकी बीमारियों से जूझ रहे मरीजों को अतिरिक्त सावधानी बरतने की जरूरत होती है, क्योंकि पहले से बीमार लोगों में प्रतिरोधक क्षमता कम होने के कारण संक्रमण का खतरा ज्यादा होता है.''
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