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COVID-19: दुनियाभर में कैसे हो रहा इलाज? कौन सी दवाएं चर्चा में 

कोरोना वायरस से निपटने के लिए किस तरह आगे बढ़ रहे डॉक्टर और वैज्ञानिक

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दुनिया के ज्यादातर हिस्से इस वक्त नोवेल कोरोना वायरस के कहर से जूझ रहे हैं. दुनियाभर में अब तक इस वायरस से होने वाली बीमारी यानी COVID-19 के 2,197,100 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं, जबकि इससे 147,500 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है. अब तक 557,600 से ज्यादा लोग COVID-19 से उबर भी चुके हैं.

हालांकि अभी तक किसी ऐसे तरीके या दवा के बारे में पता नहीं चला है, जिसे वैश्विक स्तर पर COVID-19 के इलाज में पूरी तरह असरदार माना गया हो.

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ऐसे में इस वायरस से निपटने के लिए दुनियाभर के डॉक्टर और वैज्ञानिक दो प्रमुख अप्रोच अपना रहे हैं- जहां एक तरफ किसी अचूक दवा/वैक्सीन को लाने पर काम चल रहा है. वहीं दूसरी तरफ डॉक्टर अपनी समझ और मरीज की हालत के आधार पर पहले से मौजूद दवाओं या कॉन्वलेसन्ट प्लाज्मा थेरेपी जैसे तरीके का इस्तेमाल कर रहे हैं. 

चलिए, प्लाज्मा थेरेपी को समझने के साथ-साथ कुछ उन चर्चित दवाओं के बारे में भी जानते हैं, जो COVID-19 के इलाज के लिए डॉक्टरों के रडार पर हैं.

कॉन्वलेसन्ट प्लाज्मा थेरेपी

कई जगह COVID-19 के लिए इलाज में कॉन्वलेसन्ट प्लाज्मा थेरेपी असरदार साबित हुई है. इस थेरेपी के तहत COVID-19 से उबर चुके मरीज से लिया गया ब्लड प्लाज्मा नए मरीजों में इंजेक्ट किया जाता है. इस थेरेपी पर यकीन करने वाले विशेषज्ञों का मानना है कि ठीक हो चुके मरीज में बनीं कोरोना वायरस एंटीबॉडीज नए मरीज के शरीर में जाकर वायरस को बेअसर कर सकती हैं.

दरअसल यह एक पुराना तरीका है, जिसे कई सालों पहले पोलियो, खसरा और मम्प्स आदि से निपटने के लिए इस्तेमाल किया गया था.

हालांकि COVID-19 के इलाज के लिए अभी इस थेरेपी को वैश्विक स्तर पर मंजूरी नहीं मिली है क्योंकि कई जगह इसे लेकर ट्रायल जारी हैं.

Remdesivir

इस एंटीवायरल दवा को Gilead Sciences ने बनाया है. इस दवा को इबोला के खिलाफ टेस्ट किया गया था, जिसमें यह लगभग नाकाम रही थी. हालांकि COVID-19 के मरीजों पर इस दवा के एक ट्रायल की अगुवाई कर रही डॉक्टर कैथलीन ने STAT न्यूज को बताया, ''सबसे अच्छी खबर ये है कि हमारे बहुत से मरीज डिस्चार्ज हो चुके हैं.'' डॉक्टर कैथलीन यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो में संक्रामक बीमारियों की स्पेशलिस्ट हैं. दुनियाभर में इस दवा के और भी क्लिनिकल ट्रायल्स जारी हैं.

यह दवा लिक्विड के रूप में आती है, जिसे नसों के जरिए मरीज के शरीर में पहुंचाया जाता है. ऐसे में इससे इलाज के लिए मरीज को लगातार कई दिन (विशेषज्ञों के मुताबिक10 दिन तक) हॉस्पिटल या क्लिनिक जाना पड़ सकता है/वहां रहना पड़ सकता है. 

EIDD-2801

Emory यूनिवर्सिटी के इस एंटीवायरल को भी COVID-19 के इलाज के लिए उम्मीद भरी नजरों से देखा जा रहा है. यह दवा पिल फॉर्म में आती है. हालांकि, यह दवा कोरोना से निपटने में कितनी प्रभावी है, इस पर विशेषज्ञों की मजबूत राय सामने आना अभी बाकी है.

Hydroxychloroquine (HCQ)

COVID-19 महामारी के बीच दुनिया के कई हिस्सों में इस एंटी मलेरिया दवा की मांग तेजी से बढ़ी है. पिछले कुछ दिनों में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इस दवा पर काफी जोर देते दिखे हैं. हालांकि अमेरिका में अभी इस बात की पुष्टि के लिए क्लिनिकल ट्रायल्स जारी हैं कि यह दवा COVID-19 से लड़ने में कितनी प्रभावी है.

भारत 50 से ज्यादा देशों को यह दवा सप्लाई कर रहा है. इस दवा को लेकर दिल्ली स्थित सफदरजंग हॉस्पिटल के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉक्टर बलविंदर अरोड़ा ने हाल ही में कहा था, ''मेरी राय में HCQ निश्चित तौर पर काफी हद तक वायरस को सेल में घुसने से रोकती है, यही वजह है कि इसे हाई रिस्क COVID-19 मरीजों का इलाज कर रहे डॉक्टरों को दिया गया है.'' हालांकि उन्होंने साफ किया,

‘’इस (कोरोना) वायरस के इलाज के लिए HCQ ज्यादा प्रभावी नहीं है, जब तक कि इसे दूसरी एंटीवायरल दवाओं के साथ इस्तेमाल न किया जाए. WHO जैसी कई एंटिटीज ने पाया है कि अगर HCQ को दूसरी दवाओं के साथ इस्तेमाल किया जाए तो यह वायरस का इलाज करने में मददगार साबित हो सकती है.’’
डॉक्टर बलविंदर अरोड़ा, मेडिकल सुपरिंटेंडेंट, सफदरजंग हॉस्पिटल

एंटी इन्फ्लेमेटरी दवाएं

COVID-19 के इलाज में ऐसी दवाओं के असर पर भी ध्यान दिया जा रहा है, जो इम्यून सिस्टम को कंट्रोल करके इन्फ्लेमेशन घटाती हैं. इन दवाओं से इलाज का मकसद इम्यून सिस्टम के साइटोकीन स्टोर्म को रोकना है, क्योंकि यह लंग टिश्यू डैमेज करता है, जो COVID-19 के गंभीर मामलों में मौत की आम वजह होती है.

Actemra और Kevzara समेत बाजार में पहले से मौजूद कई एंटी इन्फ्लेमेटरी दवाओं को COVID-19 के मरीजों पर टेस्ट किया जा रहा है.

एंटी HIV दवाएं

पिछले दिनों भारत के राजस्थान से खबर आई थी कि वहां COVID-19 के इलाज में 2 एंटी-HIV दवाओं का कॉम्बिनेशन काफी असरदार साबित हुआ था. अमेरिका के न्यूयॉर्क सिटी से भी ऐसी ही खबरें आई थीं. मगर कई जगह क्लिनिकल ट्रायल में ऐसा कॉम्बिनेशन बेअसर भी साबित हुआ है.

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